वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट 2024-25 (Global Economic Prospects Report)
विश्व बैंक द्वारा हाल ही
में जारी वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट (Global Economic Prospects Report) के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में 66% की अनुमानित सकल
घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर के साथ
भारत विश्व में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट की प्रमुख बातें
वैश्विक स्तर पर
विकास का दृष्टिकोण (Growth Outlook): रिपोर्ट के
अनुसार, तीन वर्षों में
पहली बार वैश्विक अर्थव्यवस्था वर्ष 2024 में स्थिर होने के संकेत दे रही है।
वैश्विक स्तर पर सकल
घरेलू उत्पाद की वृद्धि अब वर्ष 2024-25 के लिये 2.6% रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2026 और वित्त वर्ष 2027 के लिये, व्यापार और निवेश
में मामूली वृद्धि के बीच वैश्विक विकास 2.7% रहने की उम्मीद है।
वैश्विक मुद्रास्फीति का
अनुमान: विश्व बैंक का अनुमान है कि इस वर्ष वैश्विक मुद्रास्फीति में धीमी गति से
कमी आएगी, जो औसतन 3.5% रहेगी।
उन्नत और उभरती बाज़ार
अर्थव्यवस्थाओं के केंद्रीय बैंकों से अपेक्षा की जाती है कि वे जारी मुद्रास्फीति
दबावों के कारण मौद्रिक नीति को आसान बनाने के प्रति सतर्क रहें।
वैश्विक विकास की चुनौतियाँ:
निकट भविष्य में कुछ सुधार के बावजूद भू-राजनीतिक तनाव, व्यापार विखंडन, उच्च ब्याज दरें
और जलवायु संबंधी आपदाओं जैसे कारकों के कारण वैश्विक परिदृश्य मंद बना हुआ है।
इसमें व्यापार की सुरक्षा, हरित और डिजिटल
बदलावों को समर्थन, ऋण राहत प्रदान
करने और खाद्य सुरक्षा बढ़ाने के लिये वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर भी बल दिया
गया है।
दक्षिण एशियाई क्षेत्र (SAR):
विकास परिदृश्य: दक्षिण
एशिया क्षेत्र में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर वर्ष 2023 के 6.6% से घटकर वर्ष 2024 में 6.2% हो जाने का
अनुमान है, इसका मुख्य कारण
हाल के वर्षों में भारत की उच्च विकास दर में आई कमी है।
बांग्लादेश जैसे अन्य
देशों की अर्थव्यवस्थाओं में भी धीमी गति से सुदृढ़ वृद्धि होने की उम्मीद।
पाकिस्तान और श्रीलंका की
आर्थिक गतिविधियों के सुदृढ़ीकरण की उम्मीद है।
निर्धनता में कमी:
रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण एशियाई क्षेत्र में प्रति व्यक्ति आय वृद्धि वर्ष 2023 में 5.6% थी जो घटकर वर्ष
2024-25 में 5.1% होने की उम्मीद
है और उसके पश्चात् वर्ष 2026 में यह 5.2% हो जाएगी।
यह धीमी गति, निजी उपभोग/खपत
में अपेक्षा से कम वृद्धि और राजकोषीय समायोजन के कारण है जो घरेलू आय को कम कर
सकता है।
वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट 2024 और भारत:
भारत की आर्थिक प्रगति:
दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत ने क्षेत्रीय विकास में महत्त्वपूर्ण
योगदान दिया है।
औद्योगिक और सेवा
क्षेत्रों के योगदान से वित्त वर्ष 2024 के लिये देश की विकास दर 8.2% रहने का अनुमान है, जिसने मानसून
व्यवधानों के कारण कृषि उत्पादन में आई मंदी की भरपाई की।
राजकोषीय और व्यापार
संतुलन: भारत में, व्यापक कर आधार
से राजस्व में वृद्धि के कारण सकल घरेलू उत्पाद के सापेक्ष राजकोषीय घाटे में कमी
आने का अनुमान है।
विशेष रूप से भारत में
व्यापार घाटा कम हो रहा है,
जिससे दक्षिण
एशियाई क्षेत्र में समग्र आर्थिक स्थिरता में योगदान मिला।
MOSPI और RBI द्वारा भारत का GDP पूर्वानुमान
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम
कार्यान्वयन मंत्रालय (MOSPI)
के आँकड़ों के
अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 की GDP वृद्धि दर अनंतिम
रूप से 8.2% है, जबकि वित्त वर्ष 23 में वृद्धि दर 7.6% थी।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने
भारत के वित्त वर्ष 2025 के वास्तविक GDP पूर्वानुमान को
बढ़ाकर 7.20% कर दिया है।
विश्व बैंक के बारे में प्रमुख तथ्य
इसे वर्ष 1944 में IMF के साथ मिलकर
पुनर्निर्माण और विकास के लिये अंतर्राष्ट्रीय बैंक (IBRD) के रूप में
स्थापित किया गया था। बाद में IBRD विश्व बैंक बन गया।
विश्व बैंक समूह पाँच
संस्थानों की एक अनूठी वैश्विक साझेदारी है जो विकासशील देशों में गरीबी को कम
करने और साझा समृद्धि का निर्माण करने वाले स्थायी समाधानों के लिये कार्य कर रहा
है।
विश्व बैंक संयुक्त
राष्ट्र की विशिष्ट एजेंसियों में से एक है।
विश्व बैंक के सदस्य:
इसके 189 सदस्य देश हैं।
भारत भी इसका सदस्य है।
विश्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली प्रमुख रिपोर्ट:
मानव पूंजी सूचकांक
वर्ल्ड डेवलपमेंट रिपोर्ट
वैश्विक आर्थिक संभावना
रिपोर्ट (प्रायः वर्ष में दो बार प्रकाशित)
Post a Comment