मध्य प्रदेश औद्योगीकरण की अवधारणा को समझाइए ? | Industry Concept in MP

मध्य प्रदेश औद्योगीकरण की अवधारणा को समझाइए ?

मध्य प्रदेश औद्योगीकरण की अवधारणा को समझाइए ? | Industry Concept in MP


 

मध्य प्रदेश औद्योगीकरण की अवधारणा को समझाइए ?

उत्तर- 

  • स्वतंत्रता प्राप्ति के पूर्व वर्तमान म.प्र. राज्य अनेक छोटी-छोटी रियासतों में बँटा हुआ था। अतः राज्य निर्माण के पूर्व रियासती शासनकाल में कोई उल्लेखनीय है औद्योगिक विकास नहीं हो पाया था और म.प्र. राज्य को विरासत में औद्योगिक पिछड़ापन प्राप्त हुआ। असीमित प्राकृतिक सम्पदा (वनखनिजजल) आदि से सुसम्पन्न होने के बावजूद राज्य के पास वित्तीय साधनों की कमी एवं वैज्ञानिक कुशलता के अभाव स्वरूप इस सम्पदा का दोहन पूर्ण रूप से नहीं हो पाया है। 

  • स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद विकास स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद वर्तमान म.प्र. चार स्वतन्त्र इकाइयों (पुराना म.प्र. (महाकौशल)मध्यभारतविन्ध्यप्रदेशभोपाल (राज्य) में बँटा रहा और इन इकाइयों का नियोजित विकास अलग अलग चलता रहा। 1 नवम्बर 1956 को नवीन म.प्र. के निर्माण के बाद यहाँ के विशाल प्राकृतिक संसाधनों का मूल्यांकन और उपयोग प्रारम्भ हुआ। 


मध्य प्रदेश में उद्योगों की सम्भावनाएँ

 

वनोपज पर आधारित - 

  • म.प्र. का लगभग 38 प्रतिशत भाग वनों से आच्छादित है। इन वनों में विभिन्न उद्योगों के लिये नाना प्रकार का कच्चा माल जैसे इमारती एवं नर्म लकड़ीतेन्दूपत्ताबाँसहर्रालाखगोंदखैरजड़ी पर घरहर तरह की आधारभूत सुविधापानीबिजलीकी 24 घंटे सुविधाशिक्षा के विकल्पसुरक्षामनोरंजन एवं खेलकूद के साधनअच्छी एवं तेज कनेक्टीविटी अच्छे स्कूल एवं अस्पताल की सुविधा होगी। 
  • इन्हें इस परियोजना के अर्थात् इसलिए शामिल किया गया क्योंकि इन नगरों में नगरी जनसंख्या के प्रतिशत में वृद्धि हो रही है एवं शहरों का आर्थिक महत्व है।

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