गैंडा परियोजना | Rhinos Conservation GK in Hindi

 

गैंडा परियोजना Rhinos Conservation GK in Hindi


गैंडा परियोजना कब प्रारंभ हुई ?

गैंडों के संरक्षण के लिए वर्ष 1987 में गैंडा परियोजना प्रारंभ की गई।

एक सींग वाले गैंडे केवल भारत में पाए जाते हैं। इनके सींग का उपयोग औषधि निर्माण में होता है, इसलिए बड़े पैमाने पर इनका अवैध शिकार किया जाता है। परिणामस्वरूप इनकी संख्या में लगातार कमी हो रही है।

एक सींग वाले गैंडों के संरक्षण के लिए वर्ष 1987 में गैंडा परियोजना प्रारंभ की गई।

  • असम में स्थित मानस अभ्यारण्य एवं काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान तथा पश्चिम बंगाल में स्थित जालदापारा अभ्यारण्य गैंडो के प्रमुख शरणस्थली हैं। 
  • इंडोनेशिया, मलेशिया एवं अन्य एशियाई देशों में भी गैंडों का निवास है
  • वर्तमान वैश्विक आबादी के अनुसार एक सींग वाले भारतीय गैंडों की संख्या 3,584 है। भारत में असम राज्य के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में 2,938 गैंडे हैं, जबकि नेपाल में 646
  • हालाँकि भूटान में गैंडे नहीं हैं लेकिन असम से सटे मानस नेशनल पार्क और पश्चिम बंगाल में बक्सा टाइगर रिज़र्व से कभी-कभार कुछ गैंडे अंतर्राष्ट्रीय सीमा को पार कर जाते है।
  • चीन से लेकर बांग्लादेश तक जवन और सुमात्रन गैंडे विलुप्त होने वाले हैं।
  • सुमात्रन राइनो, सभी राइनो प्रजातियों में सबसे छोटा और दो सींगों वाला एकमात्र एशियाई गैंडा है, जो मलेशिया के जंगलों से विलुप्त हो गया है।
  • IUCN के प्रजाति उत्तरजीविता आयोग के एशियाई राइनो स्पेशलिस्ट ग्रुप के अध्यक्ष के अनुसार, वर्तमान में मलेशिया के सबा द्वीप में केवल एक तथा इंडोनेशिया में कुछ ही राइनो पाये जाते हैं।
  • IUCN प्रत्येक चार वर्ष में पृथ्वीप पर उपस्थित उन सभी प्रजातियों की सूची प्रकाशित करता है जो संकट में हैं। इस सूची को ‘IUCN रेड लिस्ट  ऑफ थ्रेटेंड स्पीसीज़’ (IUCN-Red List of Threatened Species) कहा जाता है।
  • रेड लिस्ट दुनियाभर के वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के आधार पर तैयार की जाती है, इसलिये दुनिया में जैवविविधता पर इसे सबसे प्रामाणिक और विश्वरसनीय सूची माना जाता है।
  • IUCN द्वारा जारी की जाने वाली इसी रेड लिस्ट के अंतर्गत भारत में उड़ने वाली गिलहरी, एशियाई सिंह, काले हिरण, गेंडे, गंगा डॉल्फिन, बर्फीले तेंदुए सहित अनेक जीवों को संकटग्रस्त करार दिया गया है।

 गैंडा परियोजना का इतिहास 

  • 1905 में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान को पहली बार एक सींग वाले गैंडे के संरक्षण के लिये अधिसूचित किया गया था जब इनकी संख्या 10 से भी कम हो गई थी।
  • 1908 में इसका गठन विशेष रूप से एक सींग वाले गैंडे के संरक्षण के लिये संरक्षित वन के रूप में कर दिया गया।
  • 1970 के दशक में गैंडों की संख्या कुछ सौ थी जो वर्तमान में 3,584 है।
  • काजीरंगा नेशनल पार्क को वर्ष 1985 में यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में शामिल में किया गया था।

विश्व गैंडा दिवस (World Rhino Day)

22 सितंबर को गैंडों की देखरेख, सुरक्षा और संरक्षण में जागरूकता फैलाने के लिये विश्व गैंडा दिवस (World Rhino Day) मनाया जाता है।

सर्वप्रथम वर्ष 2010 में विश्व वन्य जीव कोष-अफ्रीका ने 22 सितंबर को 'विश्व गैंडा दिवस’ मनाने की शुरुआत की थी

गैंडा स्तनपायी के बारे में 

  • गैंडा स्तनपायी और पूरी तरह शाकाहारी प्राणी है। 
  • विश्व में गैंडे की पाँच प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से दो अफ्रीका में तथा तीन दक्षिण एशिया के देशों में मिलती हैं।
  • एशियाई गैंडों में भारतीय गैंडा आकार में सबसे बड़ा होता है। भारतीय गैंडा पहले पाकिस्तान के सिंध प्रांत से लेकर नेपाल, भूटान, भारत और म्याँमार में पाया जाता था लेकिन वर्तमान में यह भारत के असम में स्थित काजीरंगा नेशनल पार्क में पाये जाते हैं। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के दुधवा नेशनल पार्क में कुछ गैंडे भी पाए जाते हैं।
  • भारत में गैंडे वर्ष 1850 तक बंगाल और उत्तर प्रदेश के तराई इलाके में भी में पाए जाते थे। 
  • भारत में गैंडों के संरक्षण तथा प्रजनन को बढ़ावा देने के लिये बिहार की राजधानी पटना में केंद्र सरकार के सहयोग से भारत का पहला राष्ट्रीय गैंडा प्रजनन एवं संरक्षण केंद्र बनाया गया है।

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