लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली की समझाइए?| Explain Targeted Public Distribution System?

लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली की समझाइए?

लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली की समझाइए?| Explain Targeted Public Distribution System?

लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली की समझाइए?

उत्तर

  • भारत सरकार ने गरीबों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए जून, 1997 में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली शुरू की थी। लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अधीन राज्यों के लिए यह अपेक्षित था कि वे खाद्यान्नों की सुपुर्दगी देने और उचित दर दुकान स्तर पर इनका पारदर्शी और जवाबदेह तरीके से वितरण करने के लिए गरीबो की पहचान करने की पुख्ता व्यवस्था बनाए और क्रियान्वित करे।

 

  • जिस समय यह योजना लागू की गई थीउस समय इसका उद्देश्य लगभग 6 करोड़ गरीब परिवारो को लाभान्वित करना थाजिनके लिए वार्षिक रूप से 72 लाख टन खाद्यान्न निर्दिष्ट किए गए थे। योजना के अन्तर्गत गरीबों की पहचान प्रो. लाकड़ावाला की अध्यक्षता में "गरीबों का अनुपात और संख्या के अनुमान सम्बंधी विशेषज्ञ समूह" को विधि पर आधारित वर्ष 1993-94 के लिए योजना योग के राज्यवार निर्धनता अनुमानों के अनुसार राज्यों द्वारा की गई थी। राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को खाद्यान्नों का आवंटन विगत औसत खपत अर्थात् लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली आरम्भ करते समय पिछले दस वर्षों के दौरान लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अधीन खाद्यान्नों के औसत वार्षिक उठान के आधार पर किया गया था। मौजूदा लक्षित सार्वजनिक वितरण अन्तर अंतिम खुदरामूल्यथोक / खुदरा विक्रेताओं के मार्जिनढुलाई प्रभारलेवीस्थानीय कर आदि पर विचार करते हुए राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा निर्धारित किया जाता है। अंत्योदय अन्न योजनाजिसमें अंतिम खुदरा मूल्य को गेहूँ के लिए 2 रुपये प्रति किलोग्राम और चावल के लिए 3 रुपये प्रति किलोग्राम रखा जाना हैको छोड़कर लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अधीन खाद्यान्नों का वितरण करने के लिए खुदरा निर्गम मूल्य निर्धारित करने के लिए राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों को लचीला रुख अपनाने का अधिकार दिया गया है।

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