राज्य की बेसिक शिक्षा का प्रशासनिक स्वरूप कार्य ( State Basic Education Administration)

राज्य की बेसिक शिक्षा का प्रशासनिक स्वरूप

State Basic Education Administration


 

1 बेसिक शिक्षा मंत्री:- 

बेसिक शिक्षा मंत्री का कार्य राज्य में बेसिक शिक्षा का उचित प्रबन्धन एवं प्रशासन करना है। इसके लिये राज्य शिक्षा प्रशासनिक संरचना के अनुरूप बेसिक शिक्षा सचिवालय तथा बेसिक शिक्षा निदेशालय का गठन किया गया।

 

2 बेसिक शिक्षा सचिवालय:- 

बेसिक शिक्षा सचिवालय का मुख्य अधिकारी बेसिक शिक्षा सचिव होता है। इसके अतिरिक्त शिक्षा सचिव की सहायता के लिये उप-शिक्षा सचिव तथा सहायक शिक्षा सचिव नियुक्त किये जाते हैं।

 

3 बेसिक शिक्षा निदेशालय :- 

बेसिक शिक्षा निदेशालय का मुख्य अधिकारी बेसिक शिक्षा निदेशक होता है। इसके अतिरिक्त निदेशालय के कार्य को सुचारू रूप से चलाने तथा निदेशक की सहायता के लिये उप-शिक्षा निदेशक तथा सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक को भी नियुक्त किया जाता है।

 

यह तो हम जान चुके हैं कि शैक्षिक प्रशासन की संरचना में निदेशालय एक कार्यपालिका संस्था होती है। इस कारण इस संस्था को प्रत्येक स्तर पर शिक्षा को उचित व्यवस्था का ध्यान रखना होता है। उसी प्रकार बेसिक शिक्षा निदेशालय स्थानीय स्तर पर शिक्षा के प्रशासन तथा प्रबन्धन के लिये भी जिम्मेदार होता है। इसके लिये जिला स्तर पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारीब्लाक स्तर पर सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी तथा ग्रामीण स्तर पर ग्राम पंचायत सरपंच ही स्थानीय प्रशासन की देखरेख की जिम्मेदारी लेते हैं।

 

बेसिक शिक्षा प्रशासन के कार्य 

राज्य में बेसिक शिक्षा के निम्नलिखित कार्य हैं:-

 

• राज्य के बेसिक शिक्षा विद्यालयों को मान्यता प्रदान करना तथा मान्यता की शर्तों एवं नियमावली को बनाना। 

• बेसिक शिक्षा विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक के लिए पाठ्यक्रम तैयार करना । 

• पाठ्य-पुस्तकों का चयन अथवा रचना करना और उनका प्रकाशन कराना। राज्य के कक्षा 1 से 8 तक क पुस्तकों की रचना तथा प्रकाशन बेसिक शिक्षा विभाग ही कराता है। 

• पाठ्य सामग्री तथा पाठ्य सहगामी क्रियाओं का निर्धारण तथा व्यवस्था बेसिक शिक्षा विभाग करता है। 

• बेसिक शिक्षा के लिये शिक्षको की शैक्षिक योग्यताओं का निर्धारण तथा नियुक्ति का कार्य बेसिक शिक्षा अधिकारी करता है। 

• बेसिक शिक्षा के लिये अध्यापकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था तथा शिक्षकों के लिये अभिविन्यास पाठ्यक्रमों का आयेजन बेसिक शिक्षा विभाग करता है। 

• बेसिक शिक्षा के अनुदान प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों के वेतन का भुगतान भी बेसिक शिक्षा अधिक करता है। 

• बेसिक शिक्षा के प्रशासनिकशैक्षिक तथा वित्तीय कार्यसहायक बेसिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा किया जाता है। 

• बेसिक विद्यालयों के पर्यवेक्षण तथा निरीक्षण का कार्यसहायक बेसिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा किया जाता है। 

• इन विद्यालयों में परीक्षाएँ भी बेसिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा आयोजित की जाती हैं।

 

माध्यमिक स्तर पर शैक्षिक प्रशासन 

राज्य में माध्यमिक शिक्षा का प्रशासन संचालित करने के लिए मंत्रालयसचिवालय एवं निदेशालय स्तर की व्यवस्थाओं पर हम के पृष्ठों में चर्चा कर चुके हैं। जिस प्रकार प्राथमिक शिक्षा के लिए राज्य को प्रशासनिक व्यवस्थायें करनी होती हैं। लगभग उसी प्रकार की व्यवस्थायें माध्यमिक शिक्षा के लिए की जाती हैं। माध्यमिक शिक्षा की व्यवस्थाओं को संचालित करने के लिए प्रत्येक राज्य में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की स्थापना की गयी है जो सीधे माध्यमिक शिक्षा मंत्री के लिए उत्तरदायी होता है। किसी-किसी राज्य में प्राथमिक, , माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा की व्यवस्था एक ही मंत्री देखता है।

 

आगे की पंक्तियों में हम सामान्य रूप से माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के कार्यों की चर्चा करेंगे।

 

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के कार्य 

• नये माध्यमिक विद्यालयों को मान्यता प्रदान करना। 

• विद्यालयों में नये विषयों को मान्यता प्रदान करना। 

• पाठ्यक्रम का निर्धारण करना । 

• पाठ्य पुस्तकों का लेखन कार्य कराना तथा उन्हें प्रकाशित करना । 

• परीक्षा संचालन करना। 

• परीक्षाफल घोषित करना। 

• छात्रों को प्रमाण पत्र प्रदान करना। 

• शिक्षकों की योग्यता एवं कार्यक्षमता को बढ़ाने का प्रयास करना ।

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