भौतिक भूगोल अर्थ | भौतिक भूगोल की उपशाखा
भूगोल की परिभाषा
- भूगोल एक विकासशील विज्ञान है, जिसका अध्ययन पृथ्वी की उत्पत्ति के साथ ही प्रारंभ हो गया था, परन्तु अध्ययन क्षेत्र और उद्देश्य समय परिवर्तन के साथ परिवर्तित होते रहे हैं।
- प्रांरभ में भूगोल को Geo अर्थात् पृथ्वी और Graphy = Description अर्थात वर्णन करना माना जाता था। दूसरे शब्दों में भूगोल को पृथ्वी का वर्णन मात्र समझा जाता था। इरेटॉस्थनीज ने सर्वप्रथम ‘ज्योग्राफिया अर्थात् भूगोल का जनक माना जाता है।
- स्ट्रैबो नाम महान भूगोलवेत्ता एवं इतिहासकार
के अनुसार ‘‘भूगोल एक ऐसा स्वतंत्र विषय है, जिसका उद्देश्य लोगों के इस विश्व का, आकाशीय पिण्डों का तथा थल, महासागर, जीव-जंतुओं,
वनस्पतियों, फलों और पृथ्वी के क्षेत्रों में देखी
जाने वाली प्रत्येक अन्य वस्तु का ज्ञान प्राप्त करना था।‘‘
- टाल्मी के शब्दो में ‘‘ भूगोल व आभामय विज्ञान है जो पृथ्वी की
झलक स्वर्ग में देखता है‘‘
- रिटर के शब्दों में ‘‘ भूगोल विज्ञान का वह भाग है जिसमें भूमण्डल के सभी लक्षणों, घटनाओं और उनके संबंधों का पृथ्वी का स्वतंत्र मानते हुए वर्णन किया जाता है।
- फ्रोबेल के अनुसार
- भूगोल वह प्राकृतिक विज्ञान है जिसमें भूतल का अध्ययन क्रमिक विधि के द्वारा किया जाता है अर्थात उच्चावन, जलवायु, वनस्पति, पशुओं और मानव की बारी-बारी से लेकर, उन सबके अंदर विभिन्न कारको के पारस्परिक संबंधों को स्पष्ट करना चाहिए।
- हम्बोल्ट सामान्य भूगोल के लिए ‘‘भौतिक भूगोल‘‘ शब्द का प्रयोग करता था और इसके अंतर्गत मानव के अध्ययन को भी सम्मिलत रखता था।
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भूगोल का वर्गीकरण
भौगोलिक ज्ञान का प्रारंभ मानवीय संस्कृति के
विकास के साथ हो गया था। भूगोल को दो प्रारंभिक भागों में विभाजित किया जा सकता
है-
- मानव भूगोल
- भौतिक भूगोल
भौतिक भूगोल
भौतिक भूगोल में सौरमण्डल की उत्पत्ति, नक्षत्रों से सूर्य, चन्द्रमा एवं पृथ्वी का संबंध, चट्टानों की संरचना, भू-रक्षण, निक्षेपण अपरदन चक्र, जल, पवन, हिमानी द्वारा निर्मित भू-दृश्यों का
विश्लेषण, वायुमंडल की दशाएं व मौसम, ऋतु परिवर्तन जलवायु, महासागरीय तल एवं संरचना, तापक्रम, लवणता, समुद्री निक्षेप, धाराएं, ज्वार-भाटा,
हिमदन की आकृति, गति, मिट्टी की संरचना विशेषताएं एवं गुण, वनस्पति, जंतुओ का वितरण एवं स्वरूप, मानव स्वास्थ्य एवं रोग संबंधी
अध्ययनों का विश्लेषण किया जाता है, इन्हीं
अध्ययनों की विभिन्नताओं के कारण इसके पृथक-पृथक शास्त्रों का वर्णन किया गया है।
भौतिक भूगोल की उपशाखा
खगोलीय भूगोल
- मानव ने प्रातः सूर्य के दर्शन किए और रात्रि को चन्द्रमा तथा असंख्य तारागाणों को जगमगाते देखा है। सूर्य, चन्द्रमा और तारागणों का पृथ्वी से अति घनिष्ट संबंध है। पृथ्वी की उत्पत्ति सूर्य से और चन्द्रमा की उत्पत्ति पृथ्वी से हुई है। सूर्य और उसके आठ ग्रहों के समूह को सौरमण्डल कहते हैं।
मिश्रित भौतिक भूगोल
- पृथ्वी पर नदी, पठार, पहाड़, पर्वत आदि भौतिक दृश्यों की उत्पत्ति भू-रासायनिक विधियों सामयिक आवर्तिता, प्रादेशिक विभिननताओं आदि का अध्ययन मिश्रित भौतिक भूगोल में किया जाता है।
भू-आकृति विज्ञान
- भू-आकृति विज्ञान में चट्टानों की उत्पत्ति, उनके खनिज, पृथ्वी की आंतरिक संरचना, भूकंप, ज्वालामुखी उद्गार, पर्वत निर्माण क्रम, भू-रक्षण, निक्षेपण, समतलीकरण, अपरदन चक्र, जलवायु, हिमानी और भूमिगत जल के अपरदनात्मक, परिवहनात्मक और निक्षेपणात्मक कार्याें का विश्लेषण किया जाता है।
जलवायु विज्ञान
- मिश्रित भौतिक भूगोल की यह प्रमुख शाख है, इसमें वायुमंडल में होने वाले परिवर्तन मौसम, मेघ, वर्षा, वायुराशियां, आंधी-तूफान आदि का अध्ययन किया जाता है। इसके अंतर्गत विश्व को प्रमुख जलवायु विभागों में विभाजित कर उनका विश्लेषण कर मानव पर उनके प्रभावों का उल्लेख किया जाता है।
जल विज्ञान
- पृथ्वी पर स्थलखण्ड की तुलना में जल मंडल दो गुने से अधिक भाग में विस्तृत है, इसके अंतर्गत हम प्रमुख जलराशियों, नदी, जलाशय, सागर, महासागर, अधोभौमिक जल की स्थिति, स्वरूप और उनमें होने वाली प्रमुख गतिविधियों का अध्ययन किया जाता है।
समुद्र विज्ञान
- इस विज्ञान में सागर एवं महासागरों की उत्पतित, तल, संरचना, तापमान, लवणीयता, सामुद्रिक निक्षेप, तरंग, जलधारा,ज्वार-भाटा और उनके द्वारा मानव पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया जाता है।
हिमनद विज्ञान
- हिमनद की उत्पत्ति, आकार, स्वरूप, गति और हिमनद के द्वारा अपरदन, निक्षेपण कार्यों और उसके द्वारा निर्मित भू-आकृतियों का वर्णन हिमनद विज्ञान में किया जाता है।
मृदा भूगोल
- इस विज्ञान में मिट्टी की संरचना, स्वरूप, विशेषताओं, गुणों, खजिन समावेशों का वर्णन किया जाता है। मिट्टी पर रासायनिक प्रभावों का उल्लेख भी इसी विज्ञान में किया जाता है।
जैव भूगोल
- पृथ्वी तल पर पाए जाने वाले जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की उत्पत्ति, विकास, वितरण और स्वरूप का अध्ययन इस विज्ञान में होता है। वनस्पति भूगोल एवं जंतु विज्ञान इसकी उपशाखाएं हैं।
स्वास्थ्य भूगोल
- विश्व में पाए जाने वाले भौगोलिक वातावरण में प्रदूषण अथवा अशुद्धीकरण के कारण मानव को अनेक प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं, इनके भौगोलिक अध्ययन और निवारण हेतु उपाय आदि का अध्ययन स्वास्थ्य भूगोल में किया जाता है।
भौतिक भूगोल के सभी विषयों को बिंदूवार
- ब्रम्हाण्ड
- सौरमंडल
- स्थलमंडल और चट्टाने
- ज्वालामुखी
- भूकम्प
- भूमि के प्रकार (पर्वत, पठार और मैदान)
- पर्वत
- पठार
- मैदान
- झील
- जलवायु मंडल
- वायुमंडल
- विश्व में तापमान का वितरण
- वायुदाब और पवन
- विश्व की हवाएं
- जलवायु के प्रकार
- विश्व की जलवायु
- चक्रवात प्रतिचक्रवात
- जलमंडल
- विश्व के महासागर
- विश्व के प्रमुख सागर
- ज्वार-भाटा
- महासागरीय धाराएं
- प्रवाल भित्तियाँ
- महसागरीय निक्षेप
- लहरें
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