ग्लाइकोलाइसिस क्या होता है इसके विभिन्न पद (चरण) | Glycolysis Steps and Explanation in Hindi

ग्लाइकोलाइसिस क्या होता है इसके विभिन्न पद (चरण)  

ग्लाइकोलाइसिस क्या होता है इसके विभिन्न पद (चरण) | Glycolysis Steps and Explanation  in Hindi


 

ग्लाइकोलाइसिस क्या होता है इसके विभिन्न पद (चरण)

ग्लाइकोलाइसिस में ग्लूकोज के एक अणु के विघटन के फलस्वरूप पाइरुविक अम्ल के से अणुओं का निर्माण होता है। इसके अन्तर्गत होने वाली क्रियाएँ निम्न प्रकार सम्पन्न होती हैं-

 

ग्लाइकोलाइसिस क्या होता है इसके विभिन्न पद (चरण) | Glycolysis Steps and Explanation  in Hindi


(1) प्रथम फॉस्फोरिलीकरण- 

  • इस क्रिया में ग्लूकोज शर्करा ATP से क्रिया करके ग्लूकोज 6-फॉस्फेट  बनाती है। 
  • यह क्रिया हेक्सोकाइनेज एन्जाइम द्वारा उत्प्रेरित होती है और Mg एक सहकारक की तरह काम करता है।

 

(2) समावयवीकरण- 

  • ग्लूकोल 6-फॉस्फेट का फॉस्फो हेक्सोआइसोमरेज एन्जाइम द्वारा फ्रक्टोज 6- फॉस्फेट में समावयवीकरण हो जाता है।

 

(3) द्वितीय फॉस्फोरिलीकरण- 

  • फ्रक्टोज 6-फॉस्फेट का फॉस्फोफ्रक्टोकाइनेज एन्जाइम तथा Mg की उपस्थिति में ATP द्वारा फॉस्फोरिलीकरण होता है जिसके परिणामस्वरूप प्रक्टोज 1, 6-डाफॉस्फेट बनता है।

 

(4) फॉस्फोग्लिसरैल्डिहाइड का निर्माण- 

  • द्वितीय फॉस्फोरिलीकरण की क्रिया द्वारा बने फ्रक्टोज 1, 6-डाइफॉस्फेट का ऐल्डोलेज एन्जाइम की उपस्थिति में विखण्डन 3. फॉस्फोग्लिसरैल्डिहाइड तथा डाइहाइड्रॉक्सी ऐसीटोन फॉस्फेट में होता है। ये दोनों यौगिक ट्रायोज फॉस्फेट आइसोमरेज द्वारा एक-दूसरे में परिवर्तित होते रहते हैं, लेकिन इन दोनों में केवल 3-फॉस्फोग्लिसरैल्डिहाइड का ही ऑक्सीकरण होता है। जैसे-जैसे यह ऑक्सीकृत होता जाता है वैसे-वैसे डाइहाइड्रॉक्सी ऐसीटोन पुनः बनता जाता है। इस तरह ग्लूकोज के एक अणु द्वारा 3 फॉस्फोग्लिसरैल्डिहाइड के दो अणुओं का निर्माण होता है।

 

5) 1, 3-डाइफॉस्फोग्लिसरैल्डिहाइड का निर्माण - 

  • 3-फॉस्फोग्लिसरैल्डिहाइड के दोनों अणु, फॉस्फोरिक अम्ल के दो अणुओं से क्रिया करके 1, 3-डाइफॉस्फोग्लिसरैल्डिहाइड के दो अणु बनाता है।

 

(6) 1, 3-डाइफॉस्फोग्लिसरिक अम्ल का निर्माण- 

  • डाइफॉस्फोग्लिसरैल्डिहाइड के दोनों अणु फॉस्फोग्लिसरैल्डिहाइड डीहाइड्रोजिनेज एन्जाइम द्वारा 1, 3-डाइफॉस्फोग्लिसरिक अम्ल में ऑक्सीकृत हो जाते हैं। यह क्रिया निकोटिनामाइड ऐडीनीन डाइन्यूक्लियोटाइड (NAD) नामक हाइड्रोजन ग्राही द्वारा सम्पन्न होती है।

 

(7) 3-फॉस्फोग्लिसरिक अम्ल का निर्माण- 

  • अब 1, 3-डाइफॉस्फोग्लिसरिक अम्ल के दोनों अणुओं से एक-एक फॉस्फेट निकलकर ADP से संयोजित हो जाते हैं तथा ATP का निर्माण करते हैं। प्रत्येक 1, 3-डाइफॉस्फोग्लिसरिक अम्ल से एक फॉस्फेट निकलने से यह 3-फॉस्फोग्लिसरिक अम्ल में बदल जाता है। इस क्रिया में फॉस्फोग्लिसरिक काइनेज एन्जाइम एक उत्प्रेरक का कार्य करता है।

 

(8) 2-फॉस्फोग्लिसरिक अम्ल का बनना- 

  • अब 3-फॉस्फोग्लिसरिक अम्ल, फॉस्फोग्लिसरोम्यूटेज एन्जाइम द्वारा उत्प्रेरित होकर अपने आइसोमर 2-फॉस्फोग्लिसरिक अम्ल में बदल जाता है।

 

(9) फॉस्फोइनॉल पाइरुविक अम्ल का बनना- 

  • 2-फॉस्फोग्लिसरिक अम्ल के दोनों अणुओं से जल के दो अणु बाहर निकलकर फॉस्फोइनॉल पाइरुविक अम्ल बनता है। इस क्रिया को इनोलेज एन्जाइम उत्प्रेरित करता है।

 

(10) पाइरुविक अम्ल का बनना- 

  • यह ग्लाइकोलाइसिस का अन्तिम चरण है। इसके अन्तर्गत उपर्युक्त क्रिया में बने फॉस्फोइनोल पाइरुविक अम्ल से एक फॉस्फेट समूह निकलकर पाइरुविक अम्ल का निर्माण करता है। यह क्रिया पाइरुविक काइनेज द्वारा उत्प्रेरित होती है।

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