विश्व हेपेटाइटिस दिवस 28 जुलाई: थीम (विषय) इतिहास उद्देश्य महत्व | World Hepatitis Day 2023 Theme Importance

विश्व हेपेटाइटिस दिवस 2023: थीम (विषय) इतिहास उद्देश्य महत्व

विश्व हेपेटाइटिस दिवस 2022: थीम (विषय) इतिहास उद्देश्य महत्व | World Hepatitis Day 2022 Theme Importance
 

विश्व हेपेटाइटिस दिवस 2023: थीम (विषय) इतिहास उद्देश्य महत्व

  • प्रत्येक वर्ष 28 जुलाई को ‘विश्व हेपेटाइटिस दिवस’ मनाया जाता है।
  • इस वर्ष 2022 में विश्व हेपेटाइटिस दिवस की थीमAchieving the elimination of viral hepatitis within evolving health systems”.  ’ है।
  • ‘विश्व हेपेटाइटिस दिवस’ नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक डॉ बारूक ब्लमबर्ग के जन्मदिवस को चिह्नित करता है, जिन्होंने ‘हेपेटाइटिस बी वायरस’ (HBV) की खोज की थी। उन्होंने हेपेटाइटिस बी वायरस के इलाज के लिये एक नैदानिक परीक्षण और टीका भी विकसित किया था।
  • विश्व हेपेटाइटिस दिवस का उद्देश्य हेपेटाइटिस A, B, C, D और E नामक संक्रामक रोगों के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाना तथा हेपेटाइटिस की रोकथाम, निदान एवं उपचार को प्रोत्साहित करना है।
  • दुनिया भर में वायरल हेपेटाइटिस के कारण वार्षिक तौर पर लगभग 1.3 मिलियन मौतें होती हैं, वहीं 300 मिलियन लोग इस बीमारी के साथ जीवन जी रहे हैं किंतु वे अपने संक्रमण की स्थिति से अनजान हैं। वर्ष 2016 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ‘एलिमिनेट हेपेटाइटिस बाई 2030’ नामक अभियान शुरू किया था। स्क्रीनिंग एवं शुरुआती पहचान इस बीमारी से निपटने का एकमात्र तरीका है। हालाँकि हेपेटाइटिस A एवं B वायरस के लिये टीका उपलब्ध है।

हेपेटाइटिस क्या है ?

  • हेपेटाइटिस मूल रूप से लीवर की बीमारी होती है जो वायरल इन्फेक्शन होने के कारण होती है। इस अवस्था में लीवर में सूजन आती है। हेपाटाइटिस को लेकर लगातार स्थिति चिंताजनक होती जा रही है।क्योकि इससे मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है। हेपेटाइटिस टाइप बी और सी लाखों लोगों में क्रॉनिक बीमारी का कारण बन रहे हैं क्योंकि इनके कारण लीवर सिरोसिस और कैंसर होता है। हेपेटाइटिस 5 प्रकार के होते हैं। जैसे हेपेटाइटिस एहेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, हेपेटाइटिस डी, हेपेटाइटिस ई हेपेटाइटिस के दो अवस्था होता है एक्यूट हेपेटाइटिस, क्रॉनिक हेपेटाइटिसI हेपेटाइटिस के प्रथम अवस्था में लक्षण कुछ साफ तरह नहीं पता नहीं चलता है लेकिन क्रॉनिक अवस्था में इसके कुछ लक्षण नजर आ जाते हैं जैसे पीलिया, त्वचा और आंखों का पीला पड़ जाना, मूत्र का रंग गहरा हो जाना, अत्यधिक थकान, मतली आना और उल्टी होना, पेट दर्द और सूजन, खुजलाहट, भूख कम लगना, वज़न का घटना बच्चों को हेपेटाइटिस से बचाव के लिए टिका दिया जाता है। 18 साल के उम्र तक और उससे वयस्क लोगों को छह से बारह महीने में तीन डोस दी जाती है, जिससे इस बीमारी से पूरी तरह से सुरक्षित रहा जा सकता हैं।


हेपेटाइटिस-बी (Hepatitis-B)

  • यह एक वायरल संक्रमण (Viral Infection) है जो लीवर की बीमारी का कारण बन सकता है।
  • यह वायरस जन्म और प्रसव के दौरान माँ से बच्चे में तथा रक्त या शरीर के अन्य तरल पदार्थों के संपर्क में आने के कारण फैलता है।
  • यह लीवर कैंसर का प्राथमिक कारण है।
  • वैक्सीन द्वारा हेपेटाइटिस-बी की रोकाथाम की जा सकती है जो कि एक सुरक्षित और प्रभावी उपाय हैं।


हेपेटाइटिस सी 

  • हेपेटाइटिस C या ‘यकृतशोध ग’ एक संक्रामक रोग है जो हेपेटाइटिस C वायरस (HCV) के कारण होता है और यकृत (Liver) को प्रभावित करता है।
  • यह आमतौर पर रक्त से रक्त के संपर्क के माध्यम से प्रसारित होता है।
  • इसका संक्रमण यकृत को तेज़ी से नुकसान पहुँचाता है और अधिक क्षतिग्रस्तता (सिरोसिस) की ओर अग्रसर हो सकता है। सिरोसिस आमतौर पर कई वर्षों के बाद प्रकट होता है।
  • सिरोसिस से पीड़ित रोगियों में से कुछ में यकृत कैंसर या अन्य जानलेवा समस्याएँ एसोफेजेल वराइसेस तथा गैस्ट्रिक वराइसेस (Oesophageal and gastric varices) विकसित हो सकती हैं।

  

हेपेटाईटिस नियंत्रण के लिये सरकार की पहल 

  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 2030 तक देश से हेपेटाइटिस वायरस का उन्मूलन करने के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम शुरु किया।
  • सरकार ने यह कार्यक्रम अगले तीन वर्षों के लिये 600 करोड़ रुपए के बजट के साथ शुरू किया।
  • मंत्रालय ने पहले ही वायरल हेपेटाइटिस की रोकथाम और नियंत्रण के लिये एकीकृत पहल के तहत दिशा-निर्देश (Integrated Initiative for Prevention and Control of Viral Hepatitis Operational Guidelines) जारी कर दिये हैं।
  • राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम के तहत सरकार भारत में बीमारी के व्यापक प्रसार को ध्यान में रखते हुए, निदान और उपचार सहित वायरल हेपेटाइटिस के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करेगी।
  • इस कार्यक्रम में निजी क्षेत्र की भागीदारी सहित विभिन्न प्रकार के हेपेटाइटिस के निदान और उपचार समबंधी प्रावधान शामिल होंगे।

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