स्टॉकहोम सम्मेलन (1972) |संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम | Stockholm conference 1972

 स्टॉकहोम सम्मेलन (1972) , संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम

स्टॉकहोम सम्मेलन (1972) |संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम | Stockholm conference 1972


स्टॉकहोम सम्मेलन (1972)

अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण चेतना एवं पर्यावरण आंदोलन के प्रारंभिक सम्मेलन के रूप में 1972 में संयुक्त राष्ट्रसंघ ने स्टॉकहोम (स्वीडन) में दुनिया के सभी देशों का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया था। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में 119 देशों ने भाग लिया और एक ही धरती के सिद्धांत को सर्वमान्य तरीके से मान्यता प्रदान की गई।

लगातार हो रहे पर्यावरणीय क्षरण, मौसम परिवर्तन एवं आपदाओं पर नियंत्रण हेतु पर्यावरण संरक्षण के संदर्भ में यह प्रथम वैश्विक प्रयास था। संक्षेप में पर्यावरण संरक्षण पर अंतरराष्ट्रीय ध्यान केंद्रित करने में स्कॉटहोम सम्मेलन का योगदान निम्नलिखित है -

  • मानवीय पर्यावरण पर घोषणापत्र प्रस्तुत करना,
  • मानवीय पर्यावरण के संरक्षण की दिशा में कार्ययोजना बनाए जाने की आवश्यकता पर बल,
  • संस्थागत, प्रशासनिक तथा वित्तीय व्यवस्थाओं को अपनाए जाने पर बल,
  • प्रति वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की घोषणा का प्रस्ताव,
  • पर्यावरण संरक्षण की दिशा में राष्ट्रीय स्तर पर कार्यवाही को सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य,
  • पर्यावरण संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ने के लिए पुनः दूसरे सम्मेलन बुलाए जाने का प्रस्ताव।


संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम

स्कॉटहोम सम्मेलन के दौरान 1972 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (United Nations Environment Programme -UNEP) का शुभारंभ हुआ। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम का मुख्यालय कीनिया की राजधानी नैरोबी में है। वैश्विक पर्यावरण एजेंडा के निर्माण एवं जलवायु नीतियों के कार्यान्वयन के संदर्भ में यह शीर्ष वैश्विक पर्यावरण प्राधिकरण है जो संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के भीतर कार्य करता है। संक्षेप में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के निम्नलिखित कार्य हैं- 

  • वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय पर्यावरणीय परिस्थितियों और रुझानों का आकलन करना
  • अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण संरक्षण उपायों को विकसित करना
  • पर्यावरण के विवेकपूर्ण प्रबंधन हेतु संस्थानों को सशक्त बनाना
  • सतत विकास के लिए ज्ञान और प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करना
  • सिविल सोसाइटी और निजी क्षेत्र के भीतर साझेदारी और विचारों को प्रोत्साहित करना


संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के कार्यक्षेत्र को सात व्यापक क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है-

  • जलवायु परिवर्तन,
  • आपदाओं और संघर्ष
  • पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन
  • पर्यावरण अभिशासन,
  • रसायन और अपशिष्ट,
  • संसाधन की दक्षता
  • पर्यावरण की समीक्षा


संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के कार्यों का क्रियान्वयन निम्न सात विभागों द्वारा किया जाता हैः

  • जल्द चेतावनी एवं उनका आकलन (Early Warning and Assessment)
  • पर्यावरणीय नीति क्रियान्वयन (Environmental Policy Implementation)
  • तकनीक, उद्योग एवं अर्थशास्त्र
  • क्षेत्रीय सहयोग
  • पर्यावरणीय कानून एवं सम्मेलन
  • वैश्विक पर्यावरण सुविधा सहयोग (Environmental law and convention)
  • संचार एवं जन सूचना
  • संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम पर्यावरण से संबंधित चुनौतियां, बहुपक्षीय पर्यावरणीय समझौतों और इससे जुड़े अनुसंधान निकायों की मेजबानी कर राष्ट्रों और समुदायों को एक साथ लाता है। इसके द्वारा निम्नलिखित पर्यावरणीय समझौते/ कन्वेंशन की मेजबानी की जाती है
  • जैविक विविधता पर कन्वेंशन
  • वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन
  • पारे पर मिनामाता सम्मेलन
  • बेसल, रॉटरडैम और स्टॉकहोम कन्वेंशन
  • ओजोन परत के संरक्षण और मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के लिए वियना कन्वेंशन
  • प्रवासी प्रजातियों पर कन्वेंशन
  • कार्पेथियन कन्वेंशन
  • बमाको कन्वेंशन
  • तेहरान सम्मेलन
  • संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के द्वारा निम्नलिखित रिपोर्ट प्रस्तुत की जाती है
  • Actions on Air Quality- एक्शन ऑन एयर क्वालिटी
  • Global Environment Outlook- ग्लोबल एनवायरमेंट आउटलुक
  • The Rise of Environmental Crime - द राइज ऑफ़ एनवायर्नमेंटल क्राइम (इंटरपोल के सहयोग से)

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