गैर नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन | अनवीकरणीय संसाधन

 

गैर नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन

गैर नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन Non-renewable energy resources

ऐसे ऊर्जा  संसाधन जिनके भंडार पृथ्वी पर सीमित हैं तथा जिनका प्राकृतिक क्रियाओं द्वारा पुनस्र्थापन नहीं हो सकता, गैर-नवीकरणीय ऊर्जा  संसाधन कहलाते हैं। सीमित मात्रा तथा अनियंत्रित उपयोग के कारण ये संसाधन धीरे-धीरे समाप्ति की ओर अग्रसर हैं। इनकी प्रकृति अचक्रीय है अर्थात इनका पुनर्भरण नहीं किया जा सकता । उदाहरण- कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, नाभिकीय ऊर्जा  आदि।

गैर नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों के बढ़ते उपयोग के कारण पर्यावरणीय क्षति देखने को मिलती है इसलिए ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोत अधिक महत्वपूर्ण तथा प्रांसगिक हो गये हैं। जैसे कोये से विद्युत उत्पादन से पर्यवरण में हानिकारक गैसों की सांद्रता बढ़ती है जिससे मानव तथा अन्य जीव-जंतुओं पर हानिकारक प्रभाव पड़ता हैं

कोयला Coal

  • कोयला बहुतायत में पाया जाने वाला गैर नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोत है। कोयले से विद्युत ऊर्जा  प्राप्त की जाती हैं जिसकी गुणवत्ता इसमें उपस्थित कार्बन की मात्रा निर्भर करती है। लिग्नाइट में 40-55 प्रतिशत कार्बन, बिटुमिनस में 55-80 प्रतिशत कार्बन तथा एंथ्रेसाइट में 80-95 प्रतिशत कार्बन उपस्थित होती हैं
  • भारत में छोटो नागपुर पठार कोयले की प्रचुरता वाला क्षेत्र है जिसके अंतर्गत रानीगंज (पश्चिम बंगाल) झारिया, धनबाद तथा बोकारो आदि क्षेत्र आते हैं।
  • विश्व में कोयले का सबसे अधिक उत्पादन चीन, भारत , अमेरिका आस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया द्वारा किया जाता है।

पेट्रोलियम Petroleum

  • पेट्रोलियम, हाइड्रोजन तथा कार्बन का यौगिक है। यह अवसादी शैलों की परतों के मध्य पाया जाता है। पेट्रोलियम को तटीय एवं अपतटीय क्षेत्रों से निकाला जाता है। तत्तपश्चात इसका परिष्करण किया जाता है। इससे विभिन्न प्रकार के उत्पाद जैसे डीजल, मिट्टी का तेल, मोम, प्लास्टिक आदि बनते हैं।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका, साउदी अरब, रूस, ईरान आदि विश्व में पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्र हैं।

प्राकृतिक गैस Natural Gas

  • प्राकृतिक गैस हाइड्रोकार्बन का मिश्रण होती है। जिसमें मुख्यतः मीथेन गैस पाई जाती है। यह गैस प्राकृतिक रूप से पेट्रोलियम के साथ पाई जाती है जिसे परिष्करण प्रक्रिया के पश्चात पेट्रोलियम से अलग किया जाता है।
  • उच्च ऊष्मीय मान तथा नगण्य प्रदूषण के कारण प्राकृतिक गैस एक उत्तम घरेलू ईंधन है। पाइप लाईनों के माध्यम से लंबी दूरी तक इसका परिवहन किया जाता है।

प्राकृतिक गैस दो रूपों में पाई जाती है-

संपीडित प्राकृतिक गैस CNG (Compressed Naual Gas)

  • यह समान्य वायुदाब पर प्राकृतिक गैस के बराबर आयतन घेरती है। इस आयतन के लगभग 1 प्रतिशत तक संपीडित करके सी.एन.जी. का निर्माण किया जाता है। सी.एन.जी. सामान्य प्राकृतिक गैस की तुलना में अधिक पर्यावरण अनुकूल होती है। इसे कारों तथा ट्रेन के इंजनों में ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है।

द्रवीकृत प्राकृतिक गैस LNG (Liquefied Natural Gas)

  • प्राकृतिक गैस को 160 डिग्री सेल्सियस तापमान तक ठंडा करने पर यह द्रव अवस्था में परिवर्तित हो जाती है। एल.एन.जी. सामान्य प्राकृतिक गैस के आयतन की तुलना में 600 गुना कम आयतन घेरती है।
  • पाइपलाइन परिवहन की सुविधा उपलब्ध न होने पर विशिष्ट टैंकों में प्राकृतिक गैस का द्रवीकृत रूप में परिवहन सरल एवं सुरक्षित होता है।

शेल गैस Shale Gas

  • शेल गैस,प्राकृतिक गैस के गैर-परम्परागत स्त्रोतों में से एक है। यह चट्टानों के मध्य फंसी हुई पाई जाती है। प्राकृतिक गैस की तरह शेल गैस छिद्रमय चट्टानों से होते हुये ऊपर नहीं आती बल्कि एक विशेष स्थान पर फॅस कर रह जाती हैं
  • शेल गैस के दोहन के लिए क्षैतिज ड्रिलिंग  और हाइड्रोलिक विघटन  तकनीक का प्रयोग किया जाता है। इसके दोहन में मुख्य चुनौती भूमिगत जल के प्रदूषित होने की है।
  • भारत में शेल गैस कैम्बे बैसिन, कृष्णा गोदावरी बेसिन, कावेरी बेसिन, दामोदर बेसिन तथा गोंडवाना आदि क्षेत्रों में पाई जाती है।
  • विश्व में इसके प्रमुख उत्पादक देश अमेरिका, कनाड़ा तथा चीन हैं।

कोल बेड मेथेन Coal Bed Methane

  • कोल बेड मेथेन प्राकृतिक गैस का ही गैर परम्परागत रूप है जो कोयला निर्माण पक्रिया से उत्पन्न होती है। यह कोयला संस्तरों में संचित रहती है। तथा कोयला खनन प्रक्रिया के दौरान निर्मुक्त होती हैं इसका निष्कर्षण शेल गैस के समान ही होता है।
  • अमेरिका, कनाड़ा कोल बेड मेथेन उत्पादन में अग्रणी देश हैं। तथा भारत  में झारखण्ड, गुजरात एवं राजस्थान में यह प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।

ताप विद्युत Thermal Power

  • ताप विद्युत का उत्पादन कोयला, पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस के प्रयोग से किया जाता है। ताप विद्युत गुह अनवीकरणीय जीवश्म ईंधन का प्रयोग कर विद्युत उत्पादन करते हैं। कुल उत्पादित बिजली का 69.70 प्रतिशत भाग ताप विद्युत संयत्रों से उत्पादित होता है।
  • ताप विद्युत को प्रोत्साहन देने के लिए वर्ष 1975 में राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम नई दिल्ली की स्थापना की गई थी। जिसके पश्चात ताप विद्युत उत्पादन तीव्र गति से बढ़ा।
  • ताप विद्युत उत्पादन में महाराष्ट्र का प्रथम स्थान है, जिसके पश्चात क्रमशः उत्तर प्रदेश, गुजरात तथ पश्चिम बंगाल का स्थान है।

नाभिकीय ऊर्जा Nuclear Energy

  • परमाणु ऊर्जा प्राकृतिक रूप से प्राप्त रेडियोएक्टिव पदार्थों जैसे -यूरेनियम और थोरियम के परमाणुओं के नाभिक में संग्रहित ऊर्जा से प्राप्त की ये पदार्थ नाभिकीय रिएक्टरों में नाभिकीय विखंडन की प्रक्रिया से गुजरते हैं। और इससे ऊर्जा की प्राप्ति होती है।
  • परमाणु ऊर्जा अणुओं की संरचना को बदलने से प्राप्त की जाती है। जब ऐसा परिवर्तन किया जाता है तो ऊष्मा के रूप में अधिक मात्रा में ऊर्जा विमुक्त होती है और इसका उपयोग विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करने में किया जाता है।
  • परमाणु ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए ईंधन के रूप में प्रयोग किए जाने वाले महत्वपूर्ण परमाणु खनिज यूरेनियम एवं थोरियम हैं।
  • भारत में राजस्थान और झारखण्ड के पास यूरेनियम के विशाल भंडार हैं।
  • भारत में यूरेनियम अल्प मात्रा में उपलब्ध है इसलिए भारत अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए यूरेनियम के आयात पर निर्भर है।
  • यूरेनियम के निक्षेप धारवाड़ शैलों में पाये जाते हैं। भौगोलिक रूप से यूरेनियम अयस्क सिंहभूमि ताॅबा पट्टी के सथ अनेक स्थानों पर मिलते हैं।यह राजस्थान के उदयपुर, अवलब, झंुझुन, महाराष्ट्र के भंडारा, छत्तीसगढ़ के दुर्ग, हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में भी पाया जाता है।
  • विश्व के सबसे समृद्ध मोनाजाइट निक्षेप केरल के पलक्कड़ तथा कोल्लम जिलों आंध्रप्रदेश के विशाखापतनम् तथा ओडिशा में महानदी डेल्टा में पाये जाते हैं।
  • वैश्विक स्तर पर परमाणु ऊर्जा के सबसे बड़े उत्पादक संयुक्त राज्य अमेरिका तथा यूरोपीय संघ हैं।
  • तमिलनाडु में कलपक्कम, व कुडनकुलम, महाराष्ट्र में तारापुर, गुजरात में काकरापार, राजस्थान में कोटा के निकट रावतभाटा, उत्तरप्रदेशा में नरौरा तथा कर्नाटक में कैगा भारत में स्थित परमाणु ऊर्जा के प्रमुख केन्द्र हैं।

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