MPPSC mains Question with answer

प्रश्न -चट्टानो की परिभाषा दीजिए?

उत्तर -विभिन्न खनिजों के मिश्रण से निर्मित वह सभी पदार्थ, जिसमें भूपटल का निर्माण हुआ है। चट्ठान कहलाते हैं। यह कठोर, मुलायम बड़े अकार की रंगीन और रंगहीन सभी प्रकार की होती है। -
1- आग्नेय
2- अवसादी और
3- कायांतरित

प्रश्न - आग्नेय चट्ठान को मूल चट्ठान क्यों कहते हैं?

उत्तर - आग्नेय चट्ठानों का निर्माण ज्वालामुखी से निकले लावा जमने से हुआ है। अवसादी और कायांतरित चट्ठानों का निर्माण, आग्नेय से हुआ है। इसलिए इसे मूल चट्ठान या प्राथमिक चट्ठान कहते है।
विशेषताएं- इनका निर्माण ज्वालामुखी क्रियाओं से होता है। यह चट्ठान रवेदार या दानेदार होती है। इनमें परतें नहीं पाई जाती हैं तथा जीवाश्म का अभाव होता है। यह पूर्णतया सघन होती है, इनमें पानी प्रवेश नहीं कर सकता है। अतः यह रासायनिक अपक्षय से मुक्त होती है।

प्रश्न -रूपांतरित चट्ठान क्या है?

उत्तर -आग्नेय तथा अवसादी चट्ठानों पर अत्यधिक दाब और रासायनिक ताप के कारण उनका रूप परिपवर्तित चट्ठान कहा जाता है। उदा- चूना पत्थर रूपांतरित होकर संगमरमर बन जाता है।

प्रश्न -अवसादी चट्टान की विशेषताएं बताइये।

उत्तर -अवसादी शैल छोटे-बडे़ भिन्न कणों से मिलकर बनी होती है। यह परतदार चट्ठानें हैं, जिनमें जीवाश्म पाया जाता है। यह शैलें छिद्रयुक्त होती हैं, जिसमें पानी आसानी से प्रवेश कर जाता है। यह मुलायम होती है, इसलिए इनका अनरदान अधिक. होता है।

प्रश्न -खनिज पदार्थ क्या है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर -भू-पटल पर पाए जाने वाले विभिन्न तत्व जैसे, ऑक्सीजन, सिलिकॉन आदि के निश्चित रासायनिक संगठन द्वारा विभिन्न पदार्थ बनते हैं। इनमें एक विशिष्ट आण्विक संरचना पाई जाती है। तथा इसके भौतिक गुण निश्चित होते हैं। यह पदार्थ खनिज कहलाते हैं 

प्रश्न -चट्ठान और खनिज में अंतर बताइये?

उत्तर -1 चट्टान एक या अधिक खनिजों के समूह से बनती है। जबकि खनिज प्राकृतिक अवस्था में पाये जाने वाले अजैव तत्व या यौगिक हैं।
2 चट्टानों के भौतिक गुणों तथा रासायनिक गुणों में भिन्नता होती है। है, जबकि खनिजों में निश्चित रासायनिक तथा भौतिक तत्वों की उपस्थिति होती है तथा इनमें एक विशिष्ट आण्विक संरचना पाई जाती है।

प्रश्न -वलन से क्या तात्पर्य है?

 उत्तर -भू पटल की आंतरिक शक्ति से शैल स्तर में मोड़ पड़ने को वलन कहते है। इससे मोड़दार पर्वतों का निर्माण होता है। भू-पटल पर संपीडन बल के कारण पड़ने वाले मोड़ो को वलन कहते हैं।

प्रश्न - अपनति और अभिनति के क्या अंतर बताइये?

उत्तर -संनपीड बल के कारण भूपटल की चट्ठानों में शीर्ष तथा गर्त वाले मोड़ का निर्माण होता है।  इन शीर्ष को अपनति और गर्त को अभिनति कहते हैं

प्रश्न -भूसन्नति किसे कहते हैं?

उत्तर -भू-पटल के गहरे गर्तो को भूसन्नति कहते हैं, इनमें दीर्घकाल तक अवसाद जमा होने से वलित पर्वतों का निर्माण होता है।

प्रश्न -भ्रंशन क्या है?

उत्तर -भू-पटल पर तनाव मूलक बल से शैल स्तरों में दरार पड़ने को भ्रंशन कहते हैं। इसके द्वारा भ्रंश पर्वत ( ब्लॉक पर्वत ) तथा भ्रंश घाटी का निर्माण होता है।

प्रश्न -भ्रंश घाटी क्या है? 

उत्तर -भू-पटल पर तनाव के फलस्वरूप दो समानांतर दरारे पड़ जाती हैं और उनके बीच का बहुत बड़ा क्षेत्र नीचे धंस जाता है या मध्य भाग स्थिर रहें और अगल-बगल के भूखड़ ऊपर उठ जायें तो भ्रंश घाटी ( ग्राबेन ) का निर्माण होता है। नर्मदा नदी की घाटी भ्रंश घाटी का उदाहरण है।

प्रश्न -भ्रंश पर्वत (ब्लॉक पर्वत ) की विशेषताएं बताइये।

उत्तर - भ्रंश पर्वतों का निर्माण विशालकाय चट्ठानी खंड़ों के टूटकर ऊपर उठने या धंसने से होता है। इनका ऊपरी सिरा मेज की भांति चपटा होता है, किंतु किनारे एकदम सपाट ढाल वाले होते हैं। भारत में विंध्याचल और सतपुड़ा पर्वत इसके उदाहरण हैं।  

प्रश्न -वलित पर्वत की विशेषताएं बताइये।

उत्तर -वलित पर्वत हजारों किलोमीटर लंबे तथा सैकड़ों किलोमीटर चौड़े तथा शीर्ष ऊंचा होता है। इनकी आकृति पिरामिड के समान होती है।  इनकी चट्ठानोें में खनिज मिलते है, क्योंकि इनका निर्माण समुद्र तली में मोड़ पड़ने से होता है।

प्र्रश्न -भूमिगत जल क्या है?

उत्तर -वर्षा जल का वह अंश, जो भूमि द्वारा सोख लिया जाता है वह भूमिगत जल कहलाता है।

प्रश्न -पातालतोड़ कुआं किसे कहते हैं?

उत्तर -एक विशिष्ट प्रकार का ऐसा कुआं होता है, जिसमें भूमिगत जल आंतरिक दबाव के कारण स्वतः ही धरातल पर निकलने लगता है। इस प्रकार का कुआं सर्वप्रथम फ्रांस के अर्टवायस प्रदेश में खोदा गया था इसलिए इन्हें आर्टशियन वेल भी कहा जाता है।

प्रश्न -डेल्टा किसे कहते हैं?

उत्तर -डेल्टा वह समतल त्रिभुजाकार समतल क्षेत्र है, जिसका निर्माण नदी के मुहाने पर उसके द्वारा लायी गयी मिट्ठी से होता है। नदी के अंतिम भाग में भूमि के मंद ढाल और धारा की मंद गति के कारण नदी जल में मिली हुई मिट्ठी अवसाद के रूप में जमा होने लगती है, जिसमें यह मैदान समुद्री जल से ऊपर हो जाता है। नदी का जल इतना शिथिल हो जाता है कि छोटी सी बाधा आने पर वह अपना मार्ग बदलकर कई धाराओं में बंट जाता है। गंगा-ब्रह्मपुत्र नदी का डेल्टा विश्रच का सबसे है।

प्रश्न -एश्चुरी या ज्वारनदमुख क्या है?

उत्तर -जिन नदीयों का मुहाना नीचे धंसा रहता है, वहां समुद्री धाराओं और ज्वार-भाटा के कारण मुहाने पर अवसादों का जमाव नहीं हो पाता, जिसमें नदी डेल्टा नहीं  बना पाती है। उसका मुहाना खुला रहता है, जिसे एश्चुरी या ज्वारनदमुख कहतें हैं। नर्मदा व ताप्ती नदियां ज्वारनदमुख का निर्माण करती हैं।

प्रश्न -ज्यूगेन क्या हैं?

उत्तर -जिन मरूस्थली प्रदेशों कठोर चट्ठानों की परत कोमल चट्ठानों के ऊपर क्षैतिज रूप बिछी हुई पायी जाती हैं वहां ज्यूगेन नामक भू- आकार प्रकट होता है। कठोर चट्ठानों का अपरदन कम होता है, जबकि नीचे की कोमल चट्ठान अधिक तीव्रता से अपरदित होती है, जिसमें चट्ठानों के बीच-बीच में घाटियां बन जाती हैं। सहारा मरूस्थल में ऐसी टोपीदार आकृतियों को ज्यूगेन कहा जाता है।

प्रश्न -बरखान क्या है?

उत्तर -अर्द्धचंद्राकार टीले हैं, जिसमें पवनमुखी ढाल, उत्तम तथा पवनभिमुखी ढाल अवतल होता है। यह पवन
द्वारा निर्मित बाली की आकृति है, जो दूज के चांद के समान दिखाई देती है।

प्रश्न - लोयस क्या है?

उत्तर -मरूस्थलों से बड़ी मात्रा में धूल प्रतिवर्ष वायु द्वारा उठाकर ले जाती है। संसार के विभिन्न भागों में धूल के विस्तृत निक्षेप पाये जाते हैं। मरूस्थलीय क्षेत्रों के बाहर वायु द्वारा अपवाहित इस अति सूक्ष्म कणीय धूल मैदान को लोयस कहते हैं।

प्रश्न -स्टैलेक्टाइट व स्टैलेग्माइट स्पष्ट कीजिए।

उत्तर -चूना प्रदेशों में भूमिगत जल, जब नीचे टपकता है, तो चूने का कुछ भाग कंदरा की छत पर चिपका रहता है,जबकि जल भाप बनकर उड़ जाता है। चूना धीरे-धीरे छत में चिपकता जाता है। निरंतर इस प्रक्रिया से छत से लटककर एक स्तंभ का निर्माण कर लेता है। इसे स्टैलेक्टाइट कहते हैं। इसका निचला भाग नुकीला होता है। चूना प्रदेशों में जब कंदरा की छत से चूना मिश्रित जल नीचे टपकता है, तो जल भाप बनकर उड़ जाता है। जबकि चूना धरातल पर जमता जाता है, जिसमें  शंक्वाकार स्तंभ का निर्माण होता है। इसे स्टैलेग्माइट कहतें हैं। यह आकार में छोटे किंतु मोटे होते हैं।

प्रश्न -यू आकार की घाटी  किसे कहते है?

उत्तर-हिमानी जब किसी घाटी से होकर बहती है, तो वह घाटी को अत्यधिक चौड़ा व गहरा करती है। घाटी का तल व किनारे इस प्रकार घिसते रहने से घाटी धीरे-धीरे अधिक चौड़ी व कम गहरी होती जाती है। इस प्रकार हिमनदी द्वारा यू आकार की घाटी का निर्माण किया जाता है। इसकी  तलहटी समतल, जबकि किनारों का ढाल अत्यधिक तीव्र होता है।

प्रश्न - अलनीनो क्या है?

उत्तर- अलनीनो, प्रशांत महासागर में पेरू तथा इक्वाडोर के तट से उत्पन्न होने वाली गर्म जल धारा है, जो उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर प्रवाहित होती है। यह गर्म जलधारा दक्षिण पूर्व प्रशांत महासागरीय क्षेत्र के तापमान को बढ़ा देती है, जिसमे भारतीय उपमहाद्वीप में निम्नदाब की ओर प्रवाहित होने वाली मानसूनी पवनों की दिशा परिवर्तित होकर दक्षिण पूर्वी एशियाई द्वीप समूहों तथा दक्षिणी प्रशांत महासागर की ओर हो जाती है। इसमें भारतीय उपमहाद्वीप में सूखे और अल्प वर्षा की स्थितियाँ उत्पन्न हो जाती है।

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