सामुद्रिक तापमान वितरण क्षैतिज वितरण लम्बवत वितरण| OCEAN TEMPERATURE in Hindi

सामुद्रिक तापमान वितरण क्षैतिज वितरण लम्बवत वितरण

सामुद्रिक तापमान वितरण क्षैतिज वितरण लम्बवत वितरण


सामुद्रिक तापमान (OCEAN TEMPERATURE)


महासागरीय तापमान का क्षैतिज वितरण (Horizontal Distribution of Temperature)

 

  • महासागरीय जल के तापमान का क्षैतिज वितरण अक्षांशों के आधार पर ही अंकित किया जाता है. क्षैतिज वितरण पर विषुवत रेखा  से दूर का विशेष प्रभाव पड़ता है.  विषुवत रेखा  से ध्रुवों की ओर बढ़ते समय तापक्रम घटता जाता है तापक्रम गिरने का क्रम प्रत्येक अक्षांश पर 1/2° होता है. निम्न अक्षांशों से उच्च अक्षांशों को जाने पर ताप का कम होना दोनों गोलाद्धों में होता हैकिन्तु दक्षिणी गोलार्द्ध की अपेक्षा उत्तरी गोलाई में ही अधिक तापमान रिकॉर्ड किया जाता है. 

  • महासागरों की सतह का अधिकतम तापमान उत्तरी गोलार्द्ध में 5° उत्तरी अक्षांश पाया जाता है और न्यूनतम तापक्रम 80° अक्षांश उत्तरी गोलार्द्ध में व 75° अक्षांश द. गोलार्द्ध में अंकित किया जाता है. 
  • ताप के वितरण को समताप रेखाओं द्वारा आसानी से दिखलाया जा सकता है. समताप रेखाओं की रचना महाद्वीपों की रूपरेखा पवनों की दिशासमुद्री धाराओं के मार्गसागर का खुला या बन्द होना आदि का प्रभाव पड़ता है. हिन्द महासागर में 15° से की समताप रेखा अधिकतम ताप के स्थानों को घेरती है. समताप रेखाएँ अरब सागर में उत्तर की ओर मुड़ जाती हैं. भारतीय प्रायद्वीप के सहारे दक्षिण को मुड़ती है. अधिकतम तापमान अरब सागर के निचले भागों में अंकित किया जाता है,

 

  • अन्धमहासागर में गर्म व ठण्डी धाराओं का प्रभाव समताप रेखाओं के वितरण पर विशेषतः पड़ता है. उत्तरी आन्ध्र महासागर में पश्चिमी की ओर समतापी रेखाएं एक-दूसरे के बहुत ही निकट स्थित हैंक्योंकि दक्षिण पश्चिम से गल्फस्ट्रीम की गर्म धारा तथा उत्तर-पश्चिम से सैयोडोर की ठण्डी धारा मिलती है. इस महासागर में तापमान गर्म धाराओं के मिलने के कारण उत्तरी अक्षांशों में भी अन्य महासागरों से अधिक पाया जाता हैलेकिन फिर भी प्रशान्त महासागर के जल की सतह का तापक्रम अन्य महासागरों की अपेक्षा अधिक रहता है.. उदाहरणार्थ प्रशान्त महासागर का तापमान 19.1° से. रहता है. हिन्द महासागर और अण्टलाण्टिक महासागर का तापक्रम क्रमशः 17.3° से. और 1691° से. तथा हिन्द महासागर की सतह का तापमान बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर उच्चतम तापक्रम 25° से. मापा गया है. लेकिन हिन्द महासागर के सीमान्त सागरों का तापक्रम और भी अधिक पाया जाता है उदाहरण के लिए लाल सागर तथा फारस की खाड़ी का - उच्चतम तापक्रम क्रमशः 32.3° से. तथा 34° से. अंकित किया जाता है. लेकिन चारों ओर से बिल्कुल घिरे सागरों का उच्चतम तापक्रम (कैस्पियन सागर तथा काला सागर ) इन सागरों के तापक्रम से कम होता है. 
  • महासागरों के तापमान के क्षैतिज - वितरण पर सूर्य के प्रवास का भी प्रभाव पड़ता हैजिस समय सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध में होता है. उस समय उत्तरी गोलार्द्ध में समताप रेखाएँ अधिक तापमान वाली तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में कम ताप वाली समताप रेखाएँ होती हैं तथा सूर्य की दक्षिणायन स्थिति होने पर विपरीत स्थिति दृष्टिगोचर होती है.

 

सामुद्रिक तापमान  का लम्बवत वितरण (Vertical Distribution of Temperature)

 

महासागरों में ताप गहराई की ओर कम होता जाता है, क्योंकि ताप का स्रोत सूर्य ही है महासागरों में सूर्य की किरणें 183 मी. की गहराई तक ही जा सकती हैं अतः इस गहराई तक तापमान में काफी परिवर्तन होता रहता है. सागरीय जल का तापक्रम सतह से लेकर काफी गहराई पर - परिवर्तनशील रहता है. विषुवत् रेखा पर समुद्र की ऊपरी सतह का तापमान 27° से. रहता है. परन्तु 1.097 भी की गहराई पर 4-4° से. तथा 1,829 मी. की गहराई पर 3.30 से और 3,658 मी. की गहराई पर 1.6° से. ही रहता है. 


महासागरीय जल के  तापमान के लम्बवत् वितरण का संक्षिप्त वितरण इस प्रकार है-

 

(i) महासागरों में गहराई पर ताप का गिरमा एकसमान नहीं है. 

(ii) गहराई में ताप का गिरना उष्ण कटिबन्धों तथा ध्रुवों पर समान होता है. उष्ण कटिबन्धों में सतह पर तापक्रम अधिक होता हैइसलिए ताप के गिरने की दर भी अधिक है जबकि ध्रुवों के निकट ताप के गिरने की दर कम हैकिन्तु अत्यधिक गहराई पर ताप दोनों ही क्षेत्रों में एकसमान होता है. 

(iii) विषुवत  रेखीय  प्रदेश में अधिक वर्षा के कारण सतह का जल कम गर्म होता है. कुछ गहराई पर ताप ऊँचा मिलता है किन्तु अधिक गहराई में ताप अधिक गिरा हुआ होता है. 

(iv) कुछ विशिष्ट सागरों जैसे सार गैसों सागरलाल सागर तथा रूम सागर आदि में गहराई पर भी ताप अधिक मिलता है. सारगैसों सागर में वामावर्त धाराओं के कारण निकटवर्ती सागरों का ठण्डा पानी मिलने नहीं पाता है इसलिए ताप ऊँचा रहता है, 

(v) उच्च अक्षांशों में घिरे सागरों में तापीय व्युत्क्रम मिलता है. स्वच्छ जल की प्राप्ति के कारण सतह का तापक्रम कम होता है. गहराई पर अधिक घनत्व एवं अधिक ताप वाला जल होता है. अधिक गहराई पर फिर वही कम ताप पाया जाता है.


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