विश्व श्रवण दिवस 2023 : इतिहास उद्देश्य महत्व | World hearing day in Hindi

विश्व श्रवण दिवस 2023 : इतिहास उद्देश्य महत्व

विश्व श्रवण दिवस 2023 : इतिहास उद्देश्य महत्व | World hearing day in Hindi



विश्व श्रवण दिवस 2023 : इतिहास उद्देश्य महत्व

विश्व भर में प्रत्येक वर्ष 03 मार्च को विश्व श्रवण दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिवस का प्राथमिक लक्ष्य इस संदेश को प्रसारित करना है कि समय पर और प्रभावी देखभाल लोगों को श्रवण बाधिता से मुकाबला करने में मदद कर सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा आयोजित किया  जाने वाला यह दिवस श्रवण तंत्रिकाओं की सुरक्षा और निवारक उपायों को अपनाने के लिये की जाने वाली कार्रवाई के बारे में जागरूकता फैलाने का अवसर प्रदान करता है। विश्व स्तर पर तकरीबन 1.5 बिलियन लोग पूर्ण अथवा आंशिक रूप से श्रवण बाधिता का सामना कर रहे हैं और इसमें से लगभग 430 मिलियन लोगों को जल्द-से-जल्द पुनर्वास सहायता की आवश्यकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिकवर्ष 2050 तक विश्व भर में लगभग 2.5 मिलियन लोग या 4 में से 1 व्यक्ति पूर्ण अथवा आंशिक रूप से श्रवण बाधिता से प्रभावित होगा।


विश्व स्वास्थ्य संगठन’ (World Health Organization-WHO) जानकारी 

स्वास्थ्य क्षेत्र के लिये संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी विश्व स्वास्थ्य संगठन’ (World Health Organization-WHO) की स्थापना वर्ष 1948 हुई थी।

इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में स्थित है।

वर्तमान में 194 देश WHO के सदस्य हैं। 150 देशों में इसके कार्यालय होने के साथ-साथ इसके छह क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं।

यह एक अंतर-सरकारी संगठन है तथा सामान्यतः अपने सदस्य राष्ट्रों के स्वास्थ्य मंत्रालयों के सहयोग से कार्य करता है।

WHO वैश्विक स्वास्थ्य मामलों पर नेतृत्व प्रदान करते हुए स्वास्थ्य अनुसंधान संबंधी एजेंडा को आकार देता है तथा विभिन्न मानदंड एवं मानक निर्धारित करता है।

साथ ही WHO साक्ष्य-आधारित नीति विकल्पों को स्पष्ट करता है, देशों को तकनीकी सहायता प्रदान करता है तथा स्वास्थ्य संबंधी रुझानों की निगरानी और मूल्यांकन करता है।

WHO ने 7 अप्रैल, 1948 से कार्य आरंभ किया, अतः वर्तमान में 7 अप्रैल को प्रतिवर्ष विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है।


विश्व स्वास्थ्य संगठन’ (World Health Organization-WHO) उद्देश्य/कार्य:

अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संबंधी कार्यों पर निर्देशक एवं समन्वय प्राधिकरण के रूप में कार्य करना।

संयुक्त राष्ट्र के साथ विशेष एजेंसियों, सरकारी स्वास्थ्य प्रशासन, पेशेवर समूहों और ऐसे अन्य संगठनों जो स्वास्थ्य के क्षेत्र में अग्रणी हैं, के साथ प्रभावी सहयोग स्थापित करना एवं उसे बनाए रखना।

सरकारों के अनुरोध पर स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत करने के लिये सहायता प्रदान करना।

ऐसे वैज्ञानिक और पेशेवर समूहों के मध्य सहयोग को बढ़ावा देना जो स्वास्थ्य प्रगति के क्षेत्र में योगदान करते हैं।

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