Origin Of life in Earth |जीवन की उत्पत्ति| Prithvi par Jivan ki utpattti


जीवन की उत्पत्ति| Prithvi par Jivan ki utpattti

जीवन की उत्पत्ति (Origin Of life)


निर्जीव से सजीव की उत्पत्ति की उत्पत्ति कैसे हुई ? 
  • महा विस्फोट सिद्धांत Big Bang Theory के अनुसार ब्रह्मांड की उत्पत्ति आज से 15 अरब वर्ष पूर्व महा  बिगबैंग  के फलस्वरूप हुई थी। महा विस्फोट की लगभग 10.5 अरब वर्ष पश्चात अर्थात आज से 4.6 अरब वर्ष पूर्व सौरमंडल का विकास हुआ । जिसमें ग्रहों तथा उपग्रह आदि का निर्माण हुआ इस प्रकार पृथ्वी की उत्पत्ति आज से लगभग 4.6 अरब वर्ष पूर्व एक ज्वलित गैसीय पिंड से हुआ था। 
  • लगभग 0.6 अरब वर्ष में उक्त गति पिंड के ऊपर भूपटल का निर्माण हुआ। भूपटल Earth Crust के निर्माण काल को अजीवी महाकल्प की संज्ञा प्रदान की गई। भूपटल की स्थापना से लेकर आज तक के पृथ्वी के इतिहास को जीवी महाकल्प Zoic era के रूप के रूप में अभिहित किया जाता है। जीवी महाकल्प के आर्किजोइक  महाकल्प में अर्थात आज से 3.8 अरब वर्ष पूर्व आदि सागर में जीवन की उत्पत्ति सबसे पहले हुई थी।

जीवन की उत्पत्ति (Origin Of life) के संबंध में  सिद्धांत

  • इस परिपेक्ष्य में सबसे आधुनिक विस्तृत और सर्वमान्य परिकल्पना रूसी जीव रसायन शास्त्री एआई ओपेरिन ने सन 1924 में भौतिकवाद या पदार्थवाद Materialistic Theory  के के नाम से अपनी पुस्तक The Origin Of Life ओरिजन आफ लाइफ  मैं प्रस्तुत की।
  • इस परिकल्पना के अनुसार जीवन की उत्पत्ति कार्बनिक पदार्थों से रसायनिक उद्विविकास Chemical Evaluation  के फलस्वरूप हुई है| सर्वप्रथम पृथ्वी का उद्भव अंतरिक्ष में एक ज्वलनशील एवं घूर्णनशील गैसीय पिंड  से हुआ। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि पृथ्वी के प्रारंभिक वातावरण में गैसीय  अवस्था में बहुत सारे तत्वों के अलावा उन सारे रसायनिक तत्वों के स्वतंत्र परमाणु थे,जो जीवद्रव्य का प्रमुख संघटक होता है. क्रमश: पृथ्वी ठंडी होती गई और इनके स्वतंत्र परमाणुओं ने  पारस्परिक प्रतिक्रिया के फलस्वरूप तत्वों के साथ-साथ सरल अकार्बनिक यौगिकों  का भी निर्माण किया।
  • आदि वायुमंडल वर्तमान उपचायक या ऑक्सीकारक Oxidising  वायुमंडल के विपरीत अपचायक Reducing  था।  क्योंकि इसमें हाइड्रोजन के परमाणु संख्या में में सबसे अधिक और सर्वाधिक क्रियाशील थे। हाइड्रोजन ने ऑक्सीजन के सारे परमाणु से मिलकर जल जल से से मिलकर जल बना लिया अतः ऑक्सीजन के स्वतंत्र परमाणु आदि वायुमंडल में नहीं थे वायुमंडल में नहीं थे। स्थलमंडल इस समय भी बहुत गर्म था। अतः सारा जल वाष्प के रूप में वायुमंडल में ही रहा। नाइट्रोजन के परमाणुओं ने अमोनिया NH3 भी बनाई। 
  • ताप के और कम होने पर अणुओं के पारस्परिक आकर्षण एवं प्रतिक्रिया के फलस्वरूप कार्बनिक यौगिकों organic compound का  निर्माण हुआ। जैसे एमिनों एसिड , वसीय अम्ल,प्यूरिन्स, मिथेन और शुगर आदि।
  • इन सभी रासायनिक प्रतिक्रियाओं के लिए ऊर्जा कास्मिक किरणों और अल्ट्रावॉयलेट किरणों से प्राप्त हुई। इन सब कार्बनिक यौगिकों के निर्माण के फलस्वरूप जीवन की उत्पत्ति की संभव हुई, क्योंकि जीवद्रव्य के निर्माण में इन्ही घटकों की आवश्यकता होती है।

स्टैनले मिलर  की ओपैरिन परिकल्पना

  • एक अमरीकी  वैज्ञानिक  स्टैनले मिलर  ने ओपैरिन की परिकल्पना की उर्जा की उपस्थिति में, मिथेन, हाइड्रोजन,जलवाष्प एवं अमोनिया के संयोजन से अमीनो अम्लों,शर्कराओं तथा अन्य कार्बनिक यौगिकों के निर्माण की संभावना को 1955 ईं. में सिद्ध कर दिखाया।
  •  उन्होंने एक विशेष वातावरण में अमोनिया, मिथेनहाइड्रोजन एवं जलवाष्प के गैसीय मिश्रण में विद्युत धारा  प्रवाहित की। इस प्रयोग के फलस्वरूप एक गहरा लाल रंग का तरल पदार्थ मिला और उसके विश्लेषण के फलस्वरूप यह निष्कर्ष निकला कि यह अमीनो अम्ल,सरल शर्कराओं, कार्बनिक अम्लों तथा अन्य कार्बनिक यौगिकों का मिश्रण था। 
  • ओपेरिन के अनुसार, तत्पश्चात कार्बनिक यौगिकों की इकाइयों ने पारस्परिक संयोजन के जटिल कार्बनिक यौगिकों के बहुलक बनाएं, इस प्रकार शर्कराओं के अणुओँ में माँण्ड, ग्लाइकोजन एवं सैलुलोज आदि पोलीसैकराइड्स तथा वसीय  अम्लों एवं ग्लिसराल के अणुओं से वसाओं का निर्माण हुआ।
  • इनमें प्रोटीन तथा न्यूक्लिक अम्लों की प्रतिक्रिया से  न्यूक्लिओं प्रोटींस बनी,जिसमें  स्वः द्विगुणन की क्षमता थी। न्यूक्लिओ प्रोटींस के कणों के बनने के बाद झिल्लीयुक्त कोशारूपी आदिजीव का निर्माण हुआ। वह आदिजीव आजकल के नीले -हरे शैवालों जैसी थी। इनके द्वारा प्रकाश संश्लेषण क्रिया से वायुमंडल में स्वतंत्र ऑक्सीजन मुक्त हुआ। ऑक्सीजन ने आदि वायुमंडल की मिथेन एवं अमोनिया को कार्बन डाइऑक्साइड नाइट्रोजन और जल में विघटित किया। अतः वायुमंडल का संयोजन  हो गया जो आज कल वायुमंडल में उपस्थित है। सभी ऑक्सीजन का उत्पादन प्रकाश संश्लेषण करने वाले जीव करते हैं और ऑक्सीजन  ने पूरे वातावरण को अपचायक से ऑक्सीकारक बना दिया। इस महत्वपूर्ण परिवर्तनों के कारण इसे ऑक्सीजन क्रांति oxygen revolution कहा जाता है ।
  • इस प्रकार जीवन का उद्भव जटिल रासायनिक प्रतिक्रिया के फल स्वरुप हुआ। हुआ। इसलिए यह परिकल्पना 'जीवन का रसायनिक संशलेषण  सिद्धांत' के रूप में भी जानी जाती है।

 Important fact on Origin Of life in Earth

  • हमारा ब्रह्मांड पदार्थ एवं ऊर्जा से मिलकर बना है।
  • सजीव पदार्थ के संयोजन में 27 तत्व भाग लेते हैं।
  • सजीव पदार्थ के संयोजन में सिर्फ चार तत्व ऑक्सीजन 65% कार्बन 18.5% हाइड्रोजन 9.5%  एवं नाइट्रोजन 3.3%की मात्रा में मिले होते हैं।
  • लघु तत्व कैल्शियम फास्फोरस सजीव पदार्थ के संयोजन में क्रमशः 1.5 एवं 1% का योगदान देते हैं।
  • सजीव पदार्थों में सोडियम पोटैशियम मैग्निशियम कैलशियम तथा क्लोरीन तत्व सदैव आयन के रूप में पाए के रूप के रूप में पाए जाते हैं।
  • आदि वायुमंडल अपचायक था अपचायक था।
  • सजीव पदार्थ कार्बनिक तथा अकार्बनिक नामक दो प्रकार के यौगिकों से बने होते हैं। इनमें कार्बनिक अर्थात प्रोटीन वसा और कार्बोहाइड्रेट का सजीव के निर्माण में औसतन 14% , 3% एवं 1% योगदान होता है।
  • सजीवों में अकार्बनिक यौगिकों जल और लवण एवं क्षार का निर्माण अंत में क्रमशः 80% और 1% योगदान होता है।
  • सजीव के कार्बनिक पदार्थों में प्रोटीन की मात्रा सर्वाधिक 14% होती है।
  • अरस्तु को विज्ञान जीव विज्ञान जंतु विज्ञान तीनों का जनक माना जाता है।

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