Pashan kal | पाषाण काल | Stone age in hindi

Stone age in hindi

पाषाण काल ( Stone age) 

  • पृथ्वी की उत्पत्ति यद्यपि 4 अरब वर्ष पुरानी मानी जाती है। लेकिन इस पर जीवों की उत्पति बहुत बाद में हुई और मनुष्य की उत्पति लगभग 20लाखवर्ष पूर्व हुई। इस युग को प्लाइस्टोसी‘ याअभिनूतन युग ‘ कहते हैं।
  • प्रारंभि समय में मानव अपने सभी प्रकार कें काम पत्थरों से करता थाइसलिए इसे पाषाण युग कहा जाता हैं।
  • पाषाण युग का समय 20 लाख ई़़ पू़ से लगभग 2000 ई. पू तक माना जाता है। तथा इसे तीन खडों में विभाजित किया गया है-
  • 1- पुरापाषाण काल (20 लाख ई.पू. -9000ई.पू.)
  • 2- मध्य पाषाण काल ( 9000ई. पू़ -4000ई.पू.)
  • 3 - नव पाषाण काल ( 4000ई.पू.  -2000ई.पू.)।
  • पुरापाषाण काल में मानव अपना भोजन शिकार या आखेट से प्राप्त करता था। इसीलिए इस युग को आखेट युग‘ भी कहा जाता है।
  • पुरापाषाण काल में ही मानव ने पत्थरों को रगड़कर आग जलाना सीख लिया था।
  • मध्य पाषाण काल में मानव ने खेती करना एवं पशुओं को पालना सीखा।
  • नवपाषाण काल में पहिए और घिर्री का आविष्कार हुआ।
  • नवपाषाण काल में मानव नें मिट्टी के बर्तन बननावस्त्र बनना एवं घर बनना प्रारंभ कर दिया था।
  • शवों को जलानेपूजा- उपासना एवं बलि प्रथा शुरूआत भी नवपाषाण काल में हुई।
  • 2000 ई.पू. से 800 ई.पू.  के बीच के समय को ‘ ताम्रपाषाण काल‘ या धातु युग‘ कहते हैं।
  • मानव ने सबसे पहले तांबे का प्रयोग किया था फिर उसने तांबा एवं टिन मिलाकर कांस्य बनना सीखा।

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