विश्व मलेरिया दिवस 2024 : थीम (विषय) इतिहास उद्देश्य महत्व |World Malaria Day 2024 Theme

 विश्व मलेरिया दिवस 2024 : थीम (विषय) इतिहास उद्देश्य महत्व 
(World Malaria Day 2024 Theme )

 

विश्व मलेरिया दिवस 2024 : थीम (विषय) इतिहास उद्देश्य महत्व |World Malaria Day 2024 Theme



 

विश्व मलेरिया दिवस 2024 : थीम (विषय) इतिहास उद्देश्य महत्व

  • प्रत्येक वर्ष 25 अप्रैल को वैश्विक स्तर पर मलेरिया जैसी घातक बीमारी के संबंध में जागरूकता फैलाने के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा विश्व मलेरिया दिवसका आयोजन किया जाता है।
  • विश्व मलेरिया दिवस पर विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिनका उद्देश्य मलेरिया को लेकर जागरूकता फैलाने के लिये सरकारी तथा गैर-सरकारी संगठनों, समुदायों और आम जनमानस के बीच सहयोग स्थापित करना है।


विश्व मलेरिया दिवस 2024 : थीम (विषय)

  • वर्ष 2024 में विश्व मलेरिया दिवस की थीम “Time to deliver zero malaria: invest, innovate, implement”,  रखी गई है।
  • वर्ष 2022 में विश्व मलेरिया दिवस की थीम '“Harness innovation to reduce the malaria disease burden and save lives.” रखी गई है।
  • वर्ष 2021 में विश्व मलेरिया दिवस की थीम 'शून्य मलेरिया लक्ष्य तक पहुँचना' रखी गई थी । विश्व मलेरिया दिवस का विचार मूल रूप से अफ्रीकी मलेरिया दिवससे विकसित हुआ है। अफ्रीकी मलेरिया दिवस, वर्ष 2001 के बाद से अफ्रीकी देशों की सरकारों द्वारा किया जा रहा है।


विश्व मलेरिया दिवस का इतिहास 

  • वर्ष 2007 में, विश्व स्वास्थ्य सभा के 60वें सत्र के दौरान अफ्रीका मलेरिया दिवस को विश्व मलेरिया दिवस के रूप में परिवर्तित करने का प्रस्ताव पारित किया गया था। यह प्लास्मोडियम परजीवियोंके कारण होने वाला एक मच्छर जनित रोग है। यह परजीवी संक्रमित मादा एनोफिलीज़ मच्छरके काटने से फैलता है।

 

मलेरिया के बारे में जानकारी 

  • मलेरिया एक मच्छर जनित रक्त रोग है जो प्लास्मोडियम (Plasmodium) नामक परजीवी के कारण होता है।
  • यह मुख्य रूप से अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और एशिया के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है।
  • इस परजीवी का प्रसार संक्रमित मादा एनाफिलीज़ मच्छरों (Female Anopheles Mosquitoes) के काटने से होता है।
  • मानव शरीर में प्रवेश करने के बाद परजीवी शुरू में यकृत कोशिकाओं के भीतर वृद्धि करते हैं उसके बाद लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells- RBC) को नष्ट करते हैं जिसके परिणामस्वरूप RBCs की क्षति होती है।
  • ऐसी 5 परजीवी प्रजातियांँ हैं जो मनुष्यों में मलेरिया संक्रमण का कारण होती हैं, इनमें से 2 प्रजातियाँ- प्लाज़्मोडियम फाल्सीपेरम (Plasmodium falciparum) और प्लाज़्मोडियम वाइवैक्स (Plasmodium vivax) है, जिनसे मलेरिया संक्रमण का सर्वाधिक खतरा विद्यमान होता है।
  • मलेरिया के लक्षणों में बुखार और फ्लू जैसे लक्षण शामिल होते हैं, जिसमें ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान महसूस होती है।
  • इस रोग की रोकथाम एवं इलाज़ दोनों ही संभव है।
  • RTSS वैक्सीन मलेरिया परजीवी, प्लाज़्मोडियम पी. फाल्सीपेरम (Plasmodium (P.) falciparum) जो कि मलेरिया परजीवी की सबसे घातक प्रजाति है, के विरुद्ध प्रतिरक्षा प्रणाली को विकसित करती है।

 

मलेरिया-रोधी दवाओं के प्रतिरोध (AMR)

 

यह प्रतिरोध दवा (आर्टीमिसिनिन या क्लोरोक्वीन,Artemisinin or Chloroquine) के अकेले या अन्य दवाओं के साथ इलाज के दौरान परिलक्षित हुई है।


दवा प्रतिरोधक क्षमता:

  • इसे केवल रोग पैदा करने वाले रोगाणुओं (जैसे- बैक्टीरिया या वायरस) की क्षमता के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो आमतौर पर उन्हें नष्ट करने वाली दवाओं की उपस्थिति के बावजूद वृद्धि जारी रखते हैं।
  • दवा प्रतिरोध का आशय किसी बीमारी या स्थिति को ठीक करने के लिये ली जाने वाली दवा की प्रभावशीलता में कमी करने से है।
  • उदाहरण: एचआईवी (Human Immunodeficiency Virus) के साथ, दवा प्रतिरोध वायरस की आनुवंशिक संरचना में उत्परिवर्तन के कारण होता है। इस उत्परिवर्तन से कुछ एचआईवी प्रोटीन और एंजाइम (जैसे, प्रोटीन एंजाइम) में परिवर्तन होता है जो एचआईवी को दोहराने में मदद करता है।


मलेरिया रोग पर टिप्पणी लिखिए ?

  • मलेरिया एक मच्छर जनित रक्त रोग (Mosquito Borne Blood Disease) है जो प्लास्मोडियम परजीवी (Plasmodium Parasites) के कारण होता है। यह मुख्य रूप से अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और एशिया के उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है।
  • इस परजीवी का प्रसार संक्रमित मादा एनाफिलीज़ मच्छरों (Female Anopheles Mosquitoes) के काटने से होता है।
  • मानव शरीर में प्रवेश करने के बाद परजीवी शुरू में यकृत कोशिकाओं के भीतर वृद्धि करते हैं, उसके बाद लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells- RBC) को नष्ट करते हैं जिसके परिणामस्वरूप RBCs की क्षति होती है।

 

मलेरिया लक्षण:

  • पसीना आना, सिरदर्द, मतली, उल्टी और पेट में दर्द आदि इसके लक्षण बताए गए हैं।

प्रकार:

  • चार प्रकार के परजीवी प्लास्मोडियम विवैक्स, पी. ओवेल, पी. मलेरिया और पी.फाल्सीपेरम मनुष्यों को संक्रमित कर सकते हैं।

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