भगवान बिरसा मुंडा कौन थे |जनजाति गौरव दिवस | Janjati Gaurav Divas

 भगवान बिरसा मुंडा कौन थे , जनजाति गौरव दिवस

भगवान बिरसा मुंडा कौन थे |जनजाति गौरव दिवस | Janjati Gaurav Divas



भगवान बिरसा मुंडा कौन थे Birsa Munda Kaun 

  • बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवम्बर वर्ष 1875 में हुआ था। वे मुंडा जनजाति के थे। बिरसा का मानना था कि उन्हें भगवान ने लोगों की भलाई और उनके दुःख दूर करने के लिये भेजा है, इसलिये वे स्वयं को भगवान मानते थे। उन्हें अक्सर 'धरती आबा' (Dharti Aaba) या जगत पिताके रूप में जाना जाता है।
  • वर्ष 1899-1900 में बिरसा मुंडा के नेतृत्व में हुआ मुंडा विद्रोह छोटा नागपुर (झारखंड) के क्षेत्र में सर्वाधिक चर्चित विद्रोह था। इसे मुंडा उलगुलान’ (विद्रोह) भी कहा जाता है। 
  • इस विद्रोह की शुरुआत मुंडा जनजाति की पारंपरिक व्यवस्था खूंटकटी की ज़मींदारी व्यवस्था में परिवर्तन के कारण हुई।
  • इस विद्रोह में महिलाओं की भूमिका भी उल्लेखनीय रही।
  • उन्होंने जनता को जागृत किया और ज़मींदारों एवं अंग्रेज़ों के खिलाफ विद्रोह किया।
  • उन्होंने अंग्रेज़ों को करों और साहूकारों को ऋण/ब्याज का भुगतान न करने के लिये जनता को संगठित किया। इस प्रकार उन्होंने ब्रिटिश शासन के अंत और झारखंड में मुंडा शासन (तत्कालीन बंगाल प्रेसीडेंसी क्षेत्र) की स्थापना के लिये विद्रोह का नेतृत्त्व किया।


बिरसा मुंडा ने दो सैन्य इकाइयों का गठन किया-

  • एक सैन्य प्रशिक्षण एवं सशस्त्र संघर्ष के लिये।
  • दूसरी प्रचार के लिये।


  • बिरसा मुंडा ने धर्म को राजनीति से जोड़ दिया और एक राजनीतिक-सैन्य संगठन बनाने के उद्देश्य से प्रचार करते हुए गाँवों की यात्रा की।
  • फरवरी 1900 में बिरसा मुंडा को सिंहभूम में गिरफ्तार कर राँची ज़ेल में डाल दिया गया जहाँ जून 1900 में उनकी मृत्यु हो गई।

  • आदिवासियों के खिलाफ शोषण एवं भेदभाव के विरुद्ध उनके संघर्ष के कारण ही वर्ष 1908 में छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (Chotanagpur Tenancy Act) पारित किया गया, जिसने आदिवासी लोगों से गैर-आदिवासियों में भूमि के हस्तांतरण को प्रतिबंधित कर दिया देश के ।

जनजाति गौरव दिवस Janjatiya Gaurav Divas 2022

  • प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिरसा मुंडा जयंती को पूरे देश में जनजाति गौरव दिवस के रूप में हर्षोल्लास से मनाने के निर्देश दिए गए हैं।
  • इस साल जनजातीय गौरव दिवस देश स्तर पर मनाया जायेगा, इसके लिए जनजाति मंत्रालय ने व्यापक कार्ययोजना तैयार की है. इस योजना के तहत आदिवासी मामलों के मंत्रालय ने झारखंड सरकार के साथ मिलकर खूंटी में एक व्यापक कार्यक्रम का आयोजन करेगी.
  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू गांव में उनके मूर्ति पर माल्यार्पण करेंगी. खूंटी ग्राम में एक जनसभा का आयोजन होगा, जहां राष्ट्रपति जनजातीय महिला स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ संवाद करेंगी. 
  • आदिवासी मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि आदिवासियों की आय बढ़ाने के लिए जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर ट्राइफेड जनजातीय उत्पादों पर अखिल भारतीय कार्यक्रमों का आयोजन करेगा।
  •  इंदौर में 15 से 27 नवंबर तक ग्रामीण हाट आदि महोत्सव का आयोजन होगा।
  • 15 से 21 नवंबर तक भुवनेश्वर के एकमरा हाट में आदि बाजार का आयोजन।
  • 15 से 21 नवंबर तक दक्षिण गुवाहाटी के लखीधर बोरा क्षेत्र डिगली पुखुरी में एक और आदि बाजार।
  •  पुडुचेरी में 15 से 21 नवंबर तक क्राफ्ट बाजार में एक आदि बाजार का आयोजन होगा।
  • 15 से 21 नवंबर तक देहरादून में चकराता रोड पर वन अनुसंधान संस्थान में एक आदि बाजार का आयोजन होगा।
  •  15 से 24 नवंबर तक कोलकाता में भारतीय संग्रहालय में एक आदि चित्र कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा.



जनजाति गौरव दिवस Janjatiya Gaurav Divas 2021

  • जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर 15 नवंबर को प्रदेश के जनजातीय बहुल क्षेत्रों में विभिन्न् कार्यक्रम आयोजित किए गए।
  • अनूपपुर के पुष्पराजगढ़ में 10 नवंबर, मंडला में 11 नवंबर और धार जिले के कुक्षी में 12 नवंबर को संभाग स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए गए।
  • बिरसा मुंडा जन्म दिवस पर भोपाल में जनजातीय महासम्मेलन आयोजित किया जाएगा ।
  • जनजाति गौरव दिवस के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल हुए । 

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