भारतीय तटरक्षक बल स्थापना दिवस 2023 : इतिहास उदेश्य महत्व | Indian Coast Guard Raising Day in Hindi

भारतीय तटरक्षक बल स्थापना दिवस 2023 : इतिहास उदेश्य महत्व

भारतीय तटरक्षक बल स्थापना दिवस 2023 : इतिहास उदेश्य महत्व | Indian Coast Guard Raising Day  in Hindi



भारतीय तटरक्षक बल स्थापना दिवस 2023 : इतिहास उदेश्य महत्व

  • भारतीय तटरक्षक बल 01 फरवरी, 2023 को अपना 47वाँ स्थापना दिवस मनाया ।
  • वर्ष 1978 में केवल 7 ज़मीनी प्लेटफॉर्मों के साथ एक साधारण शुरुआत से लेकर वर्तमान में भारतीय तटरक्षक बल के बेड़े में कुल 156 जहाज़ और 62 विमान शामिल हैं तथा अनुमान के मुताबिक, वर्ष 2025 तक इसके बेड़े में 200 ज़मीनी प्लेटफॉर्म और 80 विमान शामिल होने की संभावना है।
  • विश्व में चौथे सबसे बड़े तटरक्षक बल के रूप में भारतीय तटरक्षक बल ने भारतीय तट की सुरक्षा और भारत के समुद्री क्षेत्रों में नियमों को लागू करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • भारतीय तटरक्षक बल का आदर्श वाक्य वयम रक्षामका अर्थ है हम रक्षा करते हैं। भारतीय तटरक्षक बल ने 1977 में स्थापना के बाद से 10,000 से अधिक लोगों की जान बचाने के साथ ही लगभग 14,000 असामाजिक तत्त्वों को गिरफ्त में लिया है।
  • संगठन का नेतृत्त्व महानिदेशक भारतीय तटरक्षक बल (DGICG) द्वारा किया जाता है और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। विदित हो कि भारतीय तटरक्षक बल जहाज़ों पर परिचालन भूमिका में महिला अधिकारियों की नियुक्ति करने वाला देश का पहला बल है। वर्तमान में के. नटराजन भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक हैं।

 

भारतीय तटरक्षक बल का इतिहास और कार्य: 


  • यह रक्षा मंत्रालय के तहत कार्यरत एक सशस्त्र बल, खोज और बचाव एवं समुद्री कानून प्रवर्तन एजेंसी है।
  • इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
  • ICG के गठन की अवधारणा वर्ष 1971 के युद्ध के बाद अस्तित्व में आई।
  • रुस्तमजी समिति द्वारा एक बहु-आयामी तटरक्षक के लिये दूरदर्शी खाका तैयार किया गया था।
  • प्रभावी कमान एवं नियंत्रण हेतु भारत के समुद्री क्षेत्रों को पाँच तटरक्षक क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, जिसमें उत्तर-पश्चिम, पश्चिम, पूर्व, उत्तर-पूर्व और अंडमान एवं निकोबार शामिल हैं, इनके मुख्यालय क्रमशः गांधीनगर, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और पोर्ट ब्लेयर में स्थित हैं।


भारतीय तटरक्षक बल के कार्य:

तस्करी को रोकना: 

  • ICG के प्राथमिक कर्तव्यों में से एक समुद्री मार्गों से तस्करी को रोकना है।
  • सन्निहित क्षेत्र और अनन्य आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zone-EEZ) सहित भारत के क्षेत्रीय जल पर इसका अधिकार क्षेत्र है।
  • यह भारत के समुद्री क्षेत्रों में समुद्री पर्यावरण संरक्षण के लिये ज़िम्मेदार है और भारतीय जल क्षेत्र में तेल रिसाव की प्रतिक्रिया हेतु प्राधिकरण के साथ समन्वय कर रहा है।

नागरिक को सहायता: 
  • इसने अपने विभिन्न कार्यों के दौरान अब तक लगभग 13,000 नागरिकों को बचाया है। हाल ही में महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोवा में बाढ़, चक्रवात एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भी नागरिकों को सहायता प्रदान की।
  • यह एक मज़बूत तटीय सुरक्षा तंत्र स्थापित करने के लिये केंद्र और राज्य एजेंसियों के साथ निकट समन्वय में कार्य कर रहा है।

समुद्री सुरक्षा
  • यह अंतर्राष्ट्रीय समुद्री अपराधों का मुकाबला करने और अपने अधिकार वाले क्षेत्र के साथ ही हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा बढ़ाने हेतु  तटवर्ती देशों के साथ भी सहयोग करता है।
  • सागर पहल (Security and Growth for All in the Region-SAGAR) तथा नेबरहुड फर्स्ट’ (Neighbourhood First) की नीति के तहत ICG ने महासागरों में व्यावसायिक संबंधों का विकास किया है और महासागर शांति स्थापना के लिये हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ संबंध स्थापित किये हैं।

आपदा प्रबंधन में भूमिका: 
  • ICG ने बड़ी पारिस्थितिक आपदाओं के दौरान सफलतापूर्वक सुरक्षा प्रदान की है और इस क्षेत्र में 'प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता' ( ‘First Responder) के रूप में उभरा है।
  • उदाहरण के लिये आईसीजी ने हाल ही में श्रीलंका तट पर "सागर आरक्षा-II" के रासायनिक वाहक एमवी एक्स-प्रेस पर्ल जहाज़ पर आग बुझाकर गंभीर पारिस्थितिक आपदा को सफलतापूर्वक टाल दिया। 

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