September important Days With Details in Hindi | September Days in Hindi

 September important Days With Details in Hindi 

September important Days With Details in Hindi | September Days in Hindi

September important Days With Details in Hindi 

विश्व नारियल दिवस  सितंबर

  • नारियल विकास बोर्ड (Coconut Development Board- CDB) 2 सितंबर, 2022 को 24वाँ विश्व नारियल दिवस पर समारोह आयोजित कर रहा है। इस वर्ष का मुख्य विषय है- ‘खुशहाल भविष्य और जीवन के लिये नारियल की खेती करें’ (Growing Coconut for a Better Future and Life)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री इस समारोह का उद्घाटन जूनागढ़ (गुजरात) में करेंगे। इस दौरान कृषि मंत्री बहुमाली भवन, जूनागढ़ में बोर्ड के ‘राज्य स्तरीय केंद्र’ का लोकार्पण करेंगे और बोर्ड के राष्ट्रीय पुरस्कारों एवं निर्यात उत्कृष्टतता पुरस्कारों के विजेताओं की घोषणा करेंगे। साथ ही वे किसानों को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम के बाद जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय में नारियल की अच्छी कृषि पद्धतियाँ और विपणन विषयक तकनीकी सत्र भी आयोजित होंगे। जूनागढ़ के कार्यक्रम में लगभग एक हज़ार नारियल-किसान और विभिन्न समूहों के पदाधिकारी भाग लेंगे। एशिया प्रशांत क्षेत्र के सभी नारियल उत्पाादक देश ‘अंतर्राष्ट्रीय नारियल समुदाय’ (International Coconut Community-ICC) के स्थाापना दिवस अर्थात् 2 सितंबर को प्रत्येक वर्ष विश्व नारियल दिवस के रूप  मनाते हैं। ICC एक अंतर-शासकीय संगठन है। नारियल दिवस मनाने का उद्देश्य नारियल उत्पादन के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उसके महत्त्व को उजागर करना तथा इसके संदर्भ में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित करना है।


हैदराबाद मुक्ति दिवस 17 सितंबर

  • तेलंगाना सरकार और केंद्र सरकार 17 सितंबर, 2022 को हैदराबाद की मुक्ति के 75 वर्ष पूर्ण होने का आयोजन मनाएँगे, जो निज़ाम शासन के तहत भारतीय संघ के साथ तत्कालीन हैदराबाद राज्य के विलय को दर्शाता है।

हैदराबाद रियासत के भारत में एकीकरण का इतिहास:

  • हैदराबाद भारत के सबसे बड़े मूल निवासी/रियासतों में से एक था। यह निजाम द्वारा शासित था जिन्होंने ब्रिटिश संप्रभु की सर्वोच्चता को स्वीकार किया था।
  • जूनागढ़ के नवाब और कश्मीर के शासक की तरह हैदराबाद के निज़ाम भारत को आज़ादी यानी 15 अगस्त, 1947 से पूर्व भारत में शामिल नहीं हुए थे।
  • उन्हें पाकिस्तान और मुस्लिम मूल के नेताओं द्वारा एक स्वतंत्र शक्ति के रूप में अपना अस्तित्त्व बनाये रखने और एकीकरण का विरोध करने के लिये अपने सशस्त्र बलों में सुधार करने के लिये प्रोत्साहित किया गया था।
  • इस सैन्य सुधार के दौरान, हैदराबाद राज्य में आंतरिक अराजकता का उदय हुआ, जिसके कारण 13 सितंबर, 1948 को भारतीय सेना को ‘ऑपरेशन पोलो’ (हैदराबाद को भारत संघ में मिलाने के लिये सैन्य अभियान) के तहत हैदराबाद भेजा गया था, क्योंकि हैदराबाद में कानून-व्यवस्था की स्थिति ने दक्षिण भारत की शांति के लिये खतरा पैदा कर दिया।
  • सैनिकों को रज़ाकारों (एकीकरण का विरोध करने वाले निजी मिलिशिया) के हल्के-फुल्के प्रतिरोध का सामना करना पड़ा और 13-18 सितंबर के मध्य सेना ने राज्य पर पूर्ण नियंत्रण कर लिया।
  • ऑपरेशन के कारण बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा हुई, जिसमें 27,000-40,000 लोगों की मौत का अनुमान लगाया गया था, जिसमें 200,000 या उससे अधिक के विद्वान थे।
  • एकीकरण के बाद निज़ाम को वही दर्जा प्रदान किया गया था, जो भारत के साथ विलय करने वाले अन्य राजाओं को प्राप्त था ।
  • पकिस्तान द्वारा इस संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र में की गई शिकायतों को भी अस्वीकार कर दिया गया और पाकिस्तान के ज़ोरदार विरोध तथा अन्य देशों की कड़ी आलोचना के बावजूद, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस मामले में आगे हस्तक्षेप नहीं किया, अंततः हैदराबाद का भारत में विलय हो गया।

शिक्षक दिवस  05 सितंबर

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 05 सितंबर, 2022 को नई दिल्ली में 46 शिक्षकों को वर्ष 2022 के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित करेंगी। शिक्षा मंत्रालय का स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग प्रत्येक वर्ष शिक्षक दिवस पर राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम आयोजित करता है। शिक्षकों का चयन तीन चरणों में पारदर्शी और ऑनलाइन माध्यम से किया जाता है। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का उद्देश्य देश के आदर्श शिक्षकों को सम्मानित करना है। ज्ञात है कि राष्ट्र के योगदान में शिक्षकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत में शिक्षक दिवस भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति, दूसरे राष्ट्रपति और शिक्षाविद् डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुट्टनी में हुआ था और वे वर्ष 1962 में भारत के राष्ट्रपति बने थे और वे वर्ष 1967 तक इस पद पर रहे थे। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को एक शिक्षक के साथ-साथ एक प्रसिद्ध दार्शनिक और राजनेता के रूप में भी जाना जाता है। उल्लेखनीय है कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को साहित्य में नोबेल पुरस्कार के लिये कुल 16 बार और नोबेल शांति पुरस्कार के लिये कुल 11 बार नामांकित किया गया था। 16 अप्रैल, 1975 को चेन्नई में उनकी मृत्यु हो गई। इस अवसर पर विद्यार्थी अपने-अपने तरीके से शिक्षकों के प्रति आदर और सम्मान प्रकट करते हैं। ध्यातव्य है कि विश्व शिक्षक दिवस प्रत्येक वर्ष 5 अक्तूबर को मनाया जाता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 20वीं सदी के महानतम विचारकों में से एक होने के साथ-साथ भारतीय समाज में पश्चिमी दर्शन को प्रस्तुत करने के लिये भी याद किया जाता है।

 

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 10 सितंबर

  • प्रत्येक वर्ष 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide Prevention Day) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों में मानसिक स्वास्थ के प्रति जागरुकता फैलाना और आत्महत्या के बढ़ते मामलों को रोकना है। इसकी शुरुआत इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ सुसाइड प्रिवेंशन (IASP) द्वारा वर्ष 2003 में की गई थी। इस दिन को वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ एंड वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन द्वारा स्पॉन्सर्ड किया जाता है। विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस को मनाने का पहला वर्ष सफल होने के बाद वर्ष 2004 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) औपचारिक रूप से इस आयोजन को फिर से को-स्पॉन्सर करने के लिये तैयार हुआ जिससे यह दिन एक वार्षिक मान्यता प्राप्त दिन (Annually Recognized Day) बन गया। वर्ष 2022 के लिये विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की थीम ‘Creating hope through action’ यानी “लोगों में अपने काम के जरिये उम्मीद पैदा करना” निर्धारित की गयी है।इस दिन आयोजित होने वाले कार्यक्रम इसी थीम पर आधारित होंगे, इस थीम के माध्यम से विश्व स्वास्थ्य संगठन यह संदेश देना चाहता है कि आत्महत्या करने की सोच रखने वालों को किसी भी तरह से अपनी उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिये।

 

दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिये अंतर्राष्ट्रीय दिवस 12 सितंबर 

  • प्रत्येक वर्ष 12 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिये अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day for South-South Cooperation) के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस विकासशील देशों के बीच सहयोग हेतु संयुक्त राष्ट्र द्वारा किये गए प्रयासों पर प्रकाश डालता है। यह दक्षिणी क्षेत्र में स्थित देशों के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास के लिये एक पहल है। मूलतः दक्षिण-दक्षिण सहयोग वैश्विक दक्षिण (Global South) में विकासशील देशों के बीच “तकनीकी सहयोग” को संदर्भित करता है। दक्षिण-दक्षिण सहयोग विकासशील देशों को ज्ञान, विशेषज्ञता, कौशल और संसाधनों को साझा करने में मदद करता है ताकि उनके विकास लक्ष्यों को ठोस प्रयासों से पूरा किया जा सके। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिये यह पहल स्पष्ट रूप से दक्षिण के लोगों और देशों के बीच एकजुटता को दर्शाती है। यह लोगों की राष्ट्रीय और सामूहिक आत्मनिर्भरता एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहमत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के साथ-साथ सतत् विकास के लिये वर्ष 2030 एजेंडा को भी दर्शाता है। यह दिन “ब्यूनस आयर्स प्लान ऑफ एक्शन (BAPA)” को अपनाने की याद दिलाता है। 138 सदस्य देशों द्वारा विकासशील देशों के बीच तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने और लागू करने के लिये वर्ष 1978 में BAPA को अपनाया गया था। दक्षिण-दक्षिण सहयोग निम्नलिखित उद्देश्य से शुरू किया गया था: विकासशील देशों के बीच आत्मनिर्भरता बढ़ाना तथा उनकी विकास संबंधी समस्याओं के लिये रचनात्मक समाधान खोजना। अनुभवों का आदान-प्रदान करके आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना।

 

  1. आयुर्वेद दिवस 12 सितंबर

  • 12 सितंबर, 2022 को अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्‍थान ने आयुर्वेद दिवस 2022 कार्यक्रम की शुरूआत की है। छह सप्‍ताह का यह कार्यक्रम 23 अक्तूबर, 2022 तक चलेगा। आयुष मंत्रालय ने इस वर्ष आयुर्वेद दिवस के लिये अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्‍थान को नोडल एजेंसी बनाया है। इसका विषय “हर दिन हर घर आयुर्वेद” है। आयुष मंत्रालय प्रत्‍येक वर्ष धनवंतरी जयंती पर आयुर्वेद दिवस मनाता है। वर्ष 2022 में यह दिवस 23 अक्तूबर को मनाया जाएगा।  केंद्रीय आयुष मंत्री ने कहा है कि हर दिन हर घर आयुर्वेद का विषय प्रत्‍येक घर में समग्र स्‍वास्‍थ्‍य के लिये आयुर्वेद के बारे में जागरूकता पर बल देने के लिये चुना गया है । आयुर्वेद प्राचीन भारतीय प्राकृतिक और समग्र वैद्य-शास्त्र चिकित्सा पद्धति है। संस्कृत भाषा में आयुर्वेद का अर्थ है ‘जीवन का विज्ञान’ (संस्कृत मे मूल शब्द आयुर का अर्थ होता है ‘दीर्घ आयु’ या आयु और वेद का अर्थ हैं ‘विज्ञान। आयुर्वेद के अनुसार व्यक्ति के शरीर में वात, पित्त और कफ जैसे तीनों मूल तत्त्वों के संतुलन से कोई भी बीमारी नहीं हो सकती, परंतु यदि इनका संतुलन बिगड़ता है, तो बीमारी शरीर पर हावी होने लगती है। अतः आयुर्वेद में इन्हीं तीनों तत्त्वों के मध्य संतुलन स्थापित किया जाता है। इसके अतिरिक्त आयुर्वेद में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने पर भी बल दिया जाता है, ताकि व्यक्ति सभी प्रकार के रोगों से मुक्त हो।

अंतर्राष्ट्रीय तटीय स्वच्छता दिवस 17 सितंबर

  • केंद्र सरकार 17 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय तटीय स्वच्छता दिवस पर एक बड़ा अभियान शुरू कर रही है। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री के अनुसार, 75 दिन के तटीय सफाई अभियान “स्वच्छ सागर-सुरक्षित सागर” को काफी अच्‍छी प्रतिक्रिया मिल रही है। कई राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, चर्चित हस्तियाँ और विभिन्‍न समूह इस अभियान में शामिल हो रहे हैं। देश भर के 75 समुद्री तटों पर सफाई अभियान चलाया जाएगा, जिसमें प्रति किलोमीटर के लिये 75 स्वयंसेवकों को शामिल किया जाएगा। समुद्र तटों से 1500 टन कचरा, मुख्य रूप से सिंगल यूज़ प्लास्टिक हटाने के लिये लोगों से मदद ली जाएगी। विश्व स्तर पर "अंतर्राष्ट्रीय तटीय सफाई दिवस" प्रत्येक वर्ष सितंबर के तीसरे शनिवार को मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय तटीय स्वच्छता दिवस का उद्देश्य महासागरों, समुद्र तटों पर कूड़े के संचय तथा इसके नकारात्मक प्रभावों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना है। स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर अभियान दुनिया में अपनी तरह का पहला और सबसे लंबे समय तक चलने वाला तटीय सफाई अभियान है, जिसमें सबसे अधिक संख्या में लोग भाग ले रहे हैं। इस अभियान के माध्यम से लोगों के बीच बड़े पैमाने पर व्यवहार परिवर्तन का उद्देश्य इस बारे में जागरूकता बढ़ाना है कि कैसे प्लास्टिक का उपयोग समुद्री जीवन को नष्ट कर रहा है। इस अभियान के बारे में जागरूकता फैलाने और समुद्र तट की सफाई गतिविधियों में स्वैच्छिक भागीदारी हेतु आम लोगों का पंजीकरण करने हेतु एक मोबाइल एप "इको मित्रम" लॉन्च किया गया है।

 अभियंता दिवस’ 15 सितंबर

  • देश में प्रतिवर्ष 15 सितंबर को ‘अभियंता दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। अभियंता दिवस भारत  के सुविख्यात इंजीनियर डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिन्हें आधुनिक भारत के ‘विश्वकर्मा’ के रूप में जाना जाता है। इस वर्ष उनकी 161वीं जयंती मनाई जा रही है। एम. विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सितंबर, 1861 को मैसूर (कर्नाटक) के 'मुद्देनाहल्ली' नामक स्थान पर हुआ था। भारत सरकार ने वर्ष 1968 में उनकी जन्म तिथि को ‘अभियंता दिवस’ घोषित किया था। डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को बाँध डिज़ाइन के मास्टर के रूप में भी जाना जाता है। कृष्णा राजा सागर झील और बाँध उनकी सबसे उल्लेखनीय परियोजनाओं में से एक है, जो कर्नाटक में स्थित है। उस समय वह भारत में सबसे बड़ा जलाशय था। वे मैसूर के दीवान भी रहे। वर्ष 1955 में उनकी अभूतपूर्व तथा जनहितकारी उपलब्धियों के लिये उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया। जब वह 100 वर्ष के हुए तो भारत सरकार ने उनके सम्मान में डाक टिकट भी जारी किया। उन्हें ब्रिटिश नाइटहुड अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था।

विश्व ओज़ोन दिवस  16 सितंबर

  • प्रत्येक वर्ष 16 सितंबर को विश्व ओज़ोन दिवस (World Ozone Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य ओज़ोन परत में हो रहे क्षरण के बारे में आम लोगों को जागरूक करना और इसे संरक्षित करने के संभावित समाधानों की खोज करना है। ओज़ोन (Ozone-O3) ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनने वाली एक गैस है जो वायुमंडल में बेहद कम मात्रा में पाई जाती है। ओज़ोन गैस समतापमंडल (Stratosphere) में अत्यंत पतली एवं पारदर्शी परत के रूप में पाई जाती है। यह वायुमंडल में मौज़ूद समस्त ओज़ोन का कुल 90 प्रतिशत है। इसे ही ओज़ोन परत के नाम से जाना जाता है और यह परत पृथ्वी को सूर्य की सबसे हानिकारक पराबैंगनी विकिरण (UV) से बचाती है। गौरतलब है कि 19 दिसंबर, 1994 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1987 में 16 सितंबर के दिन मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (Montreal Protocol) पर हस्ताक्षर किये जाने के उपलक्ष्य में विश्व ओज़ोन दिवस मनाने की घोषणा की थी। मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल का उद्देश्य ओज़ोन परत के क्षरण के लिये उत्तरदायी पदार्थों के उत्पादन को कम करके ओज़ोन परत का संरक्षण सुनिश्चित करना है। विश्व ओज़ोन दिवस 2022 की थीम ”पृथ्वी पर जीवन की रक्षा करने वाला वैश्विक सहयोग” (Global Cooperation Protecting life on Earth) रखी गई है।


विश्व  बाँस दिवस  18 सितंबर 

  • प्रत्येक वर्ष 18 सितंबर को विश्व बाँस दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन बाँस के लाभों के बारे में जागरूकता के प्रसार और रोज़मर्रा के उत्पादों में इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिये मनाया जाता है। विश्व बाँस दिवस, 2022 की थीम  #PlantBamboo’ यानी बाँस के पौधे लगाएँ है। वर्ष 2009 में बैंकाक (थाईलैंड) में आयोजित 8वीं विश्व बाँस काॅन्ग्रेस (World Bamboo Congress) में विश्व बाँस संगठन (World Bamboo Organization) ने आधिकारिक रूप से 18 सितंबर को विश्व बाँस दिवस (WBD) मनाए जाने की  घोषणा की। विश्व बाँस संगठन का उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों एवं पर्यावरण की रक्षा के लिये इसके स्थायी उपयोग को सुनिश्चित करने हेतु दुनिया भर के क्षेत्रों में नए उद्योगों के लिये बाँस की खेती को बढ़ावा देना, साथ ही सामुदायिक आर्थिक विकास हेतु स्थानीय रूप से पारंपरिक उपयोगों को बढ़ावा देना है। विश्व बाँस संगठन (World Bamboo Organization) की स्थापना वर्ष 2005 में हुई थी। इसका मुख्यालय एंटवर्प (बेल्जियम) में है।


रेलवे पुलिस बल (RPF) का स्थापना दिवस  20 सितंबर

  • भारत में प्रत्येक वर्ष 20 सितंबर को ‘रेलवे पुलिस बल (RPF) का स्थापना दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। आरपीएफ एक केंद्रीय सशस्त्र बल है, जो रेल मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन कार्य करता है। आरपीएफ का इतिहास वर्ष 1882 का है जब विभिन्न रेलवे कंपनियों ने रेलवे संपत्ति की सुरक्षा के लिये अपने स्वयं के गार्ड नियुक्त किये थे। बल को वर्ष 1957 में संसद के अधिनियम द्वारा एक वैधानिक बल घोषित किया गया, जिसे  20 सितंबर, 1985 को भारत संघ के एक सशस्त्र बल के रूप में घोषित किया गया था। रेलवे संपत्ति की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी आरपीएफ को सौंपी गई है।

कारगिल अंतर्राष्ट्रीय मैराथन 19 सितंबर

  • लद्दाख के कारगिल में 19 सितंबर, 2022 को 2000 से ज़्यादा धावकों ने कारगिल अंतर्राष्ट्रीय मैराथन में हिस्‍सा लिया। कारगिल पर्वतीय परिषद और लद्दाख पुलिस ने सरहद, पुणे के साथ मिलकर इसका आयोजन किया था। लद्दाख में उपजाई जाने वाली खुबानी की अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में पहुँच की खुशी में इस मैराथन का आयोजन 'रन फॉर खुबानी' के नारे के साथ किया गया। जिग्में नामगियाल पुरुष वर्ग में और डिस्केट डोलमा  महिला वर्ग में 42 किलोमीटर की फुल मैराथन के विजेता रहे। सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने कारगिल के खी सुल्तान चो स्‍पोर्टस स्टेडियम से धावकों के लिये विशेष संदेश के साथ मैराथन का वचुर्अल उद्घाटन किया। लद्दाख स्‍वायत पर्वतीय विकास परिषद द्वारा इस क्षेत्र को एक आकर्षक पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है।

 

अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस  21 सितंबर

  • विश्व शांति दिवस अथवा 'अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस' प्रत्येक वर्ष 21 सितंबर' को मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सभी देशों और नागरिकों के बीच शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिये प्रयास करना एवं अंतर्राष्ट्रीय संघर्षों तथा विवादों पर विराम लगाना है। विश्व शांति दिवस, 2022 की थीम 'End racism, Build peace’ है जिसका अर्थ है 'नस्‍लवाद खत्‍म करें, शांति स्‍थापित करें। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, विश्‍व शांति का अर्थ केवल हिंसा न होना ही नहीं है, बल्कि ऐसे समाजों का निर्माण करना है जहाँ सभी को यह अहसास हो कि वे आगे बढ़ सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 1981 में विश्व शांति दिवस मनाने की घोषणा की थी। इसके बाद पहली बार वर्ष 1982 में विश्व शांति दिवस मनाया गया था। वर्ष 1982 से लेकर वर्ष 2001 तक सितंबर माह के तीसरे मंगलवार को विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया गया, लेकिन वर्ष 2002 से इसके लिये 21 सितंबर की तारीख निर्धारित कर दी गई।

विश्व अल्ज़ाइमर दिवस 21 सितंबर

  • प्रत्येक वर्ष 21 सितंबर को "विश्व अल्ज़ाइमर दिवस (World Alzheimer's Day)" के रूप में मनाया जाता है। अल्ज़ाइमर बीमारी से लोगों को बचाने और इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिये विश्व अल्ज़ाइमर दिवस मनाया जाता है। विश्व अल्ज़ाइमर दिवस, 2022 की थीम है ‘डिमेंशिया को जानें, अल्ज़ाइमर को जानें’ (Know Dementia, Know Alzheimer’s)। अल्ज़ाइमर डिज़ीज़ इंटरनेशनल (Alzheimer’s Disease International-ADI) की स्थापना वर्ष 1984 में हुई थी। वर्ष 1994 में अल्ज़ाइमर डिज़ीज़ इंटरनेशनल की दसवीं वर्षगाँठ पर विश्व अल्ज़ाइमर दिवस की घोषणा की गई थी, तभी से यह दिवस 21 सितंबर को मनाया जा रहा है। विश्व अल्ज़ाइमर माह (सितंबर) की शुरुआत वर्ष 2012 में हुई थी। अल्ज़ाइमर रोग एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर (Neurological Disorder) है जो मस्तिष्क की तंत्रिका कोशिकाओं को नष्ट करता है। इसके कारण रोगी की शारीरिक और मानसिक स्थिति क्षीण हो जाती है उसे कुछ भी याद नहीं रहता है, उसकी निर्णय लेने की क्षमता घट जाती है, स्वभाव में लगातार परिवर्तन होता रहता है आदि। प्रारंभ में ये लक्षण कम मात्रा में दिखाई देते हैं लेकिन समय रहते इसका उपचार न कराया जाए तो यह गंभीर और असाध्य हो जाता है। 


वर्ल्ड राइनो डे 22 सितंबर

  • 22 सितंबर को राइनो की देखरेख, सुरक्षा और संरक्षण में जागरूकता फैलाने के लिये वर्ल्ड राइनो डे (World Rhino Day) मनाया जाता है। राइनो स्तनपायी और शाकाहारी प्राणी है। विश्व में राइनो की पाँच प्रजातियाँ (ब्लैक राइनो, व्हाइट राइनो, एक-सींग वाले राइनो, सुमात्रा राइनो और जावा राइनो) पाई जाती हैं, जिनमें से दो अफ्रीका में तथा तीन दक्षिण एशिया के देशों में मिलती हैं। एशियाई राइनो में इंडियन राइनो आकार में सबसे बड़ा होता है। भारतीय राइनो पहले पाकिस्तान के सिंध प्रांत से लेकर नेपाल, भूटान, भारत और म्याँमार तक पाया जाता था लेकिन वर्तमान में यह भारत के असम में स्थित काजीरंगा राष्ट्रीय उद्या्न  में पाये जाते हैं। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के दुधवा राष्ट्रीय उद्या्न में भी कुछ राइनो पाए जाते हैं। भारत में राइनो वर्ष 1850 तक बंगाल और उत्तर प्रदेश के तराई इलाके में भी में पाए जाते थे। विदित हो कि सर्वप्रथम वर्ष 2010 में विश्व वन्यजीव कोष-अफ्रीका ने 22 सितंबर को वर्ल्ड राइनो डे मनाने की शुरुआत की थी। भारत में राइनो के संरक्षण तथा प्रजनन को बढ़ावा देने के लिये बिहार की राजधानी पटना में केंद्र सरकार के सहयोग से भारत का पहला राष्ट्रीय राइनो प्रजनन एवं संरक्षण केंद्र बनाया गया है।


इंटरनेशनल डॉटर्स डे-सितंबर के चौथे रविवार 

  • इंटरनेशनल डॉटर्स डे पूरी दुनिया में व्यापक रूप से मनाया जाता है, इसके अतिरिक्त अलग-अलग देशों में इसे अलग-अलग तारीखों में मनाया जाता है। इंटरनेशनल डॉटर्स डे सितंबर के चौथे रविवार को मनाया जाता है। यह दिन हमें अपनी बेटियों को संजोने और सशक्त बनाने की याद दिलाता है जो हमारे जीवन में ढेर सारा प्यार, हँसी और खुशी लाती है। बेटियों का उत्सव इसलिये महत्त्वपूर्ण है क्योंकि विकासशील देशों में बेटियों को अक्सर एक बोझ के रूप में देखा जाता रहा है और इस दिन को मनाना बेटियों के महत्त्व एवं हर संभव तरीके से उनकी सराहना करने की आवश्यकता की निरंतर याद दिलाता है। डॉटर्स डे बेटियों की गर्मजोशी और प्रतिबद्धता का जश्न मनाता है। यह दिन भारत के कुछ हिस्सों में लड़कियों के संघर्ष के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये मनाया जाता है जहाँ उन्हें बेटों से कमतर माना जाता है और उन्हें बोझ के रूप में भी देखा जाता है। बेटियों को कुछ अतिरिक्त पॉकेट मनी प्राप्त करने में मदद करने के लिये 6 अक्तूबर को नेशनल ट्रांसफर मनी टू योर डॉटर डे भी मनाया जाता है।


हाइफा दिवस 23 सितंबर

  • प्रत्येक वर्ष 23 सितंबर को भारतीय सेना द्वारा हाइफा दिवस के रूप में मनाया जाता है। हाइफा दिवस का मुख्य उद्देश्य हाइफा के युद्ध में लड़ने वाले भारतीय सैनिकों के प्रति सम्मान प्रकट करना है। हाइफा का युद्ध 23 सितंबर, 1918 को हुआ था, जिसमें जोधपुर, मैसूर तथा हैदराबाद के सैनिकों, जो कि 15 इंपीरियल सर्विस कैवलरी ब्रिगेड का हिस्सा थे, ने मित्र राष्ट्रों की ओर से प्रथम विश्वयुद्ध में भाग लेकर जर्मनी व तुर्की के आधिपत्य वाले इज़रायल के ‘हाइफा शहर’ को मुक्त करवाया था। इस युद्ध में लड़ने वाले सैनिकों को सम्मान देते हुए भारत सरकार ने दिल्ली स्थित विख्यात तीन मूर्ति मेमोरियल को तीन मूर्ति हाइफा मेमोरियल के रूप में पुनः नामित किया था।

अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस 23 सितंबर 

  • बधिर लोगों के मानवाधिकारों की पूर्ण प्राप्ति में सांकेतिक भाषा के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने हेतु प्रतिवर्ष 23 सितंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस’ का आयोजन किया जाता है। ‘अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस’ का प्रस्ताव बधिर लोगों के 135 राष्ट्रीय संघों के संघ- ‘वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ’ (WFD) ने रखा। इस प्रस्ताव को 19 दिसंबर, 2017 को सर्वसम्मति से अपनाया गया। इस प्रकार वैश्विक स्तर पर पहला ‘अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस’ का आयोजन वर्ष 2018 में किया गया था। वर्ष 1951 की 23 सितंबर की तारीख ‘वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ’ की स्थापना का प्रतीक है। अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस, 2022 की थीम “सांकेतिक भाषाएँ  हमें एकजुट करती हैं”(‘Sign Languages Unite Us’) है। ‘वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ’ के आँकड़ों की मानें तो दुनिया भर में 70 मिलियन से अधिक बधिर व्यक्ति हैं। ज्ञात हो कि सांकेतिक भाषा संप्रेषण का एक माध्यम है, जहाँ हाथ के इशारों और शरीर तथा चेहरे के हाव-भावों का उपयोग किया जाता है। इस प्रकार सांकेतिक भाषाएँ बोली जाने वाली भाषाओं से संरचनात्मक रूप से अलग होती हैं और इनका प्रयोग अधिकांशतः श्रवण बाधित लोगों द्वारा किया जाता है।


अंत्योदय दिवस (Antyodaya Diwas)  25 सितंबर

  • भारत में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती को चिह्नित करने के लिये प्रत्येक वर्ष 25 सितंबर को अंत्योदय दिवस (Antyodaya Diwas) के रूप में मनाया जाता है। अंत्योदय का अर्थ "गरीब से गरीब व्यक्ति का उत्थान" या "अंतिम व्यक्ति का उत्थान" (uplifting the poorest of the poor” or “rise of the last person)" है। यह दिन भारत सरकार द्वारा 25 सितंबर, 2014 को घोषित किया गया था और आधिकारिक तौर पर वर्ष 2015 से मनाया जा रहा है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर, 1916 को मथुरा ज़िले के नगला चन्द्रभान ग्राम में हुआ था। इनके द्वारा प्रस्तुत दर्शन को ‘एकात्म मानववाद’ कहा जाता है जिसका उद्देश्य एक ऐसा ‘स्वदेशी सामाजिक-आर्थिक मॉडल’ प्रस्तुत करना था जिसमें विकास के केंद्र में मानव हो। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने पश्चिमी ‘पूंजीवादी व्यक्तिवाद’ एवं ‘मार्क्सवादी समाजवाद’ दोनों का विरोध किया, लेकिन आधुनिक तकनीक तथा पश्चिमी विज्ञान का स्वागत किया।

विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस 26 सितंबर

  • विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस प्रतिवर्ष 26 सितंबर को पर्यावरण के स्वास्थ्य के संदर्भ में विश्व स्तर पर जागरूकता का प्रसार करने के लिये मनाया जाता है।
  • इस दिन को मनाने के पीछे केंद्रीय विचार यह है कि मानव स्वास्थ्य का पर्यावरण के स्वास्थ्य के साथ अपरिवर्तनीय संबंध है।
  • यह दिन पहली बार वर्ष 2011 में इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एन्वायरनमेंटल हेल्थ (IFEH) द्वारा मनाया गया था। जिसका मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में लोगों का कल्याण करना है।
  •  IFEH पर्यावरण के स्वास्थ्य के संरक्षण और उसमें सुधार हेतु ज्ञान के विकास एवं प्रसार के लिये पूरी तरह से समर्पित है।
  • इस वर्ष का विषय 'सतत् विकास लक्ष्यों के कार्यान्वयन के लिये पर्यावरणीय स्वास्थ्य प्रणालियों को सुदृढ़ बनाना' है।
  • यह आवश्यक है दुनिया समझे कि पर्यावरण, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था के बीच अभिन्न संबंध है। इसलिये सभी समुदायों के स्वस्थ जीवन हेतु हरित पुनर्प्राप्ति में निवेश करना आवश्यक है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्तमान में सामना की जा रही परिस्थितियों का लाभ उठाने के उद्देश्य से "कोविड-19 की स्वस्थ पुनर्प्राप्ति के लिये घोषणापत्र" जारी किया।
  • इसके लिये मानव जाति के लिये पर्यावरण पर ध्यान देना तथा संतुलन बनाने की कोशिश करना और भी महत्त्वपूर्ण हो जाता है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन ने "COVID-19 की स्वस्थ पुनर्प्राप्ति के लिये घोषणापत्र" जारी किया।
  • इसका उद्देश्य उस गति-शक्ति का लाभ उठाना है जिसका हम दुनिया भर में सामना कर रहे हैं।
  • पर्यावरणीय स्वास्थ्य SDGs के कार्यान्वयन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह दिलचस्प है कि पर्यावरणीय स्वास्थ्य 7 SDG, 19 योजनाओं और SDG के 30 संकेतकों में महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है।

विश्व पर्यटन दिवस 27 सितंबर

  • प्रत्येक वर्ष 27 सितंबर को दुनिया भर में विश्व पर्यटन दिवस (World Tourism Day) मनाया जाता है। इसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 1980 में की गई थी। विश्व पर्यटन दिवस मनाने का उद्देश्य दुनिया भर के लोगों को पर्यटन के प्रति जागरूक करना है। 27 सितंबर की तिथि को इस दिवस को मनाने के पीछे का कारण यह है कि इसी दिन वर्ष 1970 में संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) की विधियों को अपनाया गया था। उसके पाँच वर्ष बाद UNWTO की स्थापना वर्ष 1975 में हुई और इसके पाँच साल बाद विश्व पर्यटन दिवस की शुरुआत हुई. वर्ष 1997 में UNWTO ने इस्तांबुल, तुर्की में अपने पाँचवे सत्र में इस बात का निर्णय लिया की प्रत्येक वर्ष कोई एक देश विश्व पर्यटन दिवस की मेज़बानी करेगा। संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन ने विश्व पर्यटन दिवस, 2022 की मेज़बानी इंडोनेशिया को सौंपी है। पर्यटन दिवस 2022 की थीम “पर्यटन पर पुनर्विचार”(Rethinking Tourism) है। यह इस पर पुनर्विचार करने का अवसर है कि कैसे पर्यटन क्षेत्र अधिक टिकाऊ, समावेशी और लचीला हो सकता है।

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु हथियार निशस्त्रीकरण दिवस 26 सितंबर

  • परमाणु हथियारों को पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिये संयुक्त राष्ट्र प्रतिवर्ष 26 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु हथियार निशस्त्रीकरण दिवस के रूप में मनाता है। इसका उद्देश्य विश्व के लोगों को परमाणु हथियारों को मानवता के लिये सबसे घातक होने और उनको पूर्णतया समाप्त करने के प्रति जागरूक करना तथा इस दिवस के माध्यम से लोगों एवं सभी देशों के नेताओं को इस प्रकार के घातक हथियारों को समाप्त करने से होने वाले वास्तविक लाभ के प्रति शिक्षित करना है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1946 में प्रस्ताव पारित कर यह सिद्ध किया कि परमाणु ऊर्जा आयोग के पास न केवल परमाणु ऊर्जा के नियंत्रण और परमाणु हथियारों के उन्मूलन के लिये विशिष्ट प्रस्ताव बनाने का जनादेश है, बल्कि सामूहिक विनाश के सभी हथियारों का नियंत्रण भी है। महासभा ने वर्ष 1959 में सामान्य एवं पूर्ण निशस्त्रीकरण के उद्देश्य का समर्थन किया। वर्ष 1978 में महासभा के पहले विशेष सत्र में कहा गया कि निशस्त्रीकरण की दिशा में पूर्ण परमाणु निशस्त्रीकरण प्राथमिक उद्देश्य होना चाहिये।

विश्व रेबीज़ दिवस 28 सितंबर

  • रेबीज़ और इसकी रोकथाम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रतिवर्ष 28 सितंबर को विश्व रेबीज़ दिवस (World Rabies Day) मनाया जाता है। यह दिवस फ्रांँस के प्रसिद्ध जीवविज्ञानी लुई पाश्चर (Louis Pasteur) की पुण्यतिथि के अवसर पर 28 सितंबर को मनाया जाता है, जिन्होंने पहला रेबीज़ टीका विकसित किया था और रेबीज़ की रोकथाम की नींव रखी थी। वर्ष 2022 के लिये इस दिवस की थीम- ‘रेबीज़: वन हेल्‍थ, ज़ीरो डेथ्‍स’ ('Rabies: One Health, Zero Deaths') रखी गई है। विश्व रेबीज़ दिवस पहली बार 28 सितंबर, 2007 को मनाया गया था। रेबीज़ एक विषाणु जनित रोग है। यह वायरस अधिकांशतः रेबीज़ से पीड़ित जानवर जैसे- कुत्ता, बिल्ली, बंदर आदि की लार में मौजूद होता है। आँकड़ों के अनुसार, मनुष्यों में लगभग 99 प्रतिशत मामलों का कारण कुत्ते का काटना है। रेबीज़ से संक्रमित जानवर के काटने और रेबीज़ के लक्षण दिखाई देने की समयावधि चार दिनों से लेकर दो वर्ष तक या कभी-कभी उससे भी अधिक हो सकती है। इसलिये वायरस से बचाव के लिये जल्द-से-जल्द उपचार करना ज़रूरी होता है।


हृदय दिवस प्रत्येक वर्ष 29 सितंबर


  • यह सर्वप्रथम वर्ष 2000 में वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से मनाया गया था।
  • यह एक वैश्विक अभियान है जिसके माध्यम से महासंघ हृदय रोग (CVD) से होने वाली परेशानियों के खिलाफ लड़ाई में लोगों को एकजुट करता है और साथ ही स्वस्थ जीवन को प्रोत्साहित करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई को प्रेरित और संचालित करता है।इस दिवस हृदय यह रोग से बचाव और नियंत्रण के लिये किसी व्यक्ति द्वारा उठाए जाने वाले कदम के महत्त्व को रेखांकित करता है।
  • इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य हृदय रोग, इसकी रोकथाम और दुनिया भर के लोगों पर इसके प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
  • थीम: विश्व हृदय दिवस की थीम है-’’यूज़ हार्ट फॉर एव्ररी हार्ट''(Use Heart For Every Heart)


खाद्य हानि और अपशिष्ट के बारे में जागरूकता का अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2022

  • 19 दिसंबर, 2019 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 29 सितंबर को खाद्य हानि और अपशिष्ट के प्रति जागरूकता के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में नामित किया। UNGA ने रेखांकित किया कि इस अंतर्राष्ट्रीय दिवस का पालन भोजन के नुकसान और कचरे को कम करने के बारे में जागरूकता बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण योगदान देगा। यह दिवस वर्ष 2020 से प्रत्येक वर्ष  मनाया जाता है, वर्ष 2022 में इसके तीसरे संस्करण का आयोजन किया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (FAO) तथा संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) इस दिवस का पालन सुनिश्चित किये जाने की दिशा में प्रयासरत हैं। यह दिवस सार्वजनिक एवं निजी संस्थाओं से भोजन के नुकसान व बर्बादी को कम करने के लिये मिलकर काम करने का आह्वान करता है। खाद्य हानि तथा अपशिष्ट कुल वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (GHG)  का 8-10 प्रतिशत है। दुनिया भर की सरकारों को भोजन के नुकसान और अपशिष्ट को कम करने के लिये सहयोग करने व समाधान खोजने की ज़रूरत है। यह ध्यान देने योग्य है कि यदि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को नियंत्रित नहीं किया जाता है, तो सूखा और बाढ़ जैसी घटनाएँ सामान्य हो जाएंगी।

अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस 30 सितंबर 

  • प्रत्येक वर्ष 30 सितंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। आधिकारिक तौर पर पहला अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस वर्ष 2017 में मनाया गया था। अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस,2022 की थीम ‘ए वर्ल्ड विदाउट बैरियर’ है। 24 सितंबर, 2017 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक संकल्प पारित कर 30 सितंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस’ घोषित किया। 30 सितंबर को सेंट जेरोम (St. Jerome) की पुण्यतिथि पर उनको श्रद्धांजलि स्वरुप चुना गया है। सेंट जेरोम बाइबल अनुवादक (Translator) हैं, जिन्हें अनुवादकों के संरक्षक संत के रूप में जाना जाता है। अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस को मनाने के लिये जारी संकल्प की वकालत इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ट्रांसलेटर्स (FTI) सहित इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ कॉन्फ्रेंस इंटरप्रेटर्स, क्रिटिकल लिंक इंटरनेशनल, इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ प्रोफेशनल ट्रांसलेटर्स एंड इंटरप्रेटर्स, रेड टी, वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ साइन लैंग्वेज इंटरप्रेटर्स तथा अन्य कई संगठनों ने की। अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस मनाने की शुरुआत इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ट्रांसलेटर्स- एफआईटी ने की थी। एफआईटी की स्थापना वर्ष 1953 में हुई थी और वर्ष 1991 में इस फेडरेशन ने दुनिया भर के अनुवादक समुदायों को एकजुत करने के लिये आधिकारिक तौर पर इस दिवस को मान्यता प्रदान करने के विचार की शुरुआत की।

No comments:

Post a Comment

Powered by Blogger.