भारत का पहला ग्रीन वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट मध्य प्रदेश के इंदौर
स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के
तहत भारत का पहला सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) ग्रीन वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट मध्य प्रदेश के इंदौर में
स्थापित किया गया।
ग्रीन वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट महत्वपूर्ण बातें
भागीदारी और संचालन
एस्ट्रोनॉमिकल इंडस्ट्रीज
प्राइवेट लिमिटेड ने प्लांट की स्थापना, संचालन और रखरखाव के लियेइंदौर नगर निगम (IMC)
के साथ भागीदारी
की है।
अपशिष्ट प्रसंस्करण
यह प्लांट लकड़ी, शाखाओं, पत्तियों और
फूलों जैसे हरे कचरे को चूरा में संसाधित करेगा, जिसे सुखाया जाएगा, जिससे 3-4 महीनों में नमी
की मात्रा 90% तक घट जाएगी।
प्रसंस्कृत चूरा का उपयोग
चूरा का उपयोग वैकल्पिक
ईंधन, पैकेजिंग सामग्री
और बायोडिग्रेडेबल प्लेटों के लिये किया जाएगा।
पर्यावरणीय प्रभाव
इस पहल से वायु प्रदूषण
को नियंत्रित करने, वायु गुणवत्ता
सूचकांक (AQI) में सुधार करने
और कोयले पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।
यह प्रसंस्कृत चूरा से
उर्वरकों का उत्पादन करके मिट्टी की उर्वरता में भी योगदान देगा।
स्वच्छ भारत मिशनपरिचय:
आवास और शहरी कार्य
मंत्रालय (Ministry of
Housing and Urban Affairs) ने 2 अक्तूबर, 2014 को शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता, सफाई और उचित
अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-U) की शुरुआत एक
राष्ट्रीय अभियान के रूप मेंकी थी।
इसका उद्देश्य पूरे भारत
के शहरों और कस्बों को स्वच्छ एवं खुले में शौच से मुक्त बनाना है।
स्वच्छ भारत मिशन की
उपलब्धियाँ:
पिछले 9 वर्षों में 12 करोड़ शौचालय
बनाए गए हैं, जिससे देश को
खुले में शौच के संकट से मुक्ति मिली है और साथ ही कुल गाँवों में से 75% ने खुले में शौच
मुक्त (ODF) प्लस का दर्जा
प्राप्त कर लिया है।
शहरी भारत खुले में शौच
से मुक्त (ODF) हो गया है, सभी 4,715 शहरी स्थानीय
निकाय (ULBs) पूरी तरह से ODF हो गए हैं।
3,547 ULBs कार्यात्मक तथा स्वच्छ सामुदायिक और सार्वजनिक
शौचालयों के साथ ओडीएफ+ हैं, साथ ही 1,191 ULBs पूर्ण मल कीचड़ प्रबंधन के साथ ODF++ हैं।
14 शहर Water+ प्रमाणित हैं, जिसमें अपशिष्ट जल के उपचार के साथ इसका इष्टतम पुन: उपयोग
भी शामिल है।
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