जनसंपर्क को लेकर भ्रांतियां| Misconceptions about public relations

जनसंपर्क को लेकर भ्रांतियां
Misconceptions about public relations

जनसंपर्क को लेकर भ्रांतियां| Misconceptions about public relations


 जनसंपर्क को लेकर भ्रांतियां (Misconceptions about public relations)


  • जनसंपर्क के साथ समस्या यह है कि इसको लेकर आम जन और बहुत से मामलों में संस्थानों में भीअनेक प्रकार के भ्रम हैं। इन भ्रांतियों की वजह से बहुत सी ऐसी गतिविधियों को भी जनसंपर्क समझ लिया जाता हैजो इससे मिलती-जुलती होते हुए भी सैद्धांतिक रूप से इसके दायरे में नहीं आतीं। जैसे कि कुछ लोग स्वागत या पूछताछ काउंटर पर बैठे व्यक्ति के कार्य को जनसंपर्क समझ लेते हैं और कुछ शिकायत कक्ष में बैठे व्यक्ति के। कुछ लोग सिर्फ पत्रकारों से अच्छे संबंध बनाने और संस्थान के हित में समाचार प्रकाशित करवाने को ही जनसंपर्क समझ लेते हैंउनके लिए पीआरओ का अर्थ पब्लिक रिलेशन ऑफिसर की बजाए प्रेस रिलेशन ऑफिसर तक ही सीमित रह जाता है।


  • इसी प्रकार अनेक संस्थान भी अपने जनसंपर्क अधिकारी से कई बार ऐसे कार्यों में सहयोग की अपेक्षा करते हैंजो कि उसका काम नहीं है। इसी तरह की कुछ भ्रांतियों के चलते कई ऐसे लोग भी इस व्यवसाय में आने के बारे में सोचने लगते हैंजिनमें इसके लिए अपेक्षित पात्रता तक नहीं होती। आगे हम ऐसी ही कुछ मिथ्यावधारणाओं पर चर्चा करेंगे।

 

1. अपने संस्थान अथवा उसके उत्पाद या सेवा को बेचने के लिए झूठ बोलना जनसंपर्क नहीं है और न ही अपनी संस्था के विरुद्ध जाने वाली हर बात को गलत ठहराना जनसंपर्क है। जनसंपर्क का कार्य हमेशा सच का सामने रखना है।

 

2. अपने नियोक्ता के हितों को साधने के लिए घूससुरासुंदरी आदि का सहारा लेने जैसे कदाचार भी जनसंपर्क नहीं हैं। इसके विपरीत जनसंपर्क उच्च नैतिक मूल्यों के पालन पर आधारित होता है। इसी से जनता में इस व्यवसाय के प्रति विश्वास स्थापित होता है।

 

3. जनसंपर्क कोई जादू नहीं हैजिससे चमत्कार की अपेक्षा की जाए। बल्कि यह एक वैज्ञानिक तौर-तरीकों पर आधारित अनुभवजनित अभ्यास है। उत्पादोंसेवाओंनीतियों और व्यवहार के संदर्भ में जनसंपर्क उत्कृष्ट प्रदर्शनगुणवत्ता और विश्वसनीयता पर आधारित होता है।


4. पार्टियों और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन जनसंपर्क नहीं है। यद्यपि इसमें इस प्रवृत्ति की गतिविधियां की जाती हैंलेकिन उनका उद्देश्य मनोरंजन अथवा टाइमपास नहींबल्कि लोगों से संपर्क बढ़ाना होता है।

 

5. अपने नियोक्ता की जी हुजूरी करनाउसका या उसके परिजनों का सामान उठाकर ले चलना जनसंपर्क नहीं है। यह एक प्रतिष्ठित व पवित्र व्यवसाय हैजिसके लिए आत्मविश्वासीप्रतिभाशाली और आत्मसम्मानी युवक-युवतियों की आवश्यकता होती है।

 

जनसंपर्क का  सारांश

 

जनसंपर्क एक ऐसा व्यवहार हैजिसकी बहुत सारी परिभाषाएं दी गई हैं। लेकिन अधिकतर परिभाषाओं में बहुत सी चीजें समान ही हैं। संक्षेप में जनसंपर्क का मुख्य उपयोग एक संस्थान तथा जनता के बीच आपसी समझ का निर्माण करने के लिए किया जाता है। एक प्रक्रिया के तौर पर जनसंपर्क अत्यंत जटिल होता है और इसमें परामर्शशोधमीडिया संबंधप्रचारवित्तीय संबंधसामुदायिक संबंध आदि अनेक तत्व समाहित होते हैं। जनसंपर्क किसी संस्थान व उससे जुड़ी जनता के बीच परस्पर समझ का निर्माण अथवा स्थापना करना है और इससे यह भी पता चलता है कि जनसंपर्क कोई आकस्मिक प्रक्रिया नहीं हैबल्कि इसे सजग होकर नियोजित किया जाता है।

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