कार्यक्रम बजट विशेषताएं दोष |निष्पादन बजट एवं कार्यक्रम बजट में अन्तर | Programme Budget in Hindi

 कार्यक्रम बजट विशेषताएं दोष , निष्पादन बजट एवं कार्यक्रम बजट में अन्तर

कार्यक्रम बजट विशेषताएं दोष |निष्पादन बजट एवं कार्यक्रम बजट में अन्तर | Programme Budget in Hindi


 कार्यक्रम बजट (Programme Budget)

कार्यक्रम बजट प्रक्रिया को सर्वप्रथम संयुक्त राज्य अमेरिका के कई संघीय उपक्रमों में आरम्भ किया गया। परन्तु सरकारी स्तर पर पूर्णतया संघीय सरकार के पी. पी.बी.एस. अथवा नियोजन- कार्यक्रम - बजट - व्यवस्था (Planning Programming-Budgeting System) के माध्यम से 1960 के दशक में ही अपनाया गया। मूल तौर पर इसका विकास अमेरिका के प्रतिरक्षा विभाग में किया गया था। इस बजट व्यवस्था का उद्देश्य प्रबन्धकों की इस बात में सहायता करना था ताकि वे अपने बजट के संसाधनों का आवंटन अक्लमंदपारदर्शी तथा प्रभावी निर्णय के आधार पर कर सके। कार्यक्रम बजट प्रक्रिया अन्य बजट प्रक्रियाओं से इसलिए भिन्न है कि इसका केन्द्र बिन्दु प्रभावकारिता है। निष्पादन जैसी अन्य बजट प्रक्रियाएं जो कुशलता को प्रोत्साहित करती हैपर्याप्त नहीं समझी गई। पी. पी.बी.एस. के समर्थकों का कहना है कि सरकार को कुशलता की अपेक्षा प्रभावकारिता को प्राथमिकता देनी चाहिए। एक कुशल सेना का कोई लाभ नहीं जब तक कि वह विजयी सेना न हो। लर्नर तथा जॉन वानत (A. W. Lerner and John (nat) का विचार है कि कार्यक्रम बजट से जुड़ा महत्त्वपूर्ण प्रश्न यह है कि संगठन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए धन खर्च करने का सबसे उत्तम तरीका क्या है?

 

कार्यक्रम बजट को तैयार करने के लिए अमुक पग उठाने पड़ते हैं।

 

(i) सबसे पहले संगठन को यह निश्चित करना होगा कि उसके लक्ष्य क्या हैं? 

(ii) प्रत्येक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न विकल्पों की पहचान करना 

(iii) प्रत्येक विकल्प के लागत और लाभ की संख्यात्मक ढंग से तुलना करना और जिस विकल्प पर कम से कम लागत कर अधिक से अधिक लाभ (या प्रभावकारिता) प्राप्त होउसे बजट में शामिल करना। बजट मसौदे में कार्यक्रम मूल लेखाकरण इकाई होता है। उदाहरणतया एक वातावरण सुरक्षा अभिकरण बजट को प्रदूषण अनुसंधानविधि लागू करनालोक शिक्षण और सामान्य प्रशासन जैसी श्रेणियों में बांट देगा। प्रदूषण अनुसंधान के विस्तृत कार्यक्रम को शोरप्रदूषणजल प्रदूषण तथा वायु प्रदूषण जैसी उप-श्रेणियों में उप-विभाजित किया जायेगा तब इनको निश्चित कार्यक्रमों तथा उनके विकल्पों में धन खर्च करने के लिए बांटा जायेगा। प्रत्येक विकल्प पर विचार किया जायेगा कि उनमें से कौनसा बजट में सम्मिलित किया जाये। कभी कभी यह स्पष्टीकरण भी दिये जायेंगे कि एक निश्चित विकल्प को क्यों चुना गया। कार्यक्रमों के विकल्पों की संख्यात्मक तुलना पी. पी. बी. एस. की एक बड़ी महत्त्वपूर्ण विशेषता है। लागत लाभ विश्लेषण (cost-benefit analysis) तथा व्यवस्था विश्लेषण (system analysis) कार्यक्रम बजट प्रक्रिया में केन्द्रीय महत्त्व रखते हैं।

 

 कार्यक्रम बजट  विशेषताएं (Characteristics of Programme Budget)

 

व्यवस्था सम्बन्धी धारणा ( Systems concept) कार्यक्रम बजट प्रक्रिया का आधार होती है। यह इस कल्पना को लेकर चलती है कि सरकार के सभी तत्त्वों को निकट अंतर्ग्रथन ( Intervined ) है ताकि एक नीति के एक पक्ष में परिवर्तन से शेष सभी पर प्रभाव पड़ता है। लीवाईनपीटर्ज तथा थामसन (CH. Levine, B. Guy Peters and Frank J. Thompson ) उस कार्यक्रम बजट प्रक्रिया जिसका अमेरिका की संघीय सरकार में पालन किया जा रहा हैकी छः मुख्य विशेषतायें बताते हैं :

 

(i) सरकार के मुख्य उद्देश्यों तथा लक्ष्यों की पहचान करना अनिवार्य है। कार्यक्रम बजट प्रक्रिया सरकार के केन्द्रीय लक्ष्यों तथा प्राथिमकताओं से आरम्भ होती हैन कि विभागों या अभिकरणों द्वारा की गई पहल से जैसा कि परम्परागत बजट में होता है।

 

(ii) निश्चित लक्ष्यों के अनुकूल कार्यक्रमों का विकास किया जाना चाहिएऔर इनको किस प्रकार प्राप्त किया जाएगाकार्यक्रमों की विश्लेषणात्मक व्याख्या होनी चाहिए और यह जरूरी नहीं कि वे वर्तमान संगठनों के अंतर्गत रहें।

 

(iii) कार्यक्रमों में संसाधनों का आबंटन करना अनिवार्य है। निश्चित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बजट में समूची लागत का ब्यौरा देना जरूरी है। यह दिखाना अनिवार्य है कि यह लागत लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए उचित तथा प्रभावकारी साधन है।

 

(iv) कार्यक्रम बजट प्रक्रिया में संगठनों का अधिक महत्त्व नहीं है। यह इस धारणा को लेकर नहीं चलती कि प्रत्येक कार्यक्रम एक ही अभिकरण के भीतर रखना जरूरी है अथवा कि एक अभिकरण को केवल एक ही कार्यक्रम से जोड़ना चाहिए।

 

(v) कार्यक्रम बजट प्रक्रिया अवधि एक वर्ष से आगे चली जाती है जोकि परम्परागत बजट में सामान्य अवधि मानी जाती है। बजट बनाते समय कार्यक्रमों के दूरगामी तथा मध्यकालीन परिणामों पर ध्यान देना अनिवार्य है।

 

(vi) बजट बनाने वाले व्यवस्थित ढंग से विकसित कार्यक्रमों का विश्लेषण करते हैं। अधिक प्रभावकारी तथा कुशल स्वरूप के लिए वे वर्तमान कार्यक्रम संरचनाओं के विकल्पों की छानबीन करते हैं। उनसे यह आशा की जाती है कि वे अपने कार्यक्रमों का औचित्य सिद्ध करें ताकि ये देखा जा सके कि वे कार्यक्रम उनके विकल्पों से बेहतर हैं।

 

कार्यक्रम बजट के दोष (Defects of the Programme Budget)

 

माना कि पी.पी.बी.एस. लागत प्रभावी है और कार्यक्रमों को पूरा करना इसका लक्ष्य हैफिर भी यह प्रक्रिया अधिक सफलता प्राप्त नहीं कर सकी। संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार ने इसको जानसन ( Johnson) प्रशासन काल में अपनाया थापरन्तु 1970 से प्रारम्भ होने वाले दशक के शुरू में ही इसे छोड़ दिया। इसके दोष लाभों से कहीं अधिक हैं। इसके मुख्य दोष इस प्रकार हैं:

 

(i) कार्यक्रम बजट प्रक्रिया बहुत महंगी है। 

(ii) कार्यक्रम बजट बनाने के लिए जिस प्रयास तथा समय की आवश्यकता होती हैवह कम नहीं हैऔर वह अन्य प्रकार के बजटों के बनाने के प्रयासों और समय से कहीं अधिक है। 

(iii) कभी-कभी कार्यक्रमों से होने वाले लाभों के संख्यात्मक मापन विकसित करने असम्भव हो जाते हैं। 

(iv) इसमें सरकारी पदसोपान के उच्च स्तरों पर ही निर्णय किये जाते हैं। 

(v) सभी विकसित रणनीतियों का विश्लेषण करने की खोज एक विभाग या अभिकरण को विवश करती है कि वह अपने वर्तमान कार्यक्रमों को आलोचना के लिए पेश करे। 

(vi) विकल्पित नीतियों के कारण सम्बन्धित विभाग अथवा अभिकरण की कार्य सार्थकता कम हो जाती है। इसे अपनी नीति चयनों को लिखित रूप में उचित ठहराना पड़ता है। परन्तु कई संगठनों में पी. पी. बी. एस. की कुछ तकनीकें अभी भी बची हुई हैं। यदि किसी संगठन के पास कुशल कर्मचारी हैं तो इसकी तकनीकें बजट के नये प्रस्तावों और सुझावों के मूल्यांकन के लिए महत्वपूर्ण है।

 

निष्पादन बजट एवं कार्यक्रम बजट में अन्तर 

(Difference between Performance and Programme Budget)

 

निष्पादन बजट कई नामों से जाना जाता है। पहले इसे कार्यकारी बजट या कर्मण्यता बजट कहते थे। हूवर आयोग ने इस प्रकार के बजट को निष्पादन बजट की संज्ञा दी थी। कुछ वर्षों से 'कार्यक्रम बजटशब्द भी लोकप्रिय हो गया है। प्रारम्भ में तो निष्पादन बजट व कार्यक्रम बजट पर्यायवाची ही थेपरन्तु कालान्तर में इनमें भेद बताए जाने लगे। यह कहा जाने लगा कि कार्यक्रम बजट निष्पादन बजट पर सुधार है। 


निष्पादन बजट तथा कार्यक्रम बजट में निम्न भेद हैं :

 

1. निष्पादन बजट संगठन के कार्यों पर जोर देता हैकार्यक्रम बजटइसके विपरीतसंगठन के कार्यों को तो साधन मानता है। 

2. निष्पादन बजट प्रबंध के आंतरिक कार्यों को सुधारने पर ध्यान देता है तथा इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु अनेक तकनीकों का प्रयोग करता है। कार्यक्रम बजटइसके विपरीतपद्धति विश्लेषण पर विश्वास करता है। 

3. निष्पादन बजट संगठन की कुशलता मापने का एक यंत्र हैजबकि कार्यक्रम बजट मूलतः विभिन्न कार्यक्रमों के लिए पैसा आबंटित करने का एक मुख्य साधन है और प्रभावशीलता को प्रोत्साहित करता है।

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