जैव विविधता का स्वरूप | जैव विविधता का अक्षांशीय वितरण

 

जैव विविधता का स्वरूप
जैव विविधता का स्वरूप
जैव विविधता का अक्षांशीय वितरण
Latitudinal distribution of biodiversity

  • वर्तमान में 10 मिलियन से अधिक प्रजातियों की पहचान की जा चुकी है। जैव विविधता पृथ्वी पर समार रूप से वितरित नहीं है। यह उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में अधिक तथा ध्रुवों की ओर  जाने पर कम हो जाती है।
  • जैव विविधता किसी क्षेत्र विशेष की जलवायु, मृदा, तापमान, आर्द्रता, प्रकाश की उपब्धता वर्षा/स्थालकृति जैसे अनेक कारकों पर निर्भर होती है।
  • सर्वाधिक जैव विविधता 10 डिग्री उत्तर से 10 डिग्री दक्षिण अक्षांशों के मध्य स्थित उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में पायी जाती है, जहां पादप तथा जंतु विकास की अनुकूलतम दशाएं पाई जाती हैं। वर्ष भर उच्च तापमान की उपस्थिति तथा अत्याधिक वर्षा होने के कारण इसे अनुकूतम जैव विविधता क्षेत्र भी कहा जाता है।
  • उच्चतर अक्षांशो की तुलना में निम्नतर अक्षांशों में जैव विविधता सामान्यतः अधिक होती है। पर्वतीय क्षेत्रों में उच्चतर उन्नतांशों (चोटियों) की तुलना में निम्नर उन्नतांशों (घाटियों) में जैव विविधता सामान्यतः अधिक होती है।
  • कुछ अपवादों को छोड़ दें तो उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र, शीतोष्ण कटिबंध या धु्रवीय क्षेत्रों की तुलना में अधिक प्रजातियों के आश्रयस्थल हैं। इक्वाडोर के उष्णकटिबंधीय वनों में संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित शीतोष्ण क्षेत्र की तुलना में 10 गुना अधिक संवहनीय पौधों की प्रजातियां पाई जाती हैं, जबकि इन दोनों क्षेत्रों के क्षेत्रफल लगभग समान हैं।
  • दक्षिणी गोलार्द्ध की अपेक्षा उत्तरी गोलार्द्ध में अक्षांशीय वृद्धि के साथ जैव प्रचुरता में तेजी से गिरावट देखने को मिलती है। सर्वाधिक जैव विविधता भूमध्यरेखा पर नहीं बल्कि अयनवर्ती क्षेत्रों (कर्क एवं मकर रेखा के समीप) में पाया जाता है।

टुण्ड्रा एवं टैगा जलवायु प्रदेश मे कम जैवविधता के कारण 

  • टुण्ड्रा एवं टैगा जलवायु प्रदेश अत्याधिक ठंडे (निम्नतापी) क्षेत्र हैं, जहां जीवों के विकास हेतु प्रतिकूल जलवायविक परिस्थितयां पायी जाती हैं। यहां पर पौधों एवं जंतुओं का वृद्धिकाल अत्यंत कम होता है। ऐसी स्थिति में प्रजातियों द्वारा जीवित रहने, प्रजनन एवं वृद्धि करने हेतु संसाधनों को प्राप्त करना और लंबे समय तक जीवित रहना चुनौतीपूर्ण होता है। परिणाम स्वरूप, इस क्षेत्र  में जैव विविधता का निम्नतम स्तर देखने को मिलता है।
  • विश्व की कृषि प्रणाली को बनाए रखने के लिए आवश्यक आनुवशिक विविधता मुख्यतः उष्णकटिबंधों  और उपोष्णकटिबंधो में पायी जाती है। इन क्षेत्रों में अधिकांश महत्वपूर्ण औषधीय एवं खाद्य पादप पाये जाते हैं।

जैव विविधता : समग्र अध्यन सामग्री

No comments:

Post a Comment

Powered by Blogger.