अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस 2022 : थीम (विषय) इतिहास उद्देश्य महत्व | International Family Day 2022 Theme History Importance in Hindi

 अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस 2022 : थीम (विषय) इतिहास उद्देश्य महत्व 

 

अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस 2022 : थीम (विषय) इतिहास उद्देश्य महत्व | International Family Day 2022 Theme History Importance in Hindi

अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस 2022 : थीम (विषय) इतिहास उद्देश्य महत्व 

विश्व भर में प्रत्येक वर्ष 15 मई को अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस’ (IDF) मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के बीच पारिवारिक संबंधों के महत्त्व को उजागर करना है। परिवार समाज के निर्माण की मूलभूत इकाई है और यह एक व्यक्ति के जीवन में सर्वाधिक महत्त्व रखता है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस आम जनमानस के बीच परिवारों से संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने और संबंधों को प्रभावित करने वाले सामाजिक, आर्थिक और जनसांख्यिकीय कारकों के बारे में समझ विकसित करने का अवसर प्रदान करता है। 


अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस 2022 : थीम (विषय) 


वर्ष 2022 के लिये इस दिवस का थीम है "परिवार और शहरीकरण",  इसका मुख्य उद्देश्य टिकाऊ, परिवार के अनुकूल शहरी नीतियों के महत्व पर जागरूकता बढ़ाना है।

 "Families and Urbanization", aims to raise awareness on the importance of sustainable, family-friendly urban policies.

वर्ष 2021 के लिये इस दिवस का थीम थी- परिवार और नई प्रौद्योगिकियाँ। यह थीम परिवार और पारिवारिक संबंधों पर नई प्रौद्योगिकियों के प्रभाव पर केंद्रित है। 


अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस का इतिहास 

गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बुनियादी परिवार प्रणाली के महत्त्व को महसूस करते हुए वर्ष 1993 में 15 मई को अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवसके रूप में घोषित किया और सबसे पहले इसे 15 मई, 1994 को मनाया गया था।

 परिवार का अर्थ एवं अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें 

परिवार क्यों जरूरी है समझाइए ?

परिवार का प्राथमिक कार्य बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करना है, जैसे- भोजन, आश्रय, शिक्षा, स्वास्थ्य और भावनात्मक समर्थन आदि लेकिन एक परिवार की भूमिका केवल इन कार्यों तक सीमित नहीं है, वास्तव में, यह नागरिकता का पहला स्कूल भी है। 

एक अच्छे नागरिक के कई बुनियादी मूल्य हैं, जैसे- देशभक्ति, अखंडता, ईमानदारी, सहिष्णुता, बंधुत्व, समाज के कमज़ोर वर्गों के प्रति दया आदि। हमारे संविधान के भाग IV A में, हमारे राष्ट्रीय प्रतीकों और राष्ट्रीय नायकों का सम्मान करने, महिलाओं का सम्मान करने, वैज्ञानिक स्वभाव रखने, हमारे पर्यावरण और राष्ट्रीय स्मारकों को संरक्षित करने जैसे नागरिकों के मौलिक कर्त्तव्य भी शामिल हैं। परिवार किसी व्यक्ति में इन मूल्यों को विकसित करने वाली पहली सामाजिक संस्था है।

परिवार इन कार्यों को विभिन्न तरीकों, जैसे- वार्त्तालाप-गतिविधि, पुरस्कार और दंड प्रक्रिया आदि द्वारा करता है। एक बच्चा अपने परिवार के सदस्यों के कार्यों की नकल करने की कोशिश करता है। यदि उसके पिता यातायात नियमों का पालन करते हैं, तो वह भी अपने पिता की तरह बनने की कोशिश करेगा। अपने परिवार को ईमानदार और साहसी देखने के बाद एक बच्चा मूल्य के रूप में साहसको प्राप्त कर सकता है। यह निरंतर संबंध और परिवार के सदस्यों की मौजूदा मूल्य प्रणाली एक बच्चे के मूल्यों को आकार देती है और तदनुसार समाज और राष्ट्र के प्रति बच्चे का रवैया बनता है।

दादा-दादी और बड़े-बुज़ुर्ग कहानी सुनाकर, अपने बच्चों में ईमानदारी, करुणा जैसे विभिन्न नैतिक मूल्यों को विकसित करते हैं। हालाँकि, एक परिवार नकारात्मक परिणामों के साथ भी मूल्यों को प्रदान कर सकता है। दबाव और भ्रष्टाचार के माहौल में बड़ा होने वाला बच्चा ईमानदारी के मूल्य को गिरते हुए देख सकता है और उसमें आत्मविश्वास की कमी हो सकती है।

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