जैवविविधता परिचय एवं अवधारणा | Biodiversity introduction and concept


जैवविधता क्या है

जैवविविधता  परिचय एवं अवधारणा

जैवविविधता दो शब्दो के मेल से बना है "जैव" अर्थात जिसमें जीवन और "विविधता" अर्थात भिन्नता। जैव विविधता प्रकृति की जैविक संपदा और समृद्वि का सम्पूर्ण स्वरूप है जिसमे बड़े से बडे और छोटे से छोटे यहां तक की आंखो से न दिखने वाले जीवाणु सभी तरह के जीवए पेड़.पौधेए घास सब कुछ शामिल है।

जैवविविधता को तीन प्रमुख स्तरों में समझा जाता है 
  1. आनुवांशिक जैव विविधता
  2. प्रजातीय जैवविविधता और
  3. पारिस्थितिकीय तंत्रो  की जैव विविधता।

जैवविविधता से संबंधित स्मरणीय तथ्य
जैवविविधता शब्द की खोज . वाल्टर जी. रौसेन द्वारा 1985 में की गई।
ई.ओ. विल्सन को जैवविविधता का जनक कहा जाता है।
धरती पर पाई जाने वाली जैवविविधता 4.5 अरब सालों के विकास का परिणाम है।

जैवविविधता के स्तर

1- आनुवांशिक जैवविविधता
  • यह जीन या गुणसूत्रों  (जीन्स) की विविधता है जो प्रजाति (स्पीशीज) के भीतर अनुवांशिकता की सूक्ष्मतम मूल इकाई हैए और जो आगे की पीढ़ियों को दी जाती हैं। आनुवांशिक जैवविविधता किसी भी प्रजाति के भीतर पाई जाने वाली विविधता  को जन्म देती है।
  • भारत में चावल 50000 से अधिकए आम की 1000 से अधिक तथा बैंगन की 2500 किस्में पाई जाती हैं।
  • चावल एक प्रजाति है जिसकी विभिन्न किस्मे. चिन्नौर, कालीमूछ, विष्णुभागे, बासमती और जीराशंकर हैं।
  • आम एक प्रजाति है जिसकी विभिन्न किस्में . नीलम, लंगड़ा, तोतापरी आरै दशहरी की विभिन्न किस्में हैं
  • गिर, साहीवाल, मालवी, निमाड़ी जर्सी गाय की विभिन्न नस्लें है।

2- प्रजातीय जैव विविधता
प्रजाति एक जैसे प्राणियों का समूह होता है जो देखने, व्यवहार एवं रासायनिक अनुवांशिक ढांचे में एक दूसरे के समान होते हैं। इस प्रकार हर प्रजाति दूसरी प्रजाति से अलग होती है।

उदाहरणः
  • मानव (homo sapiens),लंगूर (Macaca fascicularis), , बकरी (Capra aegagrusअलग अलग प्रजाति के हैं।
  •  साल (Shorea robusta)  करंज (Millettia pinnata (L) Panigrahi) और नीम (Azadirachta indica)  भी अलग-अलग प्रजातियाँ हैं।


किसी क्षेत्र में जितनी ज्यादा प्रजातियों की भिन्नता होगी वह क्षेत्र जैवविविधता में उतना सम्पन्न होगा।

3-  पारिस्थितिकीय विविधता
  • पारिस्थितिकीय प्रणाली जीवों (पौधों, प्राणियों और सूक्ष्म जीव) का एक समूह होता है जो एक दूसरे पर और अपने पर्यावरण के जीवित और मृत तत्वों पर आश्रित होता है तथा उन पर प्रभाव भी डालता है (जैसे हवा, मिट्टी, पानी, खनिज आदि)।
  • मध्यप्रदेश में साल, सागौन,मिश्रित वनों, घास के मैदान, नदियो झीलों, कृषि क्षेत्रो की विविध पारिस्थितिकीय प्रणालियां है।
  • पारिस्थितकीय जैवविविधता पारिस्थितकीय सेवाओं के रूप में विभिन्न आवश्यकताओं  की पूर्ति करती है, जो मानव कल्याण के लिये आवश्यक है। विभिन्न पारिस्थितकीय सेवाओं वर्षा, स्वच्छवायु, मृदा संरक्षण, भूगर्भ जल, बाढ़ नियंत्रण तथा मिट्टी को बांध कर रखना शामिल है। परागण भी एक महत्वपूर्ण पारिस्थितीकीय सेवा है जिसके बिना फल, सब्जियॉं, कृषि फसलों का उत्पादन संभव नहीं है। कल्पना करें यदि मधुमक्खी न हो तो हमारा पंसदीदा फल आम भी प्राप्त नहीं होगा।

जैवविविधता के प्रकार Types of Biodiversity


  • वानस्पतिक जैवविविधता - सभी प्रकार के पेड़ पौधे, बेल, शाख, घास
  • प्राणी जैवविविधता- सभी प्रकार के जीव-जन्तु
  • कृषि जैवविविधता- सभी कृषि फसलें जैसे अनाज, तिलहन, दलहन
  • उघानिकी जैवविविधता- फूल, फल, मसाले
  • पालतू पशू जैवविविधता- पालतू पषु-गाय, भैंस, बकरी
  • जलीय जैवविविधता- जलीय पेड़ पौधे एवं जंतु जैसे - कछुआ, मछली, इत्यादि
  • सूक्ष्म जीव विविधता जीवाणु, विषाणु, प्रोटाजोआ, फफूंद


जैवविविधता का महत्व Importance of biodiversity

  • जल, जंगल, जमीन और वायु से हमारे जीवन की बुनियादी जरूरते पूरी होती हैं। इनके बिना मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
  • जैविक सम्पदा की सम्पन्नता उसकी विविधता मे है, अर्थात जितने अधिक किस्म की वनस्पतियॉं पेड़-पौधे, अनाज जीव-जन्तु, जल स्त्रोत आदि हमारी प्रकृति के खजाने में होंगे उतनी ही स्वस्थ होगी हमारी धरती और उस पर बसने वाले। जैवविविधता की सुरक्षा और बढ़ोत्तरी से ही सुखी जीवन संभव है।
  • जैवविविधता, कृषि एवं पषु पालन के ज़रिये खाद्य आपूर्ति और ऊर्जा की बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने में सहायक होती है। 
  • वन हमें इमारती लकड़ी और दूसरे वन उत्पाद जैसे आचार, महुआ, तेंदूपत्ता, लाख एवं औषधीय पौधे प्रदाय करते हैं। दवाइयों के निर्माणकागज के निर्माण, हर्बल सौंदर्य प्रसाधनो  के निर्माण के लिये कच्चा माल एवं कृषि फसलें विकसित करने के लिये जीनपूल भी प्रकृति से ही मिलता है।

जैव संसाधन (बायो रिसोर्स)

  • अलग अलग प्रकार की जैव विविधता से हमें अलग-अलग प्रकार के जैवसंसाधन मिलते हैं,जिनका व्यवसायिक उपयोग किया जाता है और विभिन्न प्रकार के उद्योगों जैसे औषधि, कास्मेटिक,आयुर्वेदिक उत्पाद इत्यादि बनाने में किया जाता है। उदाहरण के लिये नीम का पेड़ जैवविविधता है या जैव संसाधन, जिससे अलग-अलग जैवसंसाधन प्राप्त होते हैं जैसे-नीम की पत्ती,नीम की छाल, निबोली जिनका उपयोग विभिन्न उत्पाद बनाने में किया जाता है। एक अनुमान अनुसार दुनियॉं की 80 प्रतिषत दवाईयॉं जैव संसाधनों से बनाई जाती है।
Also Read

What is Ecology in hindi

What is Eco System

1 comment:

Powered by Blogger.