चीटियॉ हमेशा लाइन में क्यों चलती हैं? | Ants Fact in Hindi

 

चीटियॉ हमेशा लाइन में क्यों चलती हैं?

Why ants walk on line, ants walkin on line


चीटियॉ हमेशा लाइन में क्यों चलती हैं?


चींटियां सामाजिक प्राणी होती हैं, जो कॉलोनी में रहना पसंद करती हैं। चीटियों की कॉलोनी में रानी चीटी, नर चीटी और बहुत सारी मादा चीटियां होती हैं। रानी चीटी के बच्चों की संख्या लाखों में होती है।

चींटियों की आंखें होती हैं, लेकिन वो भी  सिर्फ दिखावे के लिए होती हैं, उन आंखों से चीटियां देख नहीं सकती हैं लेकिन चीटियों में सूंघने की शक्ति बहुत तेज होती है, जब चींटियां खाने की खोज में निकलती हैं तो सबसे आगे चलने वाली चीटी चलते समय रास्ते में फेरोमोंस (Pheromones) नामक रसायन छोडती जाती हैं जिससे उसके पीछे चलने वाली चीटियॉ उसी रसायन को सूंघ कर आगे बढती जाती हैं और उनकी एक कतार या लाइन बन जाती है, यही कारण है कि हमें चीटियॉ हमेशा लाइन में ही चलती हुई दिखाई देती हैं ।जब रानी चींटी एक ख़ास फेरोमोन बनाना बंद कर देती है तो कॉलोनी की चीटियाँ, नई चींटी को रानी चुन लेती हैं। फेरोमोंस का प्रयोग और बहुत सी स्थितियों में होता है। जैसे अगर कोई चींटी कुचल जाए तो चेतावनी के फेरोमोन का रिसाव करती है जिससे बाक़ी चींटियाँ हमले के लिए तैयार हो जाती हैं। फेरोमोंस से यह भी पता चलता है कि कौन सी चींटी किस कार्यदल का हिस्सा है।


चींटियों के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य (Ants Fact in Hindi)


  • नर चींटियों के पंख होते हैं, जबकि मादा चींटियों के पंख नहीं होते हैं। 
  • दुनियाभर में चींटियों की 12 हजार से भी ज्यादा प्रजातियां पायी जाती हैं। 
  • अंटार्कटिका को छोड़कर दुनिया के हर कोने में चींटियां पायी जाती हैं।
  • दुनिया की सबसे खतरनाक चींटी 'बुलेट चींटी'  है जो ब्राजील के अमेजन जंगलों में पायी जाती हैं। 'बुलेट चींटी इतना तेज डंक मारती हैं, जैसे लगता है की बंदूक की गोली शरीर में घुस गई हो। इन्ही कारणों से इन चींटियों को 'बुलेट चींटी' के नाम से भी जाना जाता है।
  • चींटियां सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले कीड़े की श्रेणी में आती हैं। एक विशेष प्रजाति 'पोगोनॉमीमेक्स ऑही' की रानी चींटी 30 सालों तक जिंदा रहती है। 
  • चीटियां अपने वजन से 50 गुना ज्यादा वजन उठा सकती हैं।
  • चींटियों के शरीर में फेफड़े नहीं होते हैं। ऑक्सीजन और कार्बन डाईऑक्साइड के आवागमन के लिए उनके शरीर पर छोटे-छोटे छिद्र होते हैं। 
  • चींटियों के कान नहीं होते, वो जमीन के कंपन से ही शोर का पता लगा लेती हैं ।

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