ऑटिस्टिक प्राइड डे : उद्देश्य इतिहास एवं जानकारी |Autistic Pride Day in Hindi

 ऑटिस्टिक प्राइड डे : उद्देश्य इतिहास एवं जानकारी 

(Autistic Pride Day  in Hindi)

Autistic Pride Day 2022 in Hindi


ऑटिस्टिक प्राइड डे 2022: उद्देश्य इतिहास एवं जानकारी 

  • प्रतिवर्ष 18 जून को विश्व स्तर पर 'ऑटिस्टिक प्राइड डेके रूप में मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर’ नामक विकार से पीड़ित लोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। ऑटिज़्म से पीड़ित लोगों को प्रायः मानवाधिकारों के उल्लंघनभेदभाव और तमाम तरह की गलत धारणाओं का सामना करना पड़ता है।
  • ऑटिस्टिक प्राइड डे’ का लक्ष्य इसी प्रकार के भेदभाव को समाप्त कर ऑटिज़्म से पीड़ित लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। ऑटिस्टिक प्राइड डे’ पहली बार वर्ष 2005 में एस्पीज़ फॉर फ्रीडम’ नाम नागरिक संगठन द्वारा मनाया गया था। ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम विकार (ASD) सामाजिक विकृतियोंसंवाद में परेशानीप्रतिबंधितव्यवहार का दोहराव और व्यवहार का स्टिरियोटाइप पैटर्न द्वारा पहचाना जाने वाला तंत्रिका विकास संबंधी जटिल विकार है।
  • नीले रंग को ऑटिज़्म का प्रतीक माना गया है। इस विकार के लक्षण जन्म या बाल्यावस्था (पहले तीन वर्षों) में ही नज़र आने लगते हैं। यह विकार व्यक्ति की सामाजिक कुशलता और संप्रेषण क्षमता पर विपरीत प्रभाव डालता है। यह जीवनपर्यंत बना रहने वाला विकार है। इस विकार से पीड़ित बच्चों का विकास अन्य बच्चों से अलग होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिकविश्व स्तर पर प्रत्येक 160 बच्चों में से एक बच्चा ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर से पीड़ित है। विश्व स्वास्थ्य संगठन एक ऐसे पारिस्थितिक तंत्र के निर्माण पर ज़ोर देता हैजो ऑटिज़्म से पीड़ित लोगों का समर्थन करता हो।

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