गैसों के मापने योग्य गुण |Measurable Properties of Gases

 

गैसों के मापने योग्य गुण Measurable Properties of Gases


Measurable Properties of Gases



गैसों के व्यवहार की व्याख्या द्रव्यमान, आयतन, दाब, तथा ताप के मध्य मात्रात्मक संबंधों के द्वारा की जा सकती है।

द्रव्यमान

‘‘किसी पदार्थ का द्रव्यमान उसमें उपस्थित पदार्थ की मात्रा होती है।‘‘

किसी गैसे का द्रव्यमान ज्ञात करने के लिए निश्चित आयतन वाले पात्र को पूर्णतः खाली करके उसमें निर्वात उत्पन्न कर लेते हैं और खाली पात्र का द्रव्यमान ज्ञात कर लेते हैं। अब खाली पात्र में दी हुई गैस को भरकर गैस से भरे पात्र का द्रव्यमान निकाला जाता है। दोनों प्रेक्षणों का अंतर पात्र में भरी गैस के द्रव्यमान के अंतर के बराबर होता है। गैसे के द्रव्यमान, आण्विक द्रव्यमान तथा मोलों की संख्या में निम्न संबंध है-

आयतन

‘‘किसी पदार्थ का आयतन उसके द्वारा लिया गया (घेरा गया) स्थान है।‘‘

गैसें संपूर्ण प्राप्य स्थान को घेर लेती हैं इसलिए किसी गैस का आयतन उस पात्र के आयतन के बराबर होता है जिसमें उसे रखा जाता है। अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली में आयतन को घन मीटर m³ में दर्शाते हैं।

आजकल 1ml को 1c.c के पूर्णतः समान माना जाता है।

दाब

‘‘प्रति इकाई क्षेत्रफल पर कार्य करने वाला बल दाब कहलाता है।‘‘

किसी बंद पात्र में भरी हुई गैस पात्र की दीवारों पर सभी दिशाओं में समान रूप से दाब डालती है। हमारी पृथ्वी के चारों ओर वायु का लगभग 800 किमी मोटाई का आवरण है। यह वायु पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण बल के कारण  पृथ्वी की सतह की ओर खिंचती है जिसके कारण पृथ्वी की सतह पर दाब उत्पन्न होता है।

यह दाब वायुमंडलीय दाब कहलाता है जो बैरोमीटर द्वारा नापा जाता है। प्रयोगशाला में दाब को मैनोमीटर से नापा जाता है।  दाब का एस.आई. मात्रक पास्कल होता है।

ताप

‘‘किसी पदार्थ या माध्यम की उष्णता की मात्रा को उसका ताप कहते हैं।‘‘

ताप का मापन इस तथ्य पर आधारित है कि ताप बढ़ाने पर कई पदार्थों का आयतन बढ़ता है। तापमापन के लिए प्रायः पारे का प्रयोग होता है। सेल्सियस स्केल (जिसे पहले सेन्टीग्रेड स्केल कहते थे) में पानी का हिमांक 0℃  तथा पानी का क्वथनांक 100 एक ऐटमास्फियर दाब पर मानक बिंदुओं के रूप में लिये जाते हैं। इस ताप परस को 100 समान भागों में बांटा जाता है। अतः प्रत्येक भाग 1 के बराबर होता है।

 

मानक ताप तथा मानक दाब

गैसों के गुण, ताप तथा दाब पर निर्भर होते हैं। अतः प्रायोगिक परिणामों को किसी प्रमाणिक एवं सर्वमान्य ताप एवं दाब के समुच्चय पर निर्दिष्ट करना उपयोगी होता है। इससे विभिन्न प्रयोगों से प्राप्त परिणामों की तुलना करने में काफी सरलता होती है। रसायन वैज्ञानिकों ने 0 तथा 1 वायुमंडलीय दाब को सुविधाजनक मानक स्थितियों के रूप में स्वीकृत किया है। इन स्थितियों में 0 ताप और 760 मिमी दाब को मानक ताप और दाब (Standard Temperature and Pressure) कहा जाता है। जिसे संक्षेप में S.T.P. लिखते हैं। इसे ही Normal Temperature and Pressure भी कहते हैं। तथा NTP लिखते हैं।

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