मध्यप्रदेश में पुलिस एवं जेल | MP Me Police Evam Jail

मध्यप्रदेश में पुलिस एवं जेल | 

MP Me Police Evam Jail

मध्यप्रदेश में पुलिस एवं जेल | MP Me Police Evam Jail


  • मध्यप्रदेश में पुलिस रेंज (आई.जी.) की संख्या 11 है ।
  • पुलिस रेंज (डी.आई.जी.) की संख्या 15 है ।
  • कन्ट्रोल रूम 53 एवं पुलिस थानों की संख्या (स्वीकृत) 1061 है । 
  • पुलिस चौकियों की संख्या 579 है। 
  • पुलिस उप-संभागों की संख्या 185 है । 
  • मध्यप्रदेश का इंदौर डी. आई.जी. ऑफिस देश का पहला ISO 9001 2000 प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाला डी.आई. जी. ऑफिस हो गया है ।
  • राष्ट्रीय स्तर के इस प्रशिक्षण संस्थान में केन्द्रीय पुलिस संगठन अर्द्ध सैनिक बल और राज्यों की पुलिस के डी.एस. को ट्रेनिंग दी जाएगी । 
  • प्रदेश में भोपाल, जबलपुर, उज्जैन, दतिया, पन्ना व मुरैना में हरिजन पुलिस कल्याण थानों की स्थापना की गई है । 
  • म.प्र. का पहला महिला पुलिस थाना प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थापित किया गया । 
  • मध्यप्रदेश में विशेष सशस्त्र बल एक्ट सन् 1968 में लागू किया गया वर्तमान में कुल 22 वाहिनी बल है । 
  • मध्यप्रदेश में 'हरिजन एवं आदिवासी प्रकोष्ठ' की स्थापना भोपाल में की गई है । 
  • मध्यप्रदेश का अपराध प्रशिक्षण केन्द्र सागर में हैं। 
  • मध्यप्रदेश के प्रथम पुलिस महानिदेशक बी. पी. दुबे थे प्रदेश के प्रथम महानिरीक्षक बी.जी. घाटे थे।  
  • प्रत्येक पुलिस रेंज का मुख्य अधिकारी उपमहानिरीक्षक होता है, जिसे डी.आई.जी. कहा जाता है ।
  • प्रत्येक पुलिस रेंज उप-संभागों में विभाजित रहती है, जो उप-संभाग अधिकारी के नियंत्रण में होता है।  
  • मध्यप्रदेश में पुलिस निरीक्षक के स्थान पर वर्ष 1982 में पुलिस महानिदेशक के पद पर सृजित किया गया है । 
  • प्रदेश में महिलाओं पर होने वाले अत्याचार रोकने हेतु मध्यप्रदेश द्वारा हेल्प लाइन सेवा प्रारंभ की गई है . 
  • नव आरक्षकों एवं प्लाटून कमाण्डरों को छठवीं वाहिनी जबलपुर में प्रशिक्षण दिया जाता है । 
  • पुलिस महाविद्यालय सागर का प्रभारी पुलिस उप महानिरीक्षक होता है ।
  • मध्यप्रदेश का सर्वोच्च पुलिस अधिकारी पुलिस महानिदेशक गृह सचिव के अधीन कार्य करता है। यहाँ का पुलिस मुख्यालय भोपाल में स्थित है।
  • मध्यप्रदेश में 1956 में भोपाल में सी.आई.डी. मुख्यालय की स्थापना की गयी। 
  • प्रदेश में 15 अप्रैल, 1982 को अपराध एवं अपराधियों का रिकार्ड रखने लिए भोपाल में पुलिस कम्प्यूटर की स्थापना की गयी ।
  • इंदौर में सशस्त्र पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किया गया । 
  • वर्तमान में प्रदेश में पुलिस थानों की संख्या 1035 तथा कंट्रोल रूम की संख्या 53 है । 
  • प्रदेश में विभिन्न गंभीर मामलों को सुलझाने के लिए फोरेन्सिक साइन्स लेबोरेटरी की स्थापना सागर में की गयी है । 
  •  प्रदेश में पुलिस प्रशिक्षण हेतु पुलिस महाविद्यालय की स्थापना सागर में की गयी है, जिसका नाम जवाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी है ।
  • प्रदेश में नये आरक्षक एवं प्लाटून कमाण्डरों को छठीं वाहिनी, जबलपुर में प्रशिक्षण दिया जाता है । 
  • प्रदेश में पुलिस वायरलेस प्रशिक्षण महाविद्यालय, इंदौर में वायरलेस के कार्य के बारे में पुलिस कर्मियों को जानकारी देने के लिए स्थापित किया गया है । 
  • रीवा में स्थापित पुलिस मोटर वर्कशॉप प्रशिक्षण शाला के द्वारा किया गया । पुलिस के वाहन कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है. 
  • भोपाल में पुलिस यातायात प्रशिक्षण संस्था स्थापित है
  • भारतीय पुलिस सेवा में मध्यप्रदेश की प्रथम महिला अधिकारी आशा गोपालन है। 
  • मध्यप्रदेश (भूतपूर्व मध्य भारत) के प्रथम पुलिस महानिदेशक थे । श्री के.एफ. रूस्तम जी थे । 
  • मध्यप्रदेश में पहले 5 पुलिस रेंज स्थापित की गयी थी, जो ग्वालियर इंदौर, रीवा, रायपुर और जबलपुर में थी.  
  • मध्यप्रदेश में रेल्वे पुलिस के लिए पृथक से पुलिस महानिरीक्षक का पद बनाया गया है, जिसके अधीन तीन सेक्शन हैं-भोपाल, इंदौर और जबलपुर। इन तीन सेक्शनों में स्थापित रेल्वे पुलिस थानों की संख्या 22 है । 
  • भोपाल वर्ग- इसके अंतर्गत 10 थाने हैं- ग्वालियर B.G, ग्वालियर N.G, भोपाल, बीना, विदिशा, इटारसी, खण्डवा, आमला, ग्वालियर छोटी लाईन, हबीबगंज, मुरैना ।
  • इंदौर वर्ग- इसके अंतर्गत 10 रेल्वे पुलिस थाने आते हैं- इंदौर, उज्जैनरतलाम, शामगढ़, नीमच, ब्यावरा, गुना, शिवपुरी, अशोकनगर एवं मेघनगर ।
  • जबलपुर वर्ग- इसके अंतर्गत 8 रेल्वे पुलिस थाने हैं- जबलपुर , कटनी, सागर, छिंदवाड़ा, नैनपुर एवं गाडरवाड़ा, शहडोल एवं रीवा । 
  • मध्यप्रदेश में सर्वप्रथम 1956 में बी.जी. घाटे को प्रथम पुलिस महानिरीक्षक बनाया गया, जो कि उस समय का सर्वोच्च पुलिस अधिकारी का पद होता था, लेकिन सन् 1982 में पुलिस महानिरीक्षक के स्थान पर पुलिस का सबसे वरिष्ठ अधिकारी महानिदेशक कर दिया गया । 

मध्य प्रदेश में जेल

  • सन् 1894 के कारागार अधिनियम के अंतर्गत मध्यप्रदेश के कारागार नियम 1929 बनाये गये।
  • मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 15 फरवरी, 1964 को भोपाल जिला कारागार में "बंदी हित दिवस" का आयोजन किया गया था ।
  • मध्यप्रदेश की कारागार व्यवस्था की समीक्षा तथा उसमें सुधार के लिए 26 जनवरी, 1968 को जेल सुधार समिति गठित की गयी इस समिति के अध्यक्ष ब्रजेश्वर सिंह थे। 
  • मध्यप्रदेश के होशंगाबाद में महिला जेल स्थापित है।  
  • मध्यप्रदेश में सन् 1995 से कारागारों में बंदियों के लिए "योग शिक्षा" अनिवार्य कर दी गयी है। 
  • मध्यप्रदेश के जबलपुर नगर में एक आदर्श महिला जेल की स्थापना की गई। 
  • मध्यप्रदेश में पहली खुली जेल की स्थापना नवजीवनगयी है । शिविर के नाम से नवंबर, 1973 में गुना जिले (वर्तमान अशोक नगर) के मुंगावली में की गई इसी नाम से दूसरी खुली जेल सन् 1975 में पन्ना जिले के लखीमपुर में खोली गयी।
  • मुंगावली शिविर की स्थापना का मुख्य उद्देश्य स्वर्गीय जयप्रकाश नारायण के प्रयासों से चंबल के बीहड़ों के आत्म-समर्पण करने वाले डकैतों को पुनर्वासित करना था।  
  • मध्यप्रदेश की पहली खुली जेल कॉलोनी होशंगाबाद में वर्ष 2010 में प्रदेश में नरसिंहपुर व जबलपुर में किशोर बंदीगृह स्थापित किये गये हैं ।
  • मध्यप्रदेश में कुल 124 जेलें हैं, इनमें 11 केन्द्रीय जेल, 34 जिला जेल स्थापित की गई तथा 78 उपजेल है । इनके अलावा एक-एक क्षेत्रीय जेल प्रबंधन एवं शोध संस्थान भोपाल तथा जेल प्रशिक्षण केन्द्र सागर है।  
  • वर्ष 2014-15 में जिला जेल बड़वानी, होशंगाबाद एवं नरसिंहपुर को केन्द्रीय जेलों में क्रमोन्नत किया गया।  
  • वर्ष 2014-15 में जिला मुख्यालय की 06 उप जेलों क्रमशः गुना, शिवपुरी, सीहोर, देवास, भिण्ड एवं पन्ना को जिला जेलों में क्रमोन्नत किया गया ।  
  • प्रदेश की आदिवासी बहुल की दो जिला जेल बैतूल एवं धार में आई.टी.आई. प्रारंभ की गई, जिसमें कारपेन्ट्री, वायरमेन एवं ट्रैक्टर मैकेनिक ट्रेड में 96 बंदियों को प्रशिक्षित किया गया । 
  • इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा बंदियों को निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गई है। 
  •  प्रशिक्षण शाखा- इस शाखा के प्रभारी के रूप में विशेष पुलिस महानिदेशक पदस्थ है।  
मध्यप्रदेश में पुलिस को ट्रेनिंग देने के लिए निम्न प्रशिक्षण संस्थान कार्यरत है-
 
  • म.प्र. पुलिस अकादमी भौरी, भोपाल 
  • जवाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी, सागर
  •  आर.ए.पी.टी.सी, इंदौर 
  • पुलिस रेडियो ट्रेनिंग स्कूल, इन्दौर
  • पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय, इन्दौर 
  • पुलिस प्रशिक्षण शाला, पचमढ़ी 
  • पुलिस प्रशिक्षणा शाला, रीवा 
  • पुलिस प्रशिक्षणा शाला, तिघरा
  • पुलिस प्रशिक्षणा शाला, उमरिया 
  • विसबल प्रशिक्षण शाला 6वीं वाहिनी विसबल, जबलपुर
  • विसबल प्रशिक्षण शाला 8वीं वाहिनी विसबल, छिंदवाड़ा 
  • पुलिस प्रशिक्षण शाला, सागर 

  • म.प्र. पुलिस अकादमी भौंरी भोपाल में राज्य पुलिस सेवा संवर्ग के नवनियुक्त उप पुलिस अधीक्षक/उप निरीक्षकों का बुनियादी प्रशिक्षण एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों को इनसर्विस प्रशिक्षण एवं अनुसचिवीय बल के कर्मचारियों को बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाता है।  
  • जवाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी सागर में राज्य पुलिस सेवा संवर्ग के नवनियुक्त उपपुलिस अधीक्षक/उप निरीक्षकों का बुनियादी प्रशिक्षण एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों को इनसर्विस प्रशिक्षण एवं शीघ्रलेखक/अनुसचिवीय बल के कर्मचारियों को बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाता है । 
  • पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय इंदौर व 5 पुलिस प्रशिक्षण पचमढ़ी/ रीवा/उमरिया/तिरघा एवं मकरनोनिया सागर में नवनियुक्त आरक्षकों को बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाता है तथा आरक्षक से सहायक उप निरीक्षक स्तर के कर्मचारियों को इन सर्विस कोर्स कराया जाता है । आर.ए.पी.टी.सी. इंदौर में सूबेदार/पी. सी. का बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाता है । 
  • पुलिस रेडिया ट्रेनिंग स्कूल इंदौर में उप निरीक्षक/स. उ. नि. रेडियो. प.आर./आर. रेडियो को बुनियादी एवं बी. आर. ओ. / बी. आर. टी. प्रशिक्षण दिया जाता है 
  • समस्त पुलिस प्रशिक्षण शालाओं की क्षमता 1100 प्रशिक्षणार्थियों की टी, जो वर्तमान में लगभग 4000 हो गई है । 
  • 6वीं एवं 8वीं प्रशिक्षण वाहिनियों में विशेष सशस्त्र बल के नव आरक्षकों को अत्याधुनिक साधनों से प्रशिक्षण दिया जाता है ।

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