विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 3 मई | WPFD | World Press Freedom Day
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 3 मई
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस कब मनाया जाता है ?
- प्रत्येक वर्ष विश्व भर में 3 मई को ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस’ (WPFD) मनाया जाता है।
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस कौन आयोजित करता है ?
- यह दिवस ‘ संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन’ (UNESCO) द्वारा आयोजित किया जाता है।
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की थीम
- Theme 2025 : Reporting in the Brave New World – The Impact of Artificial Intelligence on Press Freedom and the Media.
- इस वर्ष विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का वैश्विक आयोजन पत्रकारिता और मीडिया पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के गहन प्रभाव पर केंद्रित होगा, जिसका विषय है: "एक साहसी नए विश्व में रिपोर्टिंग – प्रेस स्वतंत्रता और मीडिया पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रभाव।"
- वर्ष 2021 में विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की थीम ‘इनफाॅॅर्मेशन एज़ ए पब्लिक गुड’ है।
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का इतिहास
- वर्ष 1991 में यूनेस्को की जनरल काॅन्फ्रेंस की सिफारिश के बाद वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की घोषणा की थी।
- यह दिवस वर्ष 1991 में यूनेस्को द्वारा अपनाई गई 'विंडहोक' (Windhoek) घोषणा को भी चिह्नित करता है।
- वर्ष 1991 की ‘विंडहोक घोषणा’ एक मुक्त, स्वतंत्र और बहुलवादी प्रेस के विकास से संबंधित है।
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस (WPFD 2021) की प्रमुख विशेषताएँ
- समाचार मीडिया की आर्थिक व्यवहार्यता सुनिश्चित करने पर केंद्रित कदम।
- इंटरनेट कंपनियों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिये तंत्र।
- संवर्द्धित मीडिया और सूचना साक्षरता (MIL) क्षमताएँ जो लोगों को पहचानने और मूल्यवर्द्धन में सक्षम बनाने के साथ-साथ पत्रकारिता को सार्वजनिक हित के रूप में महत्त्वपूर्ण बनाती हैं।
विश्व प्रेस सम्मलेन 2021:
- वर्ष 2021 के वैश्विक सम्मेलन की मेज़बानी यूनेस्को और नामीबिया सरकार द्वारा की गई थी।
- COVID-19 महामारी के कारण यह सम्मेलन दुनिया भर में स्थानीय समाचार मीडिया द्वारा जोखिम संभावित मुद्दों की ओर तत्काल ध्यान आकर्षित करेगा।
- इस आयोजन में उन उपायों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जो हमारे ऑनलाइन मीडिया पर्यावरण की चुनौतियों से निपटने, इंटरनेट कंपनियों की पारदर्शिता बढ़ाने के लिये, पत्रकारों की सुरक्षा को मज़बूत करने और उनकी कार्य स्थितियों में सुधार करने हेतु की जा रही है।
भारत में प्रेस की स्वतंत्रता Press Freedom in India
- प्रेस की स्वतंत्रता को भारतीय कानूनी प्रणाली द्वारा स्पष्ट रूप से संरक्षित नहीं किया गया है, लेकिन यह संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (क) के तहत संरक्षित है, जिसमें कहा गया है - "सभी नागरिकों को वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार होगा"।
- वर्ष 1950 में रोमेश थापर बनाम मद्रास राज्य मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने पाया कि सभी लोकतांत्रिक संगठनों की नींव प्रेस की स्वतंत्रता पर आधारित होती है।
हालाँकि प्रेस की स्वतंत्रता भी असीमित नहीं
होती है। कानून इस अधिकार के प्रयोग पर केवल उन प्रतिबंधों को लागू कर सकता है, जो अनुच्छेद 19 (2) के तहत इस प्रकार
हैं-
भारत की संप्रभुता और अखंडता से संबंधित मामले, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण
संबंध, सार्वजनिक
व्यवस्था, शालीनता
या नैतिकता या न्यायालय की अवमानना के संबंध में मानहानि या अपराध को प्रोत्साहन।
विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक’ (World Press Freedom Index)
- हाल ही में जारी 180 देशों के ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक’ (World Press Freedom Index) 2021 में भारत 142वें स्थान पर है। यह ‘रिपोर्टर्स सेन्स फ्रंटियर्स’ (RSF) या ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ द्वारा प्रत्येक वर्ष प्रकाशित किया जाता है।
- फ्रीडम इन द वर्ल्ड 2021 (अमेरिका आधारित ‘फ्रीडम हाउस’), मानवाधिकार रिपोर्ट 2020 (अमेरिकी राज्य विभाग), ऑटोक्रेटाइज़ेशन गोज़ वायरल (स्वीडन के वैरायटीज़ ऑफ डेमोक्रेसी) जैसी सभी रिपोर्टों में भारत में पत्रकारों को डराने-धमकाने पर प्रकाश डाला गया है।
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