प्राकृतिक आपदाएं एवं प्रकार | प्राकृतिक आपदा कितने प्रकार की होती हैं | Natural disasters Details in Hindi

प्राकृतिक आपदाएं एवं प्रकार ,प्राकृतिक आपदा कितने प्रकार के होते हैं

प्राकृतिक आपदाएं एवं प्रकार | प्राकृतिक आपदा कितने प्रकार की होती हैं | Natural disasters Details in Hindi


प्राकृतिक आपदाएं (Natural disasters)

 

प्राकृतिक आपदाएं स्वतः भौतिक घटना है जो तीव्र और घीमी घटनाओं के कारण होती है जो कि भू-भौतिकीयजल-विधान संबंधीजलवायु-विधान संबंधी एवं जैविक हो सकती है।

 

प्राकृतिक आपदा कितने प्रकार की होतीं हैं वर्णन कीजिये ?

भूकम्प (Earthquakes )

 

  • पृथ्वी के आन्तरिक सतह में संरचनात्मक विकृति के कारण उत्पन्न जल से भूकम्प पैदा होते हैं। पृथ्वी की ऊपरी सतह में अचानक आयी दरारजमीन में कंपन को पैदा करती है। इस कंपन के ताकतवर होने पर इमारतें गिर जाती है और जन-धन की काफी हानि होती है। पृथ्वी की टूटी हुई आंतरिक प्लेटों के कारण भूकम्प पैदा होते हैं। भूकम्पभूस्खलनज्वारीय लहरों तथा सुनामी का कारण भी होते हैं। भूकम्प का मापन रिक्टर पैमाने पर किया जाता है। यह रिक्टर स्केल इसके कैदाने इसका मापन करता है रिक्टर पैमाने परसबसे भयानक प्रभाव 6 या इससे अधिक स्तर पर देखे जा सकते हैं। यदि भूकम्प का मुख्य केन्द्र अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्रों में होता है तो ये बढ़ी संख्या में मौतों और जख्मों का कारण बनता है साथ ही साथ ढाचों और भवनों का भी विनाश होता है। भूकम्प की आधार भूत विशेषताओं में निम्न सम्मिलित हैं: भूकम्प का पूर्वानुमान करना संभव नहीं हैये अचानक हुई दुर्घटनाएं या बासदी है। भौतिक लक्षणों और पूर्ववर्ती घटनाओं के कारण भूकम्प बाहुल्य क्षेत्रों की पहचान करना संभव है।

 

ज्वालामुखी विस्फोट (Volcanic Eruptions)

 

  • ज्वालामुखी विस्फोट तब घटित होते हैं जब एक ज्वालामुखी से लावा और गैस विसर्जित होती है। सबसे भयावह प्रकार का ज्वालामुखी विस्फोट "पिघलती हिमस्खलन के रूप में जाना जाता है। यह तब होता है जब ताजा उगता हुआ मैग्मा नर्म पायरोक्लासिटक (Pyroclastic) प्रवाह होता है जिसमें तापमान 1,200 सेल्सियस होता है। ज्वालामुखी विस्फोट के खाद पायरोक्लास्टिक प्रवाह रॉक टुकड़ों से बनता हैइनका लार्वा कभी-कभी 10 किलोमीटर तक दूर और कभी-कभी आपदा स्थल से 90 किमी. तक फैलता है। ऐसे दो तरीके हैं जिसमें ज्वालामुखी आमतौर पर उगते हैं। ये विस्फोटक और प्रभावशाली विस्फोटक है। विस्फोट के पूर्व मोड़ में गैंस की सामग्री अधिक होती हैं और मेंगाम मोती और निर्वाचवा होती हैं। सीमित दववा को अचानक रिसाव हुई होसों को मैग्मा से विस्फोटक उबालने की प्रक्रिया होती है।

 

भूस्खलन (Landslides)

 

  • भूस्खलन का अर्थ मृदा या चट्टान के खिसकने से हैं जो कि गुरूत्व द्वारा नियंत्रित हो सकती है। यह सतही और गहरी भी हो सकती हैकिन्तु पदार्थ का द्रव्यमान ढाल के किसी हिस्सों से या जल से भी हो सकता है। भूस्खलन का प्रयोग बृहत संदर्भों में चट्टान का अग्रगामी या पश्चगामी चाल से किया जाता है। मृदा लपः तेज बारिश और भूकम्प इसके कारण होते हैं। ये भारी हिमपात में भी हो सकता है। भूस्खलन को एक स्वतंत्र घटना के तौर पर अनुमानित करना कठिन है। इसलिये इसे अन्य दुर्घटनाओं जैसे चक्रवातोंतूफानों और नदी की बाढ़ से जोड़ना उचित माना जाता है।

 

सुनामी ( Tsunami)

 

  • सुनामी (जापानी भाषा में हारबर तरंगें) को समुद्री सिस्मिक तरंगों के नाम से भी जाना जाता हैये लम्बी समुद्री तरंगों की श्रृंखला या कोई अति ऊंची तरंग दैर्ध्यगहरे महासागर में आती हैं। इस तरह से दूसरे तह तक ये 100 किमी या उससे अधिक हो सकती है। इसका उत्पान अक्सर अचानक हुये समुद्री तल के विस्थापन से होता हैजो कि किसी भूकम्पभूस्खलन समुद्री जल में अचानक हुये विस्थापन के कारण हुए हो और लहरों की श्रृंखला को उत्पन्न करते होसुनामी कहलाता हैं। सुनामी का केन्द्र सौ मील या हजारों EO तियों से ER मील दूर किसी तटीय इलाके से हो सकता है। पारम्परिक भौगोलिक परिस्थितियों से सुनामी पर तीव्र प्रभाव पड़ सकता है।

 

  • तटीय इलाकों में इसका प्रभाव बहुत ही विनाशकारी होता है और इससे उत्पन्न हुयी तरंगें कई हजार किलोमीटर तक अपना प्रभाव दिखा सकती है या विस्तारित हो सकती है। सुनामी के प्रभाव या घटक भूकम्पज्वालामुखी विस्फोटआंतरिक जल विस्फोट और जल विस्थापन हो सकते हैं।

 

हिम्स्खलन (Snow Avalanches)

 

  • हिम्स्खलनबर्फ या बर्फ की मात्रा का वर्णन करता है जो गुरुत्वाकर्षण के बल के कारण पर्वत श्रृंखलाओं से गिरने वाली हिम या बर्फ के कारण होता है। यह तब उत्पन्न होता है जब संबंधित बलों का हिम की ऊपरी सतह पर दबाव डलता है। ये अक्सर उन पदार्थों को भी एकत्रित करता है जो बर्फ की सतह के नीचे होते हैं जैसे कि मृदा और चट्टान । हिम अवशेषों को एक प्रकार की फिसलन के तौर पर परिभाषित किया जाता है जो कि चट्टान और मिट्टी के मिश्रण के खिसकने से पैदा होते हैं। ये अक्सर ज्वालामुखी विस्फोट और भूकम्पों के कारण होता है। हिमस्खलन को "सूखा हिमस्खलन "या" गीला हिमस्खलन" में वर्गीकृत किया जा सकता है। इन्हें आगे प्रत्पन्न कार्यवाही हिमस्वलनविलम्ब कार्यवाही रूसलन में भी बांटा जा सकता है। इन्हें आगे चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता हैसूखी बर्फ प्रत्पन्न कार्यवाही हिमस्खलनगीली बर्फ विलम्ब कार्यवाही हिमस्खलनसूखी हिम विलम्ब कार्यवाही हिमस्खलन और गीली हिम प्रत्पन्न कार्यवाही. 

 

बाढ़ (Floods) 

  • बाढ देश की एक नियमित घटना हैलगभग प्रतिवर्ष देश का एक या अन्य भाग प्रायः बाढ़ से ग्रसित रहते हैं। (कनल, Kanal 2013) बाढ़ भूमि पर पानी का एक अतिप्रवाह है जो आमतौर पर सूखा होता है। कभी-कभी तालाबझीलनदी जैसे जल स्त्रोत अत्यधिक जल मग्न हो जाते हैं। तो आस-पास क्षेत्रों में परिणाम स्वरूप बाढ़ आती हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्रभागग्रह मंत्रालयआपदा को निम्न शब्दों में परिभाषित करता है, "बाढ़ अस्थायी तौर पर क्षेत्रों में आप्लावन की स्थिति है जो कि जलाशयोंनदियों के तटीय बांधों के टूटने के कारण होती है। मूसलाधार बारिश उच्च हवाऐंआधियाँसुनामी हिमपातचक्रवाततूफानी लहर और बांघ फटने से बाढ़ आती है। छः घंटों में मुसलाधार वर्षा की शुरूआत से होने वाली बाढ़ को आकस्मिक बाढ़ कहा जाता हैये प्रायः बादल फटने से संबंधित होती है। तूफानों और चक्रवातों के बारे में स्थानीय चेतावनी देकर इससे होने वाली क्षति का न्यूनीकरण किया जा सकता है। (एन. डी. एम.ए. NDMA, 2008) असामान्य भारी वर्षा भी बाढ़ का कारण बन सकती है। एक विशेष प्रकार की बाढ़यानि आकस्मिक बाढ़ अचानक उत्पन्न होती है जिसमें पानी की मात्रा अत्यधिक तेजी से बह कर आप्लावन का कारण बनती है।

 

अत्यधिक तापमान या ऊष्म लहर ( Extreme Temperature Heat Wave)

 

  • ऊष्ण लहर या गर्म लहर लम्बे समय तक आट मौसम में सामान्य जलवायु परिस्थितियों में निश्चित क्षेत्रों में अत्यधिक तापमान पैदा करती है। इसकी सीमा से बाहर की ऊष्णता मानव शरीर को मारती हैं। स्तैतिक वातावरणीय स्थितियां और खराब गुणवत्ता की हवा ऊष्ण संबंधित बीमारियों को बढ़ावा देती हैं। एक बड़े मेन में अचानक चलने वाली अत्यधिक शीत लहर अचानक भी हो सकती है और लम्बे समय तक भी रह सकती है। ये शीत लहर कृशिसंसाधनों और सम्पतियों को नुकसान पहुॅचाती है। अत्यधिक शीत लहर और भारी हिमपात के कारण पूरा का पूरा क्षेत्र ठप हो जाता है। शीत तूफानबाढ़तूफानी लहरसड़क जामबिजली गुल और राजमार्गों एवं सड़कों में अवरोध का कारण बन जाते हैं।

 

सूखा (Droughts )

 

  • एक सत्रएक वर्ष या कई वर्षों तक वर्षा के पानी की निरंतर बनी रहनी वाली कमी जो कि उस क्षेत्र के सांख्यिकीय उत्परिर्वतन औसत के सापेक्ष सूखा के तौर पर परिभाषित किया जा सकता है। ये एक घातक घटना है। भयावह और विरल सूखे शुष्क और शुष्क दोनों में घटित होते हैं। सूखे लम्बे समय तक न्यून जल वर्षा के कारण जल की कमीअपर्याप्त जल प्रबन्धन तकनीकों और अत्यधिक सरकारी लापरवाही के कारण उत्पन्न या घटित होते हैं। सूखे की भयावहता नमी की कमीसूखा चक्रसिचाई व्यवस्था और प्रभावित क्षेत्र के आकार पर निर्भर करती है। एक अनिश्चित रूप से कम (750mm से कम) एवं मध्यम (750-1125mm ) भारत के कुल 68.70 क्षेत्र को सामयिक सूखा के प्रति संवेदनशील बनाते हैं। (इग्नू- एन. डी. एम.ए. IGNOU NDMA. 2012) अन्य तीव्र घटित होने वाली आपदाओं से भिन्नये समय के साथ मजबूत हो जाते हैऔर एक क्षेत्र को तबाह कर देते हैं। बहुत खतरनाक परिस्थितियों में सूखा कई वर्षों तक बना रह सकता

 

दावानल (Wild Fire)

 

  • दावानल एक सामान्य शब्द हैजिसका अर्थ जंगलों में लगने वाली आग से है जिसमें घास की आगझाड़ियों में लगने वाली आग ब्रश आग एवं अन्य वनस्पतियों की आग सम्मिलित हैं। आग / दावानल की गति अलग-अलग हो सकती है। उच्च ताप मान आरै उच्च हवाओं में इनकी गति और तेज हो जाती है। तेज हवाओं के चलते दावानल या जंगल की भाग अन्य जंगलों तक फैलती है। धने एवं सदावहार जंगलों में ये आग और तेज गति से फैलती है। सूखे पत्तियोंलकड़ियोंतनों एवं सूखी लकडियों से इस ईंधन को बल मिलता है। गर्म शुष्क दिनों में निम्न आदता और तेज हवा के साथ इस दावानल को और बढ़ावा मिलता है। बहुत सारे पेड़ जंगलों में मोम की तरह जल जाते हैं। जंगल की आग या दावानल के लगने पर ये निरंतर चलती रहती हैं जब तक कि मूसलाधार बारिश न हो या जलता ईंधन समाप्त न हो जाये । 

 

चक्रवात और तूफानी लहर (Cyclone and Storm Surge)

 

  • एक चक्रवात एक बड़े पैमाने पर वायु द्रव्यमान हैंजो कम वायुमंडलीय दबाब के एक मजबूत केन्द्र के चारों ओर घूमता है। शब्द " चक्रवात उत्तरी तूफान में घुमावदार और दक्षिणी गोलार्ध में दक्षिणावर्त धूर्णण के साथ तूफान की चक्रवात प्रवृत्ति को संदर्भित करता है। एक उष्ण कटिबंधीय चक्रवात एक तूफान प्रणाली है जो कम दबाब वाले केन्द्र और कई तूफानों की विशेषता हैं जो तेज हवाओं और मूसलाधार बारिश करते हैं। एक उष्ण कटिबंधीय चक्रवात शुष्क गर्म मौसम पर फीड़ उत्पन्न करता हैंजिसके परिणामस्वरूप नमः हवा में निहित जल वाष्प का संघनन होता है। उनके स्थान और ताकत के आधार पर ऊष्ण कटिबंधीय चक्रवात को अन्य नामों जैसे तूफानउष्ण कटिबंधीय तूफानचक्रवात है। एक तूफान की वृद्धि एक तटीय बाढ़ या सुनामी जैसी बढ़ते जल स्तर की घटना है जुड़ी ER जो आमतौर पर कम दबाब वाली मौसम प्रणालियों ( उष्ण कटिबंधीय चक्रवात) से जुड़ी होती हैजो गंभीरता तूफान पथ के सापेक्ष जल निकाय के अवशोषण और अभिविन्यास से प्रभावित होती है। उष्ण कटिबंधीय चक्रवात के दौरान जन-धन की हानि तूफान के बढ़ने से होती है।

 

महामारी (Epidemics)

 

  • महामारी दो ग्रीक शब्दों "एपिक" (Epic) और "डेमन्स" (Demons) से जानी जाती है। संक्रामित रोगों का किसी अन्य क्षेत्र में असामान्य तरीके से फैलनामहामारी को जन्म देता है। यह किसी ऐसे क्षेत्र या आबादी में संक्रामक बीमारी के मामलों की महत्वपूर्ण संख्या की उपस्थिति का भी उल्लेख कर सकता है जो आमतौर पर उस बीमारी से मुक्त होता है। महामारी उष्णकटिबंधीय तूफानबाढ़भूकम्पसूखा इत्यादि जैसे अन्य प्रकार की आपदाओं का परिणाम हो सकती है। महामारी जानवरों पर भी हमला कर सकती हैजिससे स्थानीय आर्थिक आपदाएं हो सकती है। हेपेटाइटिसटाइफोइडडिप्थीरियामलेरियाकोलेरा इन्फ्लूएंजाएंटराइटिजत्वचा रोगखाद्य विषाक्तआदि रोग महामारी के परिणाम होते हैं। जीवन शैली आधरित रोगनशानशीली दवाओं का सेवन भी महामारी की श्रेणी में आते हैं। संक्रामक बीमारियों का फैलना महामारी के दौरान हमारी चिंता के संबंध है।

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