ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के उद्देश्यों को संक्षिप्त में वर्णित कीजिए |Bureau of Energy Efficiency (BEE)

 ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के उद्देश्यों को संक्षिप्त में वर्णित कीजिए

ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के उद्देश्यों को संक्षिप्त में वर्णित कीजिए |Bureau of Energy Efficiency (BEE)




ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के उद्देश्यों को संक्षिप्त में वर्णित कीजिए ? ( MP PSC 2014)

  • ऊर्जा दक्षता ब्यूरो-ऊर्जा की बढ़ती हुई माँग को देखते हुए इसका मितव्ययिता से उपयोग सबसे सस्ता विकल्प है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 बनाया है तथा मार्च, 2002 में ऊर्जा मंत्रालय के अधीन ऊर्जा दक्षता ब्यूरो का गठन किया है। इस अधिनियम में देश में ऊर्जा दक्षता सेवाओं को प्रदान करने की प्रणाली सुदृढ़ करने तथा संस्थागत रूप देने के साथ- साथ विभिन्न संगठनों के बीच वांछित समन्वय स्थापित करना भी है। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो का मिशन ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के समग्र ढाँचे के अन्तर्गत नीतियाँ और कार्य प्रणालियाँ विकसित करना है ताकि भारतीय अर्थव्यवस्था की ऊर्जा सघनता में कमी लायी जा सके। इस लक्ष्य को सभी भागीदारों के सहयोग से पूरा किया जाएगा तथा इससे तमाम क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता को अपनाने तथा इसमें तेजी लाने में मदद मिलेगी

 

ऊर्जा संरक्षण: 

  • इसके तहत ऐसा कोई भी व्यवहार शामिल होता है जिसके परिणामस्वरूप ऊर्जा खपत में कमी की जाती है।
  • कमरे से बाहर निकलते समय लाइट बंद करना और एल्युमीनियम के डिब्बों को रिसाइकल करना दोनों ही ऊर्जा संरक्षण के उदाहरण हैं।
  • यह ऊर्जा दक्षताशब्द से अलग है, जिसका आशय ऐसी प्रद्योगिकियों के प्रयोग से है जिनमें  समान कार्य करने के लिये अपेक्षाकृत कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
  • प्रकाश उत्सर्जक डायोड (LED) या कॉम्पैक्ट फ्लोरोसेंट लाइट (CFL) बल्ब का प्रयोगजिनमें प्रकाश की समान मात्रा उत्पन्न करने के लिये तापदीप्त प्रकाश बल्ब की तुलना में कम ऊर्जा की आवश्यकता होती हैयह ऊर्जा दक्षता का एक उदाहरण है . 

ऊर्जा संरक्षण अधिनियम’ 

  • भारतीय अर्थव्यवस्था की ऊर्जा तीव्रता को कम करने के उद्देश्य से 2001 में ऊर्जा संरक्षण अधिनियमको लागू किया गया था।
  • ऊर्जा संरक्षण अधिनियमके कार्यान्वयन को सुनिश्चित  करने  लिये वर्ष  2002 में केंद्रीय स्तर पर एक वैधानिक निकाय के रूप में 'ऊर्जा दक्षता ब्यूरो' (Bureau of Energy Efficiency- BEE) की स्थापना की गई थी।
  • यह केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत कार्य करता है।  

ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001

यह अधिनियम ऊर्जा संरक्षण हेतु कई कार्यों के लिये नियामकीय अधिदेश प्रदान करता है, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं: 

  • उपकरण और यंत्रों का मानक निर्धारण और उनकी लेबलिंग।
  • वाणिज्यिक भवनों के लिये ऊर्जा संरक्षण भवन कोड।
  •  ऊर्जा गहन उद्योगों के लिये ऊर्जा की खपत के मानदंड।

ऊर्जा संरक्षण भवन कोड (ECBC):

  • इसे नए व्यावसायिक भवनों के लिये वर्ष 2007 में विकसित किया गया था।
  • ECBC 100 किलोवॉट (kW) के संयोजित लोड या 120 kVA (किलोवोल्ट-एम्पीयर) और उससे अधिक की अनुबंधित मांग वाले नए वाणिज्यिक भवनों के लिये न्यूनतम ऊर्जा मानक निर्धारित करता है। 
  • BEE ने इमारतों के लिये एक स्वैच्छिक स्टार रेटिंग कार्यक्रम भी विकसित किया है जो एक इमारत के वास्तविक प्रदर्शन [इमारत के अपने क्षेत्रफल में ऊर्जा के उपयोग के संदर्भ में kWh/sq. m/year में व्यक्त)] पर आधारित है।

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