MP Me Nagriya Nikay म.प्र. में नगरीय निकाय { MADHYAPRADESH MUNICIPAL CORPORATION }

म.प्र. में नगरीय निकाय

म.प्र. में नगरीय निकाय MP ME NAGRIYA NIKYA

  • राज्य की स्थापना 1 नवम्बर 1956 के बाद नगरपालिका अधिनियम 1956 लागू हुआ।
  • बाद में म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 पारित हुआ।
  • 30 दिसम्बर 1993 को विधानसभा में म.प्र. नगरपालिका विधेयक पारित हुआ।
  • म.प्र. में प्रथम नगरपालिका का गठन 1864 में जबलपुर में हुआ था।
  • 1992 में 74 वॉं संविधान संशोधन अधिनियम बना जो 16 जनवरी 1993 से लागू हुआ।
  • म.प्र. में 74 वॉं संविधान के क्रियान्वयन हेतु म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1994 पारित किया गया। 
  • इसके तहत त्रि-स्तरीय नगरीय निकायों की व्यवस्था की गई है।
  • म.प्र. इस अधिनियम का अनुपालन करने वाला देश का प्रथम राज्य है।
  • म.प्र में स्थानीय संस्थाओं में महिला प्रतिनिधित्व 50 प्रतिशत है।

नगर निगम MP me Nagar Nigam 

  • शहरी ग्रामीण संबंध समिति ने सिफारिश की थी कि ऐसे क्षेत्र में नगर निगम स्थापित किए जाएँ जहॉं जनसंख्या 5 लाख व आय एक करोड रूपये वार्षिक हो।
  • नगर निगम में सदस्यों पार्षद की संख्या 40 से 85 तक होती है।
  • महापौर एवं पार्षदों का चुनाव प्रत्यक्ष रीति से होता है।
  • नगर निगमों की संख्या म.प्र- में 16 है।
  • महापौर नगर का प्रथम नागरिक होता है।
  • नगर निगम का कार्यकाल 5 वर्ष होता हैं
  •  राईट टू रीकॉल के माध्यम से वापस भी बुलाया जा सकता है। कम से कम दो वर्ष बीत गये हो एवं अन्तिम छः माह पूर्व होना चाहिए।
  • मुख्य प्रशासनिक अधिकारी निगम आयुक्त होता है तथा राजनैतिक प्रमुख महापौर होता है।
  • मेयर इन कौसिल नगर निगम की मुख्य समिति है।
  • इस समिति का महापौर पदेन अध्यक्ष होता है।
  • नगर निगम परिषद में लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा, के पदेन सदस्य होते है। 6 विशेषज्ञ सदस्य राज्यपाल द्वारा नियुक्त होते हैं।
  • महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है।

नगर पालिका MP Me Nagar palika

  • वर्तमान में म.प्र. में 100 नगरपालिका है।
  • नगरपालिका में सदस्यों की संख्या 15 से 40 होती है।
  • 20 हजार से अधिक व एक लाख से कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों में गठित की जाती है।
  • नगर पालिका का प्रशासनिक प्रमुख मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सी.एम.ओ.) एवं राजनैतिक प्रमुख नगरपालिका अध्यक्ष होता है।
  • अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष रीति एवं उपाध्यक्ष का अप्रत्यक्ष रीति से किया जाता है।
  • महिलाओं को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व दिया गया है।
  • राईट टू रीकॉल की व्यवस्था भी है। जो दो वर्ष बाद एवं छः माह कार्यकाल के पहले होता है।
  • कार्यकाल 5 वर्ष होता है।
  • मनोनीत सदस्यों की संख्या 4 होती है।
  • नगर पालिका की सीमिति को प्रेसीडेन्ट इन कौसिल कहा जाता है।
  • समिति का अध्यक्ष नगर पालिका अध्यक्ष पदेन अध्यक्ष होता है।
  • समिति में 8 सदस्य होते हैं।

नगर पंचायत MP me Nagar Panchyat

  • नगर पंचायते संक्रमणशील क्षेत्रों में गठित की जाती है।
  • नगर पंचायत में 5 हजार से अधिक एवं 20 हजार से कम जनसंख्या होती है।
  • वर्तमान में नगर पंचायतों की संख्या 263 है।
  • नगर पंचायत में सदस्यों की संख्या 15 से 40 होती है।
  • नगर पंचायत का कार्यकाल 5 वर्ष होता है।
  • राईट टू रीकॉल के माध्यम से वापस बुलाया जा सकता है जो दो वर्ष पश्चात एवं छः माह कार्यकाल के पहले अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है।
  • नगर पंचायत का प्रशासनिक प्रमुख मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सी.एम.ओ.) होता है एवं राजनैतिक प्रमुख अध्यक्ष होता है।
  • अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष रीति से एवं उपाध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष रीति से होता है।
  • नगर पंचायत की समिति को प्रेसिडेन्ट इन कौसिल कहा जाता है।
  • समिति का अध्यक्ष नगर पंचायत अध्यक्ष पदेन अध्यक्ष होता है।
  • अध्यक्ष सहित कुल छः सदस्य होते हैं।
  • 2 विशेषज्ञ सदस्य राज्यपाल द्वारा मनोनीत तथा बाकी सांसद विधायक आदि होते हैं। 
म.प्र. के नगर निगम 16

1.     इंदौर
2.     रीवा
3.     देवास
4.     भोपाल
5.     उज्जैन
6.     सिंगरौली
7.     जबलपुर
8.     कटनी
9.     खण्डवा
10. ग्वालियर
11. बुरहानपुर
12. सतना
13. सागर
14. रतलाम
15. मुरेना
16. छिन्दवाडा 
नगर पालिका निगम छिन्दवाड़ा और मुरैना 2014 में नगर  निगम के रूप में अस्तित्व में आए हैं।


Also Read..



No comments:

Post a Comment

Powered by Blogger.