सरदार उधम सिंह की जयंती | Sardar Udham Singh Jyanti
सरदार उधम सिंह की जयंती
26 दिसंबर को सरदार उधम सिंह की जयंती मनाई गई, जिसमें जलियाँवाला बाग हत्याकांड में न्याय के अथक प्रयास के प्रतीक के रूप में उनकी विरासत का स्मरण किया गया।
सरदार उधम सिंह जीवन परिचय
जन्म एवं प्रारंभिक जीवन:
- उधम सिंह का जन्म 26 दिसंबर 1899 को पंजाब के संगरूर ज़िले के सुनाम में हुआ था। कम आयु में ही माता-पिता की मृत्यु हो जाने पर यह अमृतसर के केंद्रीय खालसा अनाथालय में पले-बढ़े।
जलियाँवाला बाग हत्याकांड के प्रत्यक्षदर्शी:
- उधम सिंह 13 अप्रैल 1919 के जलियाँवाला बाग हत्याकांड में जीवित बचे थे, जहाँ ब्रिटिश ब्रिगेडियर जनरल डायर के नेतृत्व में सेना ने 400 से अधिक निहत्थे नागरिकों की हत्या कर दी थी।
क्रांतिकारी गतिविधियाँ:
- इस नरसंहार से गहराई से प्रभावित होकर उधम सिंह वर्ष 1924 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ विदेशों में भारतीयों को संगठित करने के लिये गदर पार्टी में शामिल हो गए।
- वर्ष 1927 में फायरआर्म रखने के जुर्म में उन्हें पाँच वर्ष के कारावास की सज़ा सुनाई गई।
बदला और फाँसी:
- 13 मार्च 1940 को उधम सिंह ने लंदन के कैक्सटन हॉल में एक बैठक के दौरान माइकल ओ' डायर की हत्या कर दी।
- उन्हें 31 जुलाई 1940 को लंदन के पेंटनविले जेल में फाँसी दे दी गई।
विरासत:
- शहीद-ए-आज़म के रूप में सम्मानित, उधम सिंह के अवशेषों को वर्ष 1974 में वापस लाया गया।
- उनके कार्य औपनिवेशिक उत्पीड़न के विरुद्ध अटूट प्रतिरोध का प्रतीक हैं।
- 31 जुलाई को सरदार उधम सिंह का शहीदी दिवस मनाया गया। ध्यातव्य है कि सरदार उधम सिंह जिन्हें 31 जुलाई, 1940 को लंदन में फाँसी दी गई थी, को जलियाँवाला बाग नरसंहार के लिये न्याय पाने के भारत के अटूट संकल्प का प्रतीक माना जाता है।
सरदार उधम सिंह की पर भाषण
- 26 दिसंबर, 1899 को पंजाब के सुनाम में जन्मे उधम सिंह सिख धर्म और क्रांतिकारी गतिविधियों से जुड़े थे, जिसमें कोमागाटा मारू घटना एवं गदर पार्टी विद्रोह शामिल था, जिसने उनके ब्रिटिश उपनिवेशवाद विरोधी रुख को आकार दिया।
- उधम सिंह वर्ष 1919 के जलियाँवाला बाग नरसंहार से बहुत प्रभावित हुए थे, जिसमें ब्रिटिश सैनिकों ने सैकड़ों निहत्थे भारतीयों को मार डाला था।
- उधम सिंह ने पंजाब के तत्कालीन लेफ्टिनेंट गवर्नर माइकल ओ'डायर जिसने जलियाँवाला नरसंहार का आदेश दिया था, की हत्या करके नरसंहार का बदला लेने की कसम खाई।
- वर्ष 1924 में, उधम सिंह औपनिवेशिक शासन को उखाड़ फेंकने के लिये गदर पार्टी में शामिल हो गए। वर्ष 1927 में, उन्हें अवैध रूप से आग्नेयास्त्र रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और पाँच साल की जेल की सज़ा सुनाई गई।
- वर्ष 1940 में, उधम सिंह ने लंदन के कैक्सटन हॉल में एक बैठक के दौरान माइकल ओ'डायर की सफलतापूर्वक हत्या कर दी। यह कृत्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक प्रभावी प्रत्युत्तर था।
- उधम सिंह पर मुकदमा चलाया गया व उन्हें मौत की सज़ा सुनाई गई और लंदन के पेंटनविले जेल में फाँसी दे दी गई।
- उत्तराखंड के एक ज़िले, उधम सिंह नगर का नाम वर्ष 1995 में उनके नाम पर श्रद्धांजलि के रूप में रखा गया।
जलियांवाला बाग हत्याकांड:
- 13 अप्रैल, 1919 को जलियांवाला बाग में आयोजित एक शांतिपूर्ण बैठक में शामिल लोगों पर ब्रिगेडियर जनरल रेगीनाल्ड डायर ने गोली चलाने का आदेश दिया था, जिसमें हज़ारों निहत्थे पुरुष, महिलाएँ और बच्चे मारे गए थे।
- ये लोग रॉलेट एक्ट 1919 का शांतिपूर्ण विरोध कर रहे थे।
- वर्ष 1940 में सरदार उधम सिंह ने जनरल डायर की हत्या कर दी थी।
रॉलेट एक्ट 1919:
- प्रथम विश्व युद्ध (1914-18) के दौरान भारत की ब्रिटिश सरकार ने दमनकारी आपातकालीन शक्तियों की एक शृंखला बनाई जिसका उद्देश्य विध्वंसक गतिविधियों का मुकाबला करना था।
- इस संदर्भ में सर सिडनी रॉलेट की अध्यक्षता वाली राजद्रोह समिति की सिफारिशों पर यह अधिनियम पारित किया गया था।
- इस अधिनियम ने सरकार को राजनीतिक गतिविधियों को दबाने के लिये अधिकार प्रदान किये और दो साल तक बिना किसी मुकदमे के राजनीतिक कैदियों को हिरासत में रखने की अनुमति दी।

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