MP ki Paryatan Niti |मध्य प्रदेश पर्यटन नीति| Madhya Pradesh Tourism Policy

मध्य प्रदेश पर्यटन नीति
Madhya Pradesh Tourism Policy

मध्य प्रदेश पर्यटन नीति MP Tourism Policy

  • मध्यप्रदेश में सर्वप्रथम 5 सितंबर 2012 को राज्य पर्यटन नीति घोषित की गई, जिसमें पर्यटन को उद्योग का दर्जा प्रदान किया गया।
  • राज्य पर्यटन नीति 2012 को वर्ष 2014 में संशोधित किया गया। जिसका उद्देश्य पर्यटन क्षेत्रों के विकास व सुदृढ़ीकरण के लिए निजी निवेश को प्रोत्साहित करना था।
  • मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 16 सितंबर 2016 को नवीन पर्यटन नीति और पर्यटन कैबिनेट का गठन किया गया।
  • मध्य प्रदेश में जल पर्यटन की गतिविधियों को संचालित और संवर्द्धित करन के उद्देश्य से 28 फरवरी 2017 को जल पर्यटन नीति लागू की गई है।

म.प्र. में पर्यटन संबधी नीतियाँ

  • प्रथम पर्यटन नीति 1995
  • इको एवं एडवेंचर पर्यटन नीति 2000
  • हेरीटेज पर्यटन नीति 2002
  • पर्यटन नीति 2010
  • पर्यटन नीति 2012
  • पर्यटन नीति 2014
  • पर्यटन नीति 2016
  • मार्ग सुविधा केन्द्र नीति 2017
  • जल पर्यटन नीति 2017

मध्य प्रदेश पर्यटन नीति 2016 (MP Tourism Policy 2016)

  • पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटन नीति 2016 तैयार कर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2016 के अवसर पर जारी की गई। इसमें 2018 में संशोधन किया गया।
  • यह पॉच वर्ष की अवधि के लिए है।
  • निजी क्षेत्र की भागीदारी से पर्यटन विकास का मुख्य फोकस।
  • प्रदेश के पर्यटन स्थलों को वायुसेवा से जोड़ा जाएगा।
  • नीति को भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय द्वारा सराहा गया।
  • मध्य प्रदेश देश का एक मात्र राज्य है जहां पर्यटन क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक पृथक मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड गठन किया गया है।
  • प्रदेश के विभिनन स्थानों पर पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना हेतु लैण्ड बैंक बनाया गया  है।
  • पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया।

म.प्र. जल पर्यटन नीति 2017

  • मध्यप्रदेश में जल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभाग ने 28 फरवरी 2017 को प्रदेश के जल क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियों हेतु निजी क्षेत्र को लायसेंस देने की नीति लागू की। 
  • प्रदेश में जल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन गतिविधियों  हेतु प्रदेश के लगभग 3000 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले बांधो एवं जलाश्यों को अधिसूचित किया गया है।

मार्ग सुविधा केन्द्र नीति 2017

  • मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसकी अपनी मार्ग सुविधा केन्द्र नीति है।
  • पर्यटकों को यात्रा के दौरान अच्छी गुणवत्ता पूर्ण यात्री सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से मार्ग सुविधा केन्द्र नीति मई 2016 में लागू की गई।
  • इस नीति के अंतर्गत निजी निवेश के माध्यम से योजना बनाकर पूरे प्रदेश में 300 से अधिक मार्ग सुविधा केन्द्रों को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।
  • ब्राउन फील्ड मॉडल- इसके तहत 52 नये मार्ग सुविधा केन्द्र तैयार किए गए हैं। जिसमें से निजी निवेश्कों को 31 का आवंटन किया गया है। इनमे से 17 मार्ग सुविधा केन्द्रों को संचालन प्रारंभ कर दिया गया है।
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