Rashtriya Balsanrakshan ayog |राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग| National Commission for Protection of Child Rights in hindi


National Commission for Protection of Child Rights in hindi

राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग


23 फरवरी, 2007 को बच्चों को अत्याचार तथा उत्पीड़न से बचाने के लिए राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग का गठन कर दिया गया। आयोग का पहला अध्यक्ष मैग्सेसे अवार्ड विजेता शांता सिन्हा को बनाया गया इसमेँ छह सदस्य होंगे। इसका कार्यकाल तीन वर्ष का होगा।

बाल अत्याचार और बाल अपराध रोकने मेँ आयोग की मुख्य भूमिका होगी। इसे सिविल न्यायालय की तरह अधिकार होंगे। इसका स्वरुप राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की तरह होगा।

राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के प्रमुख कार्य 



  • यह बच्चो को आतंकवाद, सांप्रदायिक हिंसा, प्राकृतिक आपदा व घरेलू हिंसा से बचाने के लिए काम करेगा।
  • बच्चो का शोषण व उन पर अत्याचार न हो, इसका ध्यान रखेगा।
  • आयोग बाल अधिकारोँ से जुड़े किसी भी मामले की जांच कर सकता है। साथ ही, राज्य सरकारोँ व पुलिस  को निर्देश जारी कर सकता है। इसके पास बच्चों को सताने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सम्मन, नोटिस जारी करने का अधिकार होगा।

No comments:

Post a Comment

Powered by Blogger.