सिन्ध पर अरबों की विजय के कारण : Reason of Arab Conquest on Sindh

 सिन्ध पर अरबों की विजय के कारण : Reason of Arab Conquest on Sindh

सिन्ध पर अरबों की विजय के कारण : Reason of Arab Conquest on Sindh
 

सिन्ध पर अरबों की विजय के कारण

कारण : आठवीं शताब्दी की पहली चौथाई में मुहम्मद बिन कासिम के नेतृत्व में अरबों ने सिन्ध और मुलतान को जीत लिया। जिन बातों से उन्हें हमारे देश पर चढ़ाई करने की प्रेरणा मिली, वे निम्नलिखित हैं

 

1. अरबों की राजनैतिक तथा भूमि अधिकार की लालसा

  • मूल कारण जिसने अरबों को सिन्ध और हिन्द पर चढ़ाई करने को बाध्य किया, यह था कि वे तीव्र लालसा रखने वाले थे और अपनी विजय को भारतीय भूमि तक फैला देना चाहते थे।
  • सीरिया, फिलिस्तीन, मिस्र और ईरान को वे पहले ही जीत चुके थे इसलिए उन्होंने अपना मुँह भारत की ओर कर लिया। 
  • 636 ई. तक उन्होंने अपनी पहली चढ़ाई आरंभ कर दी जिसका विशेष उद्देश्य बम्बई के निकट थाणे नामक स्थान को जीत लेना था परन्तु यह चढ़ाई व्यर्थ गई। 
  • 643-44 ई. में खलीफा उस्मान ने आदुल-बिन-अमर के नेतृत्व में एक भारी अभियान सेना भेजी जिसने सीस्तान पर अधिकार कर लिया और तब वह मकरान की ओर बढ़ा। उसने सिन्ध के एक भाग को जीत लिया परन्तु उसे जिस किसी तरह यह महसूस हुआ कि सिन्ध की ऊसर भूमि को हथिया लेने से कोई लाभ नहीं । 
  • उसने खलीफा को इस प्रकार का पत्र लिखा , " यहाँ पानी की कमी है। घटिया और बहुत कम फल उगता है और यहाँ के डाकू बड़े साहसी हैं । यदि थोड़ी सी सेना भेजी गई तो सैनिक मार डाले जाएँगे। यदि अधिक सेना भेजी गई तो सैनिक भूख से मर जाएँगे ।" चाहे ये प्रारम्भिक बहुत पहले अरब अभियान असफल हुए तो भी इतना तो अवश्य दर्शाते हैं कि मुहम्मद बिन-कासिम के आक्रमण से लोगों में भारत की भूमि जीतने की बड़ी लालसा थी।

 

2. भारत की दौलत

  • भारत की दौलत ने भी अरब लोगों को हमारे देश पर चढ़ाई करने के लिए बहुत लालायित किया। प्राचीन काल से अरबों के भारत से व्यापारिक सम्बन्ध थे और इस नाते वे भारत के धन-धान्य से पूरी तरह परिचित थे। 
  • भारत में उन्हें एक बहुत ही लुभाने वाली भूमि दिखाई दी जो उनकी आवश्यकता तथा लालच को संतुष्ट कर सकती थी।

 

3. इस्लाम का विस्तार 

  • राजनैतिक तथा आर्थिक कारणों के साथ-साथ इस्लाम को फैलाने का अरबों का धार्मिक जनून भी काम कर रहा था। 
  • पैगम्बर साहिब और खलीफे अपने अनुयायियों को सदैव यह शिक्षा देते थे कि जाओ, दूर देशों में इस्लाम को फैलाओ। क्योंकि भारत मूर्तिपूजकों की भूमि थी इसलिए स्वाभाविक रूप से अरब लोगों को यह प्रेरणा मिली कि मूर्तिपूजा को समाप्त करने और इस्लाम को फैलाने की खातिर ऐसे देश पर चढ़ाई की जाए। 


 सिन्ध पर अरबों की विजय के तत्कालीन कारण

4. तत्कालीन कारण

  • जिस चीज ने अरब लोगों को 711 ई. में तत्काल सिन्ध पर चढ़ाई करने के लिए सचमुच उकसाया, वह यह थी कि सिन्ध के कुछ समुद्री डाकुओं ने देबल के तट पर कुछ अरब जहाजों को लूट लिया। 
  • घटना इस प्रकार हुई-अरब व्यापारियों के कुछ जहाज लंका के राजा से जिसने, कहते हैं, इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया था कुछ मूल्यवान उपहार ले जा रहे थे। उन्हें देबल की बंदरगाह के निकट लूट लिया गया। बसरा का अलहजाज जो खलीफा के पूर्वी प्रांतों का राज्यपाल था, इस लूटपाट से बड़ा दु:खी हुआ। उसने सिन्ध के राजा दाहिर को लिखा कि अपराधियों को दण्ड दिया जाए और हमारी क्षति की पूर्ति की जाए। 
  • दाहिर ने जवाब दिया कि देबल के समुद्री डाकू मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं हैं और इसलिए मैं उन्हें दण्ड देने में असमर्थ हूँ। इस जवाब पर खिन्न होकर हजाज ने दाहिर के विरुद्ध चढ़ाई करने की खलीफा वालिद से आज्ञा माँगी। 
  • 711 ई. में इस आज्ञा के अनुसार उबैदुल्ला के नेतृत्व में एक सेना भेजी गई। परन्तु वह हार गया और राजा दाहिर ने उसे युद्धभूमि में मार डाला। 
  • अगले वर्ष 712 ई. में बुन्देल के नेतृत्व में एक और चढ़ाई की गई। इस बार भी अरब सेनापति हार गया और मार डाला गया। अब हजाज ने अपने चचेरे भाई तथा दामाद बिन कासिम को, जो एक 17 वर्ष का नवयुवक था, आज्ञा दी कि सिन्ध पर चढ़ाई करे।

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