मुगलों के पूर्व भारत में स्थापत्य कला का विकास | प्राचीन एवं पूर्व मध्यकालीन स्थापत्य कला Ancient and pre-medieval architecture

मुगलों के पूर्व भारत में  स्थापत्य कला का विकास  

मुगलों के पूर्व भारत में  स्थापत्य कला का विकास  | प्राचीन एवं पूर्व मध्यकालीन स्थापत्य कला Ancient and pre-medieval architecture


प्राचीन एवं पूर्व मध्यकालीन स्थापत्य कला

Ancient and pre-medieval architecture


  • भारत में तुर्क शासन की स्थापना से पूर्व प्राचीन एवं पूर्व मध्यकाल में स्थापत्य कला का अभूतपूर्व विकास हुआ था। इस काल की अधिकांश इमारतें अब नष्ट हो चुकी हैं किन्तु मौर्यकालीन स्तूप तथा प्रवेश द्वारकुषाणकालीन स्तूपगुप्तकालीन देवगढ़ तथा भीतरगांव के मन्दिरनालन्दा के विश्वविद्यालय के भग्नावशेषदिलवाड़ा तथा रणकपुर के जैन मन्दिरखजुराहो के मन्दिरकोणार्क का सूर्य मन्दिरदक्षिण भारत के भव्य गुहा मन्दिररथ अथवा विमान शैली के मन्दिरचोल शैली का सर्वोत्कृष्ट उदाहरण वृहदेश्वर मन्दिरआदि स्थापत्य कला के विकास के जीवन्त प्रमाण हैं। 
  • बीम ब्रैकेट सिद्धान्त पर आधारित इस स्थापत्य कला की विशिष्ट पहचान इसकी पटी हुई छतेंखुला आँगनसुदृढ़ताआगे निकले हुए छज्जेघोड़ियों पर स्थित मेहराबस्तम्भों और उन्नत शिखरों के साथ मूर्तियों तथा चित्रों द्वारा अलंकरण और पत्थर पर महीन तराशा काम है।

 

दिल्ली सल्तनत की स्थापत्य कला Architecture of Delhi Sultanate

 

  • कला मर्मज्ञों ने दिल्ली सल्तनत की स्थापत्य कला को इण्डो-इस्लामिक स्थापत्य कला कहा है जिसमें कि हिन्दू तथा मुस्लिम स्थापत्य कला-तत्वों का समन्वय दृष्टिगोचर होता है। इस काल की इमारतों में गुम्बदमीनारेंमेहराबेंमेहराबी डाटदार छतेंभवनों में हवा और रौशनी के लिए खुलापन, , भवनों की अष्टकोणिक रूपरेखा आदि मुस्लिम स्थापत्य कला-तत्वों के दर्शन होते हैं किन्तु इस काल में अलंकरण में सादगी की मुस्लिम कला शैली की जगह अलंकरण कला शैली ने ले ली और भवनों में स्तम्भों का भी निर्माण किया गया।
  • दिल्ली सल्तनत काल की प्रतिनिधि इमारतों में कुतुब मीनार सबसे ऊँची और सबसे सुन्दर मीनार है। इसके छज्जों तथा अलंकरण में भारतीय प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। अलाउद्दीन खिलजी द्वारा निर्मित अलाई दरवाज़े पर अरबी स्थापत्य कला का प्रभाव है।
  • गियासुद्दीन तुगलकफ़ीरोज़शाह तुगलक तथा सिकन्दर लोदी के मकबरे इस काल की प्रसिद्ध इमारते हैं। लोदी काल के अठकोणिक कक्षों तथा भवन के साथ उद्यान योजना ने मुगल स्थापत्य कला को प्रभावित किया था।

 

मध्यकालीन प्रान्तीय स्थापत्य कला

 

  • काश्मीरमुल्तानजौनपुरबंगालमालवागुजरात तथा बहमनी राज्यों की स्थापत्य कला में दिल्ली सल्तनत की तुलना में हिन्दू तथा मुस्लिम कला-तत्वों का अधिक समन्वय हुआ था। बंगाल में बड़ी सोना मस्जिदजौनपुर में अटाला मस्जिदमाण्डू में वहां का किलागुजरात में जामी मस्जिद और काश्मीर में मदानी का मकबरा इण्डो-इस्लामिक स्थापत्य कला के श्रेष्ठ उदाहरण हैं। 
  • मध्यकालीन हिन्दू स्थापत्य कला के सर्वश्रेष्ठ उदाहरण के रूप में चित्तौड़ के विजय स्तम्भकीर्ति स्तम्भग्वालियर का मान मन्दिर और विजय नगर साम्राज्य की राजधानी हम्पी में स्थित भग्नावशेष हैं।

 

शेरशाह की स्थापत्य कला

 

  • शेरशाह द्वारा बनवाई गई दिल्ली की किला-ए-कोहना मस्जिद में ईरानी तथा भारतीय कला-तत्वों का समावेश है।
  • सहसराम में उसका मक़बरा मध्यकालीन वास्तुकला की अनुपम धरोहर है। तालाब के मध्य टापू पर बने उसके मकबरे ने मुगल स्थापत्य कला को विशेष रूप से प्रभावित किया था।


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