भारत की प्रतिरक्षा प्रौद्योगिकी | Defense Technology of India

 भारत की प्रतिरक्षा प्रौद्योगिकी 
                          Defense Technology of India

| Defense Technology of India

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद प्रतिरक्षा प्रौद्योगिकी में तेजी से विकास हुआ। इस विकास में सबसे बड़ा योगदान इलेक्ट्रानिक्स तथा कम्प्यूटर का था। आतंकवाद के विरूद्ध अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य कार्यवाही अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही थी साथ ही प्रतिरक्षा से संबंधित उन्नत प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल का भी यह श्रेष्ठ उदाहरण था। इस कार्यवाही की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि वास्तविक तथ्यों को पायलट रहित विमान, उपग्रह संचा व्यवस्था, लेजर हथियार तथा अवाक्स विमानों की मदद से युद्ध के संचालकों द्वारा अपने आप्स रूपमें देखा जा सकता था। विरोधी आक्रमण अभियान के कुछ तथ्यों को आम लोगों ने अपने टेलीविजन सेटों पर भी देखा।

यह एक निर्विवाद तथ्य है कि भविष्य के युद्धों में हथियार की बदलती सीमाओं के कारण मशीनी तकनीकी का योगदान अधिक होता जा रहा है। इलेक्ट्राॅनिक्स तथा कम्प्यूटर ने इस तकनीक को और भी सुदृढ़ता प्रदान की है। अत्यधिक संवेदी सेंसरों के माध्यम से हथियारों को जो कृत्रिम बुद्धिप्रदान की गई है वह उन्हें स्वयं  निर्णय लेने की क्षमता से युक्त करती है। इस कृत्रिम बुद्धि के कारण आज युद्ध क्षेत्र नई-नई तकनीकों से युक्त हो गया है।

आधुनिक का में युद्ध क्षेत्र में इस्तेमाल की जाने वाली कुछ नकनीकों के नाम इस प्रकार हैं।

प्रमुख युद्ध तकनीकों के नाम

पायलट रहित विमान Pilot-less Aircraft

लेजर तकनीकी Laser Technology

रात्रि दृश्य तकनीकी Night Vision Technology

क्रूज प्रक्षेपास्त्र तकनीकी Cruise Missile Technology

हल्का युद्धक विमान Light Combat Aircraft

कम्प्यूटर युद्धाभ्यास Computer Wargaming

उपग्रह संचार तकनीकी Satellite communication technology

किरण पुंज तकनीकी Beam beam technical

कृत्रिम बुद्धि तकनीकी Artificial intelligence technology

परमाणु तकनीकी Nuclear technology

रासायनिक तकनीकी Chemical technology

जैविक हथियार तकनीकी Biological weapons technology

अंतरिक्ष तकनीकी Space technology

प्रक्षेपास्त्र रोधी प्रक्षेपास्त्र तकनीकी Anti-missile missile technology

गुप्त तकनीकी Stealth technology

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