राज्य व बाज़ार व्यवसायिक प्रक्रिया पुनः अभियंत्रिकीकरण के लिए एक नवीन संबंध|A new connection to re-engineering

राज्य व बाज़ार व्यवसायिक प्रक्रिया पुनः अभियंत्रिकीकरण के लिए एक नवीन संबंध|A new connection to re-engineering


राज्य व बाज़ार व्यवसायिक प्रक्रिया पुनः अभियंत्रिकीकरण के लिए एक नवीन संबंध

 

  • वर्तमान समय मेंराज्य व बाज़ार के बीच संबंध अत्याधिक उलझाने वाला बन गया है। कल्याण-उन्मुख केन्द्रीकृत व नौकरशाही एकाधिकारवादी व्यवस्था से एक प्रतियोगी बाजार कार्यप्रणाली की ओर सुधार व्यवस्था में शासन की संहिताओं में एक बुनियादी परिवर्तन है। यह भी बहुत अधिक स्पष्ट नहीं है कि क्या इस प्रकार की कार्यप्रणाली को अपनाकर सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों में निहित समस्याओं को दूर किया जा सकेगा। केईरॉन वाल्श (Keiron Walsh, 1995 ) हमें एक खतरे के प्रति सावधान करते हैवह यह कि यदि हमने सावधानी न बरती तो हम पाएँगे कि जिन अवधारणाओं को निजी क्षेत्र ने अप्रभावी मानकर त्यागा हैसार्वजनिक क्षेत्र निजी क्षेत्रों की उन्हीं अवधारणों को अपने प्रबंधन में अपनाएगे। अतः पुनः निर्माण की प्रक्रिया को पूर्णरूप से अपनाने से पहलेहमें व्यावसायिक बदलाव के संपूर्ण चक्र को - कानूनअर्थव्यवस्था और संगठन सिद्धांत में हो रहे विकास को गंभीरता से अध्ययन करना होगा।

 

  • व्यावसायिक प्रक्रिया पुनः अभियंत्रिकीकरण या बी. पी. आर. (BPR Business Process Reengineering) सदैव ही घाटे में जा रही फर्म या कम्पनी के लिए पुनर्जीवन का साधन रहा है। पुनः अभियंत्रिकीकरण के केन्द्र में लागत में कटौती और क्षमता निर्माण को रखा जाता है। यह व्यवसायिक प्रक्रिया पुनः अभियंत्रिकीकरण एक ऐसा यंत्र हैजिसके द्वारा वैश्विक आवश्यकताओं के संदर्भ में निष्पादित वस्तुओं के गुणवत्ता सुधार व स्तरीकरण के द्वारा बाज़ार में बढ़ती प्रतियोगिता का सामना किया जाता है। वर्तमान संदर्भ में व्यवसायिक प्रक्रिया पुनः अभियंत्रीकीकरण वैश्वीकरण और बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय व्यापारों के साथ आगे बढ़ा है। सूचना तकनीक की सफलता को पहले से ही मान लिया गया हैऔर पुनः अभियंत्रिकीकरण के प्रयास बिना किसी उद्देश्य के इस सफलता से जोड़ दिए गए हैं। अधिकतर अंतर्राष्ट्रीय कंपनियोंजैसे फोर्डआई. बी. एम. ने सूचना तकनीकों के प्रयोग के द्वारा आकार को घटाया हैऔर अपव्यय (Expenditure) को रोका है। इस प्रकार से बी.पी.आर. को गलती से साइबर तकनीक के विस्तार से जोड़ दिया गया है। यद्यपि बी. पी. आर. प्रबंधन सिद्धांतकारों द्वारा मान्य अवधारणा से कहीं व्यापक और विस्तृत अवधारणा है।

 

  • बी. पी. आर. का प्रयोग एफ. डब्ल्यूटेलर के समय से ही किया जा रहा है। अपनी मुख्य कृति 'द आर्ट ऑफ कटिंग मेटल्स' (The Art of Cutting Metals) में टेलर ने बेहतर तरीका बताने का प्रयास किया हैऔर अपनी दूसरी पुस्तक साइंटिफिक 'मैनेजमेंट' (Scientific Management) में उन्होंने व्यवसायिक प्रक्रियाओं के पुनः निर्माण के लिए एक बेहतर ढंग बताया है। इस प्रकार से पुनः अभियंत्रिकीकरण शब्द का प्रयोग व्यवसाय को चलाने के लिए सर्वोत्तम या सर्वाधिक कुशल मार्ग" का समानार्थी बन गया है। एन. पी. एम. भी अधिक कुशलता व उत्पादकता लाने हेतु सरकारी कार्यों के प्रबंधन के इस उद्देश्य से सहमत है।

 

  • हेनरी फेयोल (Henri Fayol) पुनः निर्माण के वास्तविक जन्मदाता थे, और उन्होंने सभी उपलब्ध स्रोतों से अधिकतम लाभ की अवधारणा से जोड़ने का प्रयास किया। इस अवधारणा ने लागत लाभ दृष्टिकोणों के शीर्षक के तहत व्यवसाय के लिए आधुनिक प्रभाव मूल्यांकन पद्धतियों में स्थान पाया है। लिंडाल उर्विक और लूथर गुल्लिक (Lyndall Urvick and Luther Gullick) ने इस अवधारणा में कुछ सुधार किया। उन्होंने मजदूरों के सशक्तीकरण के विषयपरक मानवीय संसाधनं तत्त्व को इसमें जोड़ दिया। उन्होंने लिखा कि, "निश्चित गतिविधियों के लिए व्यक्तियों को उत्तरदायी ठहराना पर्याप्त नहीं हैबल्कि यह भी आवश्यक है कि उन्हें अपने उत्तरदायित्वों के निर्वहन के लिए आवश्यक सत्ता भी सौंपी जाए। 


बी. पी. आर. की निम्नलिखित मूलभूत बातें एन. पी. एम. में भी शामिल हैं :

 

  • ग्राहक को केन्द्र में रखा गया है; 
  • अधिक विकेन्द्रीकरणसार्वजनिक व निजी क्षेत्र की भागीदारी और नेटवर्क के द्वारा संगठनात्मक सीमाओं को कम किया गया है; कार्य प्रक्रियाओं को संगठनात्मक उद्देश्यों के अनुरूप बनाया गया है न कि इसके उलट;
  • नेता या प्रबंधक की भूमिका एक ऐसे दिशा-निर्देशक के रूप में प्रोत्साहित की गई हैजो सहायता करेसमन्वय करे और कर्मचारियों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा दे; 
  • स्थानीय स्तर पर निर्णय निर्माण लिए जाएताकि निचले स्तर की मौलिक खोजें ऊपर तक पहुँचाई जा सकें, 
  • चूँकि स्थानीय स्तरों से पहल के उभरने की आशा की जाती हैइसलिए ऐसी उपयुक्त सूचना व्यवस्था को संवर्धित की जाए ताकि प्रत्येक व्यक्ति को सूचना प्राप्त हो सके; 

  • निष्पादन मूल्यांकन पद्धतियों का इस प्रकार से पुनर्निर्माण करना कि बोनस के साथ उत्पादकता और लाभों को जोड़ा जा सके। 

  • यह संपूर्ण नए बी. पी. आर. को इस प्रकार से बनाया गया है कि वैश्वीकरण और पूँजी निवेशों के स्थायित्व की आपातिक स्थितियों (Contingencies) पर नियंत्रण पाया जा सके। इसलिए यह दोषरहित सूचना व संचार तकनीक व्यवस्था की विश्वसनीयता पर टीका हुआ है । इसी रूप में यह टेलर की व्यवस्था से भिन्न है । टेलर  व्यवस्था में इस तकनीक की कमी ने नेटवर्किंग व जुड़ी अवधारणाओं को विशाल व्यवसायिक प्रक्रियाओं तक पहुँचने से रोका है। वर्तमान संदर्भ मेंयह तकनीक पद्धति लागत को घटाने के एक मुख्य साधन और व्यापार के युक्तिपरक प्रबंधन की एक तकनीक सिद्ध हुई है। 
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