विश्व मृदा दिवस 2023 थीम उद्देश्य महत्व इतिहास । World Soil Day 2023 Theme Aim Importance History

 विश्व मृदा दिवस 2023 थीम उद्देश्य महत्व इतिहास 
 World Soil Day 2023 Theme Aim Importance History)

विश्व मृदा दिवस 2021 थीम उद्देश्य महत्व इतिहास । World Soil Day 2021 Theme Aim Importance History



 विश्व मृदा दिवस 2023 थीम उद्देश्य महत्व इतिहास 


 विश्व मृदा दिवस कब मनाया जाता है ?

  • पूरे विश्व में प्रतिवर्ष 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस-World Soil Day’ मनाया जाता है।

विश्व मृदा दिवस 2021 की थीम क्या है ? 

  • मिट्टी की उत्पादकता को बढ़ावा दें" (Halt soil salinization, boost soil productivity")

 विश्व मृदा दिवस मनाने का उद्देश्य क्या है ?

  • इस दिवस तो मनाने का उद्देश्य मृदा के स्वास्थ्य पर महत्व देते हुए मृदा संसाधनों के सतत प्रबंधन समेत मृदा संरक्षण के संदर्भ में जागरूकता पैदा कर मृदा क्षरण को रोकना है।

 विश्व मृदा दिवस कौन मनाता है ?

  • इस दिवस को खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) के द्वारा मनाया जाता है।

 विश्व मृदा दिवस 5 दिसम्बर को क्यों मनाया जाता है ?

  • राजा एच.एम. भूमिबोल अदुल्यादेज के प्रयासों को देखते हुए 5 दिसंबर को उनके जन्म दिवस को विश्व मृदा दिवस के रूप में चुना गया।

 विश्व मृदा दिवस प्रथम बार कब मनाया गया था ?

  • 5 दिसम्बर 2014 


विश्व मृदा दिवस की थीम

 

  • 2021- मिट्टी की लवणता को रोकेंमिट्टी की उत्पादकता को बढ़ावा दें" (Halt soil salinization, boost soil productivity")
  • 2020 – मिट्टी को जीवित रखेंमिट्टी की जैव विविधता की रक्षा करें (Keep soil alive, Protect soil biodiversity)
  • 2019  – मिट्टी का कटाव रोकेंहमारा भविष्य संवारें (Stop soil erosion, Save our future)
  • 2018 – मृदा प्रदूषण का समाधान बनें (Be the Solution to Soil Pollution) 0
  • 20147 – मिट्टी की देखभाल जमीन से शुरू होती है (Caring for the soils starts from the ground)
  • 2017 – मिट्टी और दलहन: जीवन के लिए सहजीवन (Soils & Pulses: Symbiosis for life)
  • 2015 – स्वस्थ जीवन के लिए स्वस्थ मिट्टी (Healthy soils for a healthy life)  

मृदा दिवस से अंतर्राष्ट्रीय दिवस

  • मृदा दिवस को अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने की सिफारिश 2002 में इंटरनेशनल यूनियन ऑफ सॉइल साइंसेज द्वारा सिफारिश की गई थी जिसके बाद में खाद्य एवं कृषि संगठन और थाइलैण्ड के राजा एच.एम. भूमिबोल अदुल्यादेज (H.M. King Bhumibol Adulyadej) द्वारा समर्थन किया गया। इसके बाद दिसंबर 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 68वीं सामान्य सभा की बैठक में पारित संकल्प के द्वारा 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाने का संकल्प लिया था। 
  • उल्लेखनीय है कि राजा एच.एम. भूमिबोल अदुल्यादेज के प्रयासों को देखते हुए 5 दिसंबर को उनके जन्म दिवस को विश्व मृदा दिवस के रूप में चुना गया।


मृदा किसे कहते हैं 

  • मृदा खनिज, जल, वायु, कार्बनिक पदार्थ और अनगिनत जीवों के अवशेषों का जटिल मिश्रण है। दूसरे शब्दों में मृदा प्राकृतिक तत्वों के संयोजन से बना एक ऐसा तत्व है जिसमें जीवित पदार्थ तथा पौधों को पोषित करने की क्षमता होती है।


मृदा का निर्माण कैसे होता है 

  • मृदा का निर्माण एक अत्यंत दीर्धकालिक प्रक्रिया है जिसमे स्थलमंडल, वायुमण्डल, जलमण्डल तथा जीवमण्डल प्रमुख भूमिका निभाते हैं । 
  • मृदा निर्माण की प्रक्रिया का प्रारंभ पैतृक चट्टान की अपक्षय अपक्षय या अपरदन से होता है जिसके फलस्वरूप चट्टानों में विघटन के कारण विघटित चट्टानों के रंध्रों में गैसों,जल आदि का समावेश हो जाता है। 
  • धीरे-धीरे इनमें कई निकृष्ट पौधे और सूक्ष्मजीव निवास करने लगते है एवं इनके अवशेष से इनमे ह्यूमस भी शामिल हो जाता है।
  • बाद में अन्य झाड़ियां एवं वृक्ष के उगने से जड़ों के प्रवेश, भूमि के निचे जीव जंतु के निवास क्रम में नीचे की मृदा ऊपर आती है एवं ऊपर की मृदा नीचे जाती है जिससे इसका आकार एक स्पंज के समान हो जाता है और परिपक्व मृदा का निर्माण होता है।
  • मृदा के विभिन्न गुणों के आधार पर इस को कई भागों में बांटा जाता है जिनमें शामिल है,जलोढ़ मृदा, लाल मृदा,काली मिट्टी,लेटेराइट मृदा,वनीय मृदा, लवणीय एवं क्षारीय मृदा,मरुस्थलीय मृदा,पिट अथवा जैविक मृदा इत्यादि

मृदा से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी 

  • मृदा एक जीवित संसाधन है जो कि हमारे ग्रह की 25% से ज्यादा जैव विविधता का आश्रय स्थल है।
  • वर्तमान में जहां पौधों की 80% प्रजातियों को पहचाना जा चुका है तो वही मृदा में निवास करने वाले मात्र 1% सूक्ष्मजीव के बारे में जानकारी उपलब्ध है।
  • 90% जीवित जीव अपना जीवन यह अपना जीवन चक्र के लिए मृदा पर आश्रित हैं।
  • मिट्टी में निवास करने वाले सूक्ष्मजीव प्रदूषित पदार्थों का विखंडन कर देते हैं
  • मृदा में निवास करने वाले सूक्ष्मजीव मृदा में कार्बन के संग्रहण में मदद करते हैं।

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