राज्य सतर्कता आयोग , केन्द्रीय जाँच ब्यूरो और भ्रष्टाचार निवारण पर टिप्पणी लिखिए ?| Rajya Satarkta Ayog and CBI

राज्य सतर्कता आयोग और भ्रष्टाचार निवारण पर टिप्पणी लिखिए ?

राज्य सतर्कता आयोग ,  केन्द्रीय जाँच ब्यूरो और भ्रष्टाचार निवारण पर टिप्पणी लिखिए ?| Rajya Satarkta Ayog and CBI

राज्य सतर्कता आयोग और भ्रष्टाचार निवारण पर टिप्पणी लिखिए ?

  • भ्रष्टाचार विरोध पर संथानम कमेटी ने 1964 में प्रत्येक मंत्रालय/विभाग में सतर्कता संगठन को अधिक प्रभावी बनाने हेतु इसे शक्तिशाली बनाने की विस्तृत सिफारिशें की थी। यद्यपि प्रत्येक संगठन में शुद्धतानिष्ठा और दक्षता बनाए रखने की बुनियादी जिम्मेदारी मंत्रालय के सचिव अथवा विभागाध्यक्ष की ही रहती हैप्रत्येक मंत्रालय में एक अधिकारी को मुख्य सतर्कता अधिकारी नामजद किया गया हैऔर उसे सतर्कता कार्य सौंपा गया है। सतर्कता से संबंधित सभी मामलों में विभागाध्यक्ष अथवा सचिव के विशेष सहायक के रूप में कार्य करते हुए वह केन्द्रीय सतर्कता आयोग और मंत्रालय/विभाग के बीच सम्पर्क बनाए रखता है। उसी प्रकारप्रत्येक संलग्न तथा अधीनस्थ कार्यालय में तथा सभी सार्वजनिक उद्यमों में एक अधिकारी को सतर्कता अधिकारी नामजद किया गया है। मुख्य सतर्कता अधिकारी अपने मंत्रालय/विभाग से संबंधित संलग्न और अधीनस्थ कार्यालयों तथा संगठनों के सतर्कता अधिकारियों की गतिविधियों का सहयोजन और निर्देशन करने के लिए जिम्मेवार है। संगठन में सतर्कता कार्य की मात्रा के अनुसार कुछ मुख्य सतर्कता अधिकारी / सतर्कता अधिकारीविशेषकर बड़े मंत्रालयों और विभागों में पूर्णकालिक अधिकारी हैंजबकि अन्य अंशकालिक हैं।

 

  • प्रत्येक मुख्य सतर्कता अधिकारी को केन्द्रीय सतर्कता आयोग के परामर्श से नियुक्त किया जाता है तथा संलग्न और अधीनस्थ कार्यालयों में सतर्कता अधिकारी संबंधित मंत्रालय/विभाग के मुख्य सतर्कता अधिकारी के परामर्श से नियुक्त किए जाते हैं। सामान्यत: मुख्य सतर्कता अधिकारी उपसचिव की श्रेणी के तथा सतर्कता अधिकारी अवर सचिव की श्रेणी के होते हैं। सार्वजनिक उद्यमों में सतर्कता अधिकारी उस श्रेणी के होते हैं जो उद्यम के द्वारा केन्द्रीय सतर्कता आयोग के परामर्श से निश्चित की जाये। केन्द्रीय सतर्कता आयोग को मुख्य सतर्कता अधिकारियों के कार्य के मूल्यांकन करने का अधिकार दिया गया है और यह मूल्यांकन उन अधिकारियों की चरित्र पुस्तिका में अंकित किया जाता हैं।

 

  • मुख्य सतर्कता अधिकारी सार्वजनिक उद्यमों सहित अपने प्रभार के संगठन की विद्यमान व्यवस्था का पुनरीक्षण करते हैं जिससे कि वे उपयुक्त कदम उठा सकें अथवा जहाँ आवश्यक होमौजूदा ढाँचे को सुदृढ़ बनाने अथवा इसे पुनर्गठित करने के सभी प्रस्ताव पहले केन्द्रीय सतर्कता आयोग को परीक्षण हेतु प्रेषित किया जाना आवश्यक है।


 केन्द्रीय जाँच ब्यूरो और भ्रष्टाचार निवारण पर टिप्पणी लिखिए ?|

  • प्रत्येक मंत्रालय और विभाग में सतर्कता संगठन होने के अलावा भ्रष्टाचार निरोधी कार्य के लिये केन्द्रित एजेन्सी केन्द्रीय जाँच ब्यूरो है जो प्रशासनिक तौर पर कार्मिक तथा प्रशासनिक सुधार विभाग के अधीन कार्य करती है। कार्मिक तथा प्रशासनिक सुधार विभाग सरकारी कर्मचारियों में अनुशासन तथा सतर्कता से संबंधित सभी नीति विषय प्रतिपादित करता है। यह विभिन्न विभागाध्यक्षों की गतिविधियों का सहयोजन भी करता है तथा प्रशासनिक सतर्कता के मामले में नोडल प्रधिकारी के रूप में कार्य करता है। 

यह निम्नांकित मामलों पर भी कार्यवाही करता है:

(1) भारतीय प्रशासनिक सेवा तथा केन्द्रीय सचिवालयीन सेवा सेवा के ग्रेड-1 (और ऊपर) के अधिकारियों के विरुद्ध सतर्कता संबंधी मामले

(2) केन्द्रीय जाँच ब्यूरो और केन्द्रीय सतर्कता आयोग से संबंधित प्रशासनिक मामले तथा साथ में 

(3) आयोग के कार्य और शक्तियों (अधिकारों) से संबंधित नीतिगत मामले।

 

  • विशेष पुलिस स्थापना (स्पेशल पुलिस इस्टाब्लिशमेंट) कुछ विशिष्ट उल्लेखित अपराधों की छानबीन और जाँच के लिए एक विशेषज्ञ एजेंसी है और यह केन्द्रीय जाँच ब्यूरो का एक प्रभाग है। यह राज्य पुलिस बल का अनुपूरक है। यह दिल्ली पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 के अधीन अपराधों के संबंध में छानबीन और अभिजन के समवर्ती अधिकार संबंधित राज्य पुलिस बल साथ लागू करता है। दोहरा परिश्रम बचाने के लिये विशेष पुलिस स्थापना द्वारा लिए जाने वाले प्रकरणों के प्रकार के बारे में केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारों के बीच प्रशासनिक व्यवस्था की गई है। 


केन्द्रीय जाँच ब्यूरो की भूमिका संक्षेप में निम्नांकित है:

 

1. यह उच्च स्तरीय कर्मचारियों के विरुद्ध तथा जटिल प्रकरणों में छानबीन कर सकता है। 

2. यह साधनसम्पन्न है और विभिन्न स्रोतों से ऐसी सामग्री प्राप्त कर सकता हैजो सामान्य विभागीय मशीनरी को उपलब्ध नहीं होती है। 

3. प्रारम्भिक वर्ष में भले ही इसके मामले कमजोर सिद्ध हुए होंअब यह जानना उत्साहजनक है कि केन्द्रीय जाँच ब्यूरो अभियोजन हेतु केवल वे ही मामले लेता है जो सच्चेनिर्दोष और सुदृढ़ होते हैं। केन्द्रीय जांच ब्यूरो और केन्द्रीय सतर्कता आयोग के बीच उत्तरदायित्व के स्पष्ट क्षेत्र निर्धारित कर मामले के लिए समय तालिका निर्धारित करना दक्षता तथा प्रगति के हित में सर्वाधिक महत्वपूर्ण आवश्यकता है।

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