अंतर्राष्ट्रीय ऐल्बिनिज़्म जागरूकता दिवस 2022 : थीम (विषय )उद्देश्य इतिहास |International Albinism Awareness Day 2022 Theme in Hindi

 अंतर्राष्ट्रीय ऐल्बिनिज़्म जागरूकता दिवस 2022 : थीम (विषय )उद्देश्य इतिहास

अंतर्राष्ट्रीय ऐल्बिनिज़्म जागरूकता दिवस 2022 : थीम (विषय )उद्देश्य इतिहास |International Albinism Awareness Day 2022 Theme in Hindi


 अंतर्राष्ट्रीय ऐल्बिनिज़्म जागरूकता दिवस 2022 : थीम (विषय )उद्देश्य इतिहास

  • संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिवर्ष 13 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय ऐल्बिनिज़्म जागरूकता दिवस’ का आयोजन किया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य ऐल्बिनिज़्म अथवा रंगहीनता के बारे में लोगों को जागरूक करना तथा रंगहीनता से पीड़ित लोगों के मानवाधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाना है।


  • उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 18 दिसंबर, 2014 को ऐल्बिनिज़्म से पीड़ित लोगों के साथ विश्व में होने वाले भेदभाव के विरुद्ध जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 13 जून को अंतर्राष्ट्रीय ऐल्बिनिज़्म जागरूकता दिवस मनाने की घोषणा की थी।


अंतर्राष्ट्रीय ऐल्बिनिज़्म जागरूकता दिवस 2022 : थीम (विषय )

2022 Theme - United in making our voice heard

थीम (विषय चुने जाने का कारण - 

  • because including voices of persons with albinism is essential to ensure equality #Inclusion4equality;
  • to celebrate how groups of persons with albinism and individuals increase the visibility of persons with albinism in all domains of life;
  • to encourage and celebrate unity among groups of persons with albinism;
  • to amplify the voices and visibility of persons with albinism in all areas of life;
  • to highlight the work being done by albinism groups around the world.
  • #UnitedInMakingOurVoiceHeard  #Inclusion4equality #AlbinismDay


ऐल्बिनिज़्म  रोग क्या है 

ऐल्बिनिज़्म जन्म के समय से ही मौजूद एक दुर्लभ और आनुवंशिक रूप से विकसित रोग होता है। यह गैर-संक्रामक रोग भी है। यह मानव शरीर में मेलेनिन (Melanin) के उत्पादन में शामिल एंजाइम के अभाव में त्वचा, बाल एवं आँखों में रंजक या रंग के संपूर्ण या आंशिक अभाव द्वारा चिह्नित किया जाने वाला एक जन्मजात विकार है। ऐल्बिनिज़्म से पीड़ित लगभग सभी लोग दृष्टिबाधित होते हैं और उनमें त्वचा कैंसर होने का खतरा होता है। भारत में वर्तमान में ऐल्बिनिज़्म से पीड़ित लोगों की संख्या लगभग 1,00,000 है।

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