मध्यप्रदेश की बिआर, बियार जनजाति की जानकारी | MP Biyaar Tribes Details in Hindi

बिआर, बियार जनजाति की जानकारी  (MP Biyaar Tribes Details in Hindi )

बिआर, बियार जनजाति की जानकारी  | MP Biyaar Tribes Details in HIndi



 

बिआर, बियार जनजाति संख्या

 

जनजाति की कुल जनसंख्या 10452 है, जो मध्यप्रदेश की कुल जनसंख्या का 0.014 प्रतिशत हैै।

 

बिआर, बियार जनजाति  का निवास क्षेत्र

 

मध्यप्रदेश में बियार जनजाति की जनसंख्या जिला भिण्ड, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, सतना, शहडोल, सीधी, नीचम, इन्दौर, विदिशा, भोपाल, बैतूल, जबलपुर, डिण्डौरी, मण्डला, छिदवाड़ा में पायी गई है।

 

बिआर, बियार जनजाति गोत्र

 

इनके गोत्र कन्नोजिया, सरवार, वरवार, महतो, कहतो, काशी, बरहार आदि है,

 

बिआर, बियार जनजाति  का रहन-सहन

 

इनका घर मिट्टी का बना होता है। जिसके ऊपर लकड़ियों से पाटा जाता है। घर पर देशी खपरैल का छप्पर होता है। घर में दो तीन कमरे व सामने परछी होती है। दीवारों की सफेद मिट्टी से पुताई की जाती है। फर्श को गोबर से लीपा जाता है। पशुओ का कोठा अलग होता है। अनाज रखने की कोठी, चकिया, मूसल, कपड़े, रसोईघर में चूल्हा, बर्तन, कृषि उपकरण आदि पाये जाते हैं।

 

बिआर, बियार जनजाति में खान-पान

 

मुख्य भोजन कोदों, चावल का भात, गेहूॅ की रोटी, उड़द, तुवर, मूंग की दाल, मौसमी साग सब्जी है। मांसाहार में मछली, मुर्गा, बकरे का मांस खाते हैं।

 

बिआर, बियार जनजाति वस्त्र-आभूषण

 

इनके वस्त्र विन्यास में पुरूष पंछा, बंडी तथा स्त्रियाँ लुंगड़ा पोलका पहिनती हैं।

 

बिआर, बियार जनजाति में गोदना 


स्त्रियों के शरीर पर गुदना पाया जाता है।

 

बिआर, बियार जनजाति के तीज-त्यौहार

 

इनके प्रमुख त्यौहार दशहरा,दीवाली, नवरात्री, संक्राती, होली आदि हैं।

 

बिआर, बियार जनजाति के नृत्य

 

बियार जनजाति में विवाह के अवसर पर विवाह नृत्य, होली पर रहस नृत्य करते हैं। लोकगीत में विवाह गीत, फाग भजन आदि मुख्य हैं। लोक कथा में कर्म लोक कथाएं बच्चों को सुनाते है। इस प्रकार यह लोक कथाएं मौखिक रूप से अपनी पीढ़ी को हस्तांतरित करते हैं।

 

बिआर, बियार जनजाति में व्यवसाय

 

बियार जनजाति का मुख्य व्यवसाय कृषि, मजदूरी और जंगली उपज संग्रह पर आधारित है। मुख्य फसल कोदो, धान, मक्का, उड़द, मूंग, तुवर, तिल आदि हैं। जंगल से तेन्दूपत्ता, हर्रा, आंवला आदि एकत्र कर स्थानीय बाजर में बेचते हैं। वर्षा के समय अपने उपयोग के लिए मछली पकड़ते है।

 

बिआर, बियार जनजाति जन्म-संस्कार

 

प्रसव परिवार की सयानी बुजुर्ग महिलाऐं व स्थानीय दायी के द्वारा घर पर ही कराया जाता है। बच्चे का “नरा” चाकू से काटकर प्रसव स्थान पर गाढ़ते है, सोंठ, सरईछाल, छीदं की जड़, एठीमुड़ी, गुड़ का काढ़ा बनाकर प्रसूता को पिलाते हैं। छठे दिन छठी मनाते हैं।

 

बिआर, बियार जनजाति में विवाह-संस्कार

 

विवाह उम्र लड़को की 14-18 तथा  लड़कियों की विवाह उम्र लगभग 12-16 वर्ष मानी जाती है। विवाह का प्रस्ताव वर पक्ष से प्रारंभ होता है। वर के पिता वधू के पिता कों “लगन भरना” के रूप में रूपये, हल्दी, तेल, गुड़ आदि सामग्री देता है। पुनर्विवाह, देवर-भाभी विवाह, विधवा विवाह भी मान्य हैं।

 

बिआर, बियार जनजाति में मृत्यु संस्कार

 

मृत्यु होने पर मृतक को जलाते हैं। अस्थियां नजदीक की किसी नदी में विसर्जित करते हैं। 10 वे दिन स्नान करने के बाद पूर्वजों की पूजा करते हैं, तथा भोज दिया जाता है।

 

बिआर, बियार जनजाति के देवी-देवता

 

इस जनजाति के प्रमुख देवी देवता महादेव, धरती माता, सिमाड़ा, दूलादेव, शीतला माता, ज्वालामुखी, भैसासुर आदि हैं। इसके अतिरिक्त हिन्दू देवी देवताओं की भी पूजा करते हैं।

No comments:

Post a Comment

Powered by Blogger.