2020 के चर्चित स्थल | 2020 के ऐसे स्थल चर्चा में रहे हों

 2020 के चर्चित स्थल | 

2020 के ऐसे स्थल चर्चा में रहे हों 

2020 के चर्चित स्थल | 2020 के ऐसे स्थल चर्चा में रहे हों


गिलगित-बाल्टिस्तान

  • यह केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के उत्तर-पश्चिम में उच्च भूमि पर स्थित क्षेत्र है।
  • यह रणनीतिक रूप से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और चीन की सीमाओं पर स्थित है।
  • यद्यपि गिलगित-बाल्टिस्तान जम्मू-कश्मीर के पूर्ववर्ती रियासत का हिस्सा था, किंतु वर्ष 1947 में पाकिस्तान द्वारा समर्थित कबाइली सेना के आक्रमण के बाद 4 नवंबर, 1947 से यह क्षेत्र पाकिस्तान के नियंत्रण में है।
  • जम्मू-कश्मीर के अंतिम डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह ने 26 अक्तूबर,  1947 को भारत के साथ इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन’ (Instrument of Accession) पर हस्ताक्षर किये।
  • भारत ने 1 जनवरी, 1948 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में  पाकिस्तानी आक्रमण का मुद्दा उठाया।
  • जम्मू-कश्मीर से पाकिस्तान सेना को वापस हटाने तथा इस क्षेत्र में भारतीय सेना की संख्या को न्यूनतम करने के लिये संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक प्रस्ताव पारित किया जिसके बाद वहाँ के लोगों की इच्छा जानने के लिये जनमत संग्रह आयोजन किया जाना था।
  • हालाँकि पाकिस्तान की सेनाएँ कभी वापस नहीं हुईं और यह दो देशों के बीच विवाद का विषय बना हुआ है।
  • गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र 65 बिलियन अमेरिकी डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे की आधारभूत संरचना विकास योजना के केंद्र में है।
  • गिलगित-बाल्टिस्तान को अपने पाँचवें प्रांत के रूप में शामिल करने के लिये पाकिस्तान द्वारा उठाया गया यह कदम सात दशकों से यहाँ रहने वाले लोगों के "मानव अधिकारों के उल्लंघन, शोषण और स्वतंत्रता पर पाबंदी को छुपा नहीं सकता है।


गुरुद्वारा दरबार साहिब, करतारपुर (GADSK)

  • गुरुद्वारा दरबार साहिब, करतारपुर रावी नदी के तट पर पाकिस्तान के नरोवाल ज़िले में स्थित है और पाकिस्तान में भारत-पाकिस्तान सीमा से लगभग 3-4 किमी. दूर है।
  • सिख धर्म का यह महत्त्वपूर्ण स्थल भारत के गुरदासपुर ज़िले में डेरा बाबा नानक से लगभग 4 किमी. दूर और पाकिस्तान के लाहौर से लगभग 120 किमी. उत्तर-पूर्व में स्थित है।
  • इस धर्मस्थल का निर्माण उस स्थान की याद में किया गया था जहाँ सिख धर्म के प्रवर्तक गुरु नानक देव जी ने अपनी मृत्यु (वर्ष 1539) से पूर्व 18 वर्ष बिताए थे। यही कारण है कि यह स्थान सिख धर्म के अनुयायियों के लिये काफी महत्त्वपूर्ण माना जाता है।
  • गुरुद्वारा दरबार साहिब को गुरुद्वारा ननकाना साहिब (गुरुद्वारा जन्म स्थान) के बाद सिख धर्म का दूसरा सबसे पवित्र स्थल माना जाता है।
  • गुरुद्वारा ननकाना साहिब भी पाकिस्तान में ही स्थित है और इससे सिख धर्म के प्रवर्तक गुरु नानक देव जी की जन्मस्थली के रूप में जाना जाता है।
  • करतारपुर में मौजूद वर्तमान गुरुद्वारे को 19वीं सदी में महाराजा रणजीत सिंह द्वारा बनवाया गया था, क्योंकि वर्ष 1515 में गुरु नानक द्वारा स्थापित मूल निवास स्थान (गुरुद्वारा) रावी नदी में आई एक बाढ़ के कारण बह गया था।
करतारपुर गलियारा
  • बीते वर्ष नवंबर माह में एक ऐतिहासिक पहल के तहत गुरदासपुर ज़िले में डेरा बाबा नानक को पाकिस्तान के गुरुद्वारा करतारपुर साहिब से जोड़ने वाले एक गलियारे की शुरुआत की गई थी।
  • अधिकांश जानकार इस गलियारे को भारत-पाकिस्तान के मध्य सांस्कृतिक रिश्ते को मज़बूत करने के एक नए अवसर के तौर पर देख रहे थे।
  • उम्मीद के मुताबिक यह गलियारा दोनों देशों के नागरिकों के मध्य संपर्क को बढ़ाएगा, जिससे दोनों देशों के लोगों को प्रेम, सहानुभूति और आध्यात्मिक विरासत के अदृश्य धागों के माध्यम से जुड़ने का अवसर मिलेगा।
  • हालाँकि इसी वर्ष मार्च माह में कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए करतारपुर गलियारा को बंद कर दिया गया था।

नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र

  • पश्चिमी एशिया और पूर्वी यूरोप में फैले हुए नागोर्नो-काराबाख को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अज़रबैजान के एक हिस्से के रूप में मान्यता प्राप्त है, किंतु इस क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा आर्मेनियाई अलगाववादियों द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
  • यह दक्षिण-पश्चिमी अज़रबैजान में स्थित एक पहाड़ी क्षेत्र है, जो कि तकरीबन 4,400 वर्ग किलोमीटर (1,700 वर्ग मील) तक फैला हुआ है।
  • आर्मेनिया और अज़रबैजान के बीच विवादित नागोर्नो-काराबाख स्वायत्त क्षेत्र आर्मेनिया की अंतर्राष्ट्रीय सीमा से केवल 50 किलोमीटर (30 मील) दूर स्थित है।

आरोग्य वन- गुजरात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के नर्मदा ज़िले में केवडि़या में आरोग्यन वनका उद्घाटन किया है। इस संबंध में जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, योग, आयुर्वेद और ध्यान को बढावा देने के उद्देश्य से बनाया गया आरोग्य  वन17 एकड़ भूमि पर स्थित है और इसमें 380 चयनित प्रजातियों के पाँच लाख पौधे लगाए गए हैं। साथ ही गुजरात स्थिति इस आरोग्यद वन में कैफेटेरिया और दुकानें भी हैं। इस आरोग्य वन में कमल का तालाब, योग और ध्यान उद्यान, इनडोर प्लांट सेक्शन, डिजिटल सूचना केंद्र, दुकान और एक कैफेटेरिया भी है, जहाँ आयुर्वेदिक भोजन परोसा जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केवडिया में 'एकता मॉल' और चिल्ड्रेन न्यूट्रिशन पार्क का भी उद्घाटन किया है।

 

बोत्सवाना

  • हाल ही में बोत्सवाना में अधिकारियों ने जाँच में पाया कि जल में  साइनोबैक्टीरिया द्वारा उत्पादित विषाक्त पदार्थों के कारण इस वर्ष बोत्सवाना में 300 से अधिक हाथियों की मृत्यु हो गई थी। 
  • अफ्रीकी महाद्वीप के दक्षिणी में स्थित बोत्सवाना एक भू-आबद्ध देश है।
  • बोत्सवाना दुनिया की सबसे बड़ी हाथी आबादी वाला देश है जहाँ हाथियों की अनुमानित संख्या लगभग 130,000 है।
  • यहाँ के ओकावांगो डेल्टाई क्षेत्र के उत्तर में मृत हाथियों की संख्या 300 से अधिक दर्ज की गई थी।
  • इन मृत हाथियों की संख्या को एक वन्यजीव संरक्षण चैरिटी एलीफैंट विदाउट बॉर्डर्स’ (Elephants Without Borders- EWB) द्वारा चिह्नित किया गया था।

 

इक्वाडोर के गैलापागोस द्वीप समूह

  • हाल ही में इक्वाडोर’ (Equador) ने अपने समुद्री क्षेत्र के निकट बड़ी संख्या में चीन के मछली पकड़ने वाले जहाज़ों की गतिविधि में हुई वृद्धि के संदर्भ में आधिकारिक रूप से चीन से अपनी असहजता व्यक्त की है।
  • हाल ही में इक्वाडोर के गैलापागोस द्वीप समूह (Galapagos Islands) के निकट लगभग 260 मछली पकड़ने वाले जहाज़ों को देखे जाने के बाद इक्वाडोर द्वारा इस क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी गई थी।
  • गौरतलब है कि प्रशांत महासागर स्थित गैलापागोस द्वीप समूह लगभग 60,000 वर्ग किमी. में फैला है और यह दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप से लगभग 1,000 किमी. दूरी पर स्थित है।
  • गैलापागोस द्वीप समूह के आस-पास मछलियों का व्यावसायिक शिकार बढ़ने से क्षेत्र में पाई जाने वाली शार्क जैसी जलीय प्रजातियाँ अब लुप्तप्राय हो चुकी हैं।
  • इक्वाडोर को हर वर्ष इस क्षेत्र में चीन के मछली पकड़ने वाले जहाज़ों से अपने प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा हेतु चुनौती का सामना करना पड़ता है।

गैलापागोस द्वीप समूह:

  • गैलापागोस द्वीप समूह प्रशांत महासागर स्थित है और यह लगभग 60,000 वर्ग किमी. में फैला है।   
  • यह द्वीप समूह इक्वाडोर का हिस्सा है और दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप से लगभग 1,000 किमी. दूरी पर स्थित है।
  • इक्वाडोर द्वारा इस द्वीप समूह के एक हिस्से को वर्ष 1935 में वन्यजीव अभयारण्यबना दिया गया था, इस अभयारण्य को वर्ष 1959 में गैलापागोस नेशनल पार्क में बदल दिया गया।
  • वर्ष 1978 में गैलापागोस द्वीप समूह को यूनेस्को (UNESCO) द्वारा पहले विश्व धरोहर स्थल के रूप में चिह्नित किया गया था।
  • इस द्वीप समूह पर मांटा रे (Manta Ray) और शार्क जैसे जलीय प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
  • साथ ही इन द्वीपों पर समुद्री इगुआना, फर सील और वेब्ड अल्बाट्रोस जैसे कई जलीय वन्यजीवों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
  • ब्रिटिश वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन ने वर्ष 1835 में इस द्वीप समूह पर कुछ महत्त्वपूर्ण अध्ययन किये थे जिसने उनके विकासवाद के सिद्धांत में अहम भूमिका निभाई थी।

लेबनान

  • लेबनान की राजधानी बेरूत के बन्दरगाह में रखे 2750 तन अमोनियम नाइट्रेट में विस्फोट होने से 100 से भी अघिक लोगों की जान चली गयी है और हजारो की संख्या में लोग घायल हुये हैं।
  • बेरूत के धमाके ने पहले से ही आर्थिक संकट एवं गृहयुद्ध झेल से परेशान लेबनान को सदमे में डाल दिया है। इसी अप्रैल में लेबनान के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि वह अंतरराष्ट्रीय कर्ज चुकाने में चूक गया। वहीं दूसरी ओर धमाके के ठीक पहले सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच ऊर्जा मंत्रालय के बाहर हाथापाई हुई थी।

 

लेबनान के बारे में

  • लेबनान पश्चिम एशिया में स्थित एक देश है जिसे रिपब्लिक ऑफ लेबनान भी कहते हैं।
  • इसकी राजधानी बेरूत है और यहाँ की कुल आबादी लगभग 68.6 लाख है, जिसमें से 54% मुस्लिम और 41% ईसाई हैं।
  • इसकी पूर्वी और उत्तरी सीमा सीरिया से लगती है, जबकि इसकी दक्षिणी सीमा में इज़राइल है।
  • इसके पश्चिम में भूमध्य सागर स्थित है।


हागिया सोफिया संग्रहालय

  • हाल ही में तुर्की के शीर्ष न्यायालय ने इस्तांबुल (Istanbul) के प्रतिष्ठित हागिया सोफिया संग्रहालय (Hagia Sophia museum) को मस्जिद में बदलने अथवा इसे संग्रहालय ही बने रहने के संबंध में सुनवाई पूरी कर ली है। अनुमानतः आगामी दो हफ्तों में न्यायालय अपना निर्णय स्पष्ट कर देगा।
  • तकरीबन 1500 वर्ष पुराना यह ढाँचा (Structure) यूनेस्को विश्व विरासत स्थल के रूप में सूचीबद्ध है, गौरतलब है कि इस इमारत का निर्माण सर्वप्रथम एक गिरजाघर (Cathedral) के रूप में किया गया था, हालाँकि कुछ समय पश्चात् इसे मस्जिद के रूप में बदल दिया गया।
  • जब आधुनिक तुर्की का जन्म हुआ तो, वहाँ के धर्मनिरपेक्ष नेताओं ने इस ईमारत को एक संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया।
  • गौरतलब है कि तुर्की के इस्लामी और राष्ट्रवादी समूह लंबे समय से हागिया सोफिया संग्रहालय को मस्जिद के रूप में बदलने की मांग कर रहे थे।
  • ध्यातव्य है कि बीते वर्ष चुनावों से पूर्व तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप एरदोगन (Recep Erdoğan) ने कहा था कि हागिया सोफिया को एक संग्रहालय में बदलना बहुत बड़ी गलतीथी और वे इस निर्णय को बदलने पर विचार कर रहे हैं।

लिपुलेख

  • लद्दाख में चीन भले सैनिकों को पीछे हटाने की बात कर रहा है लेकिन उसने लिपुलेख इलाके में LAC के पार अपने एक हजार सैनिक तैनात किए हैं। लिपुलेख इलाका भारत, नेपाल और चीन की सीमाओं को मिलानेवाली जगह है जो पिछले दिनों से काफी चर्चा में है। हालांकि, भारत ने भी उतने ही जवान अपने क्षेत्र में तैनात कर दिए हैं।
  • भारत और चीन के बीच करीब तीन महीने से लद्दाख में तनाव चल रहा है। करीब 45 साल बाद वहां 15 जून को बॉर्डर पर हिंसा हुई, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए वहीं चीन के भी 40 जवान मारे जाने की खबर थी। अब जब लद्दाख में बातचीत के बाद दोनों देशों की सेनाएं धीरे-धीरे पीछे हो रही हैं तो चीन सेना यानी पीएलए के सैनिक LAC के पार लिपुलेख इलाके में देखे गए हैं।

लिपुलेख के बारे में

  • लिपुलेख पास वही इलाका है जहां से भारत ने मानसरोवर यात्रा के लिए नया रूट बनाया है। यह पिछले दिनों तब चर्चा में आया था जब नेपाल ने यहां भारत की बनाई 80 किलोमीटर की सड़क पर एतराज जताया था। 
  • फिर नेपाल ने अपने यहां नया नक्शा पास कर विवाद बढ़ा दिया था। इसमें कालापानी, जिसमें लिपुलेख भी शामिल था उसे अपना हिस्सा बताया था। 
  • फिलहाल भारत चीन के जितने सैनिकों की तैनाती करने के साथ-साथ नेपाल पर भी पूरी नजर रखे हुए है।

माली में सैन्य तख्तापलट

  • हाल ही में पश्चिम अफ्रीकी देश माली में सैन्य तख़्तापलट हुआ है जिससे माली में इस समय भारी राजनीतिक उथल-पुथल की स्थिति है।
  • विद्रोही सैनिकों ने तख्तापलट करके देश के राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता और प्रधानमंत्री बाउबो सिसे को हिरासत में ले लिया है ।
  • हिरासत में लिए जाने के बाद माली के राष्ट्रपति ने इस्तीफा देते हुए संसद भंग करने की घोषणा कर दी है।
  • गौरतलब है कि राष्ट्रपति के पद से हटने की मांग को लेकर माली में कई महीनों से प्रदर्शन हो रहे थे। इस साल जून से उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में बड़े विरोध प्रदर्शनों का सामना करना पड़ रहा था। साथ ही उन पर अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन और चुनाव को लेकर भी आरोप लग रहे थे।
  • माली में इससे पहले 2012 में सैन्य तख्तापलट हुआ था और उससे इस तख्तापलट की कोशिश में कई समानताएं बताई जा रही हैं।

माली के बारे में

  • माली या माली गणराज्य , पश्चिमी अफ़्रीका में स्थित एक स्थल-रुद्ध देश है। सहारा रेगिस्तान तक फैला माली दुनिया के सबसे ग़रीब देशों में से एक है।यह अफ़्रीका का सातवां सबसे बड़ा देश है ।
  • माली की सीमा उत्तर में अल्जीरिया, पूर्व में नाइजर, दक्षिण में बुर्किना फ़ासो और कोड द आइवोर, दक्षिण-पश्चिम में गिनी और पश्चिम में सेनेगल और मारितुआना से मिलती है।
  • माली की राजधानी बमाको है।
  • माली पहले यूरोप का उपनिवेश था और यह 1960 में स्वतंत्र हुआ एवं माली की आधिकारिक भाषा फ्रांसीसी है और मान्यता प्राप्त क्षेत्रिय भाषा बाम्बारा है।

मार्थोमन जैकबाइट सीरियन कैथेड्रल चर्च

  • केरल के एर्नाकुलम जिला प्रशासन ने मूलंथुरूथी में मार्थोमन जैकोबाइट सीरियन कैथेड्रल चर्च को अपने कब्जे में ले लिया है। कई वर्षों से मलंकारा चर्च के साथ अन्य चर्च को लेकर जेकोबाइट और रूढ़िवादी गुटों के बीच विवाद चल रहा है। 
  • 12वीं शताब्दी में बने 800 साल पुराना मार्थोमन जैकबाइट सीरियन कैथेड्रल चर्च को लेकर लंबे समय से जैकोबाइट और ऑर्थोडॉक्स ग्रुप के बीच विवाद का विषय बना हुआ है। 
  • वर्तमान में इस चर्च का संचालन जैकोबाइट ग्रुप कर रहा था। 
  • 3 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए निर्णय के अनुसार यह चर्च ऑर्थोडॉक्स ग्रुप को दिया जाना है एवं केरल सरकार ने यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार की है।

मार्थोमन चर्च के बारे में

  • केरल के एर्नाकुलम जिला के मुल्थंथुरूथी में मार्थोमन जैकबाइट सीरियन कैथेड्रल चर्च की स्थापना 1200 ईस्वी के आसपास हुयी थी।
  • यह केरल के सबसे प्राचीन चर्चों में से है।
  • यह चर्च गॉथिक वास्तुकला का एक अच्छा उदाहरण है।
  • इस चर्च में भारतीय, पश्चिम-एशियाई और यूरोपीय वास्तुकला का मिश्रण इसकी नक्काशी, मूर्तियां, प्रतीकात्मक चिह्न और दीवार पेंटिंग में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

दश्त-ए लुट (Dasht-e-Lut)

  • यह एक विशाल लवणीय रेगिस्तान है जो ईरान के केरमान (Kerman) एवं सिस्तान (Sistan) तथा बलूचिस्तान (Baluchestan) प्रांतों में फैला हुआ है।
  • यह दुनिया का 25वाँ सबसे बड़ा रेगिस्तान है और ईरान का दूसरा सबसे बड़ा रेगिस्तान है।
  • दश्त-ए-काविर (Dasht-e-Kavir) जिसे काविर-ए-नमक एवं ग्रेट साल्ट डेज़र्ट (Great Salt Desert) के रूप में भी जाना जाता है, ईरान का सबसे बड़ा मरुस्थल है।
  • इसे 17 जुलाई, 2016 को यूनेस्को (UNESCO) की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया था।
  • वर्ष 2006 में नासा (NASA) ने इस रेगिस्तान का तापमान 70.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया था जो हाल के दिनों में बढ़कर 80.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया है। गहरे कंकड़ (Dark Pebbles) जो गर्मी उत्पन्न करते हैं, इस अधिकतम तापमान के कारणों में से एक हैं।
  • यहाँ औसत तापमान -2.6°C (सर्दियों में) से लेकर 50.4°C (गर्मियों में) तक होता है जबकि वार्षिक वर्षा 30 मिमी. प्रति वर्ष से अधिक नहीं होती है।
  • हाल ही में पृथ्वी पर सबसे गर्म स्थान के रूप में प्रसिद्ध मरुस्थल दश्त-ए लुट (Dasht-e Lut) से मीठे पानी के क्रस्टेशिया (Crustacea) की एक नई प्रजाति की खोज की गई है। 


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