कोशिकावमन सक्रिय अभिगमन महत्व |Exocytosis Details in Hindi

 कोशिकावमन सक्रिय अभिगमन  महत्व

कोशिकावमन सक्रिय अभिगमन  महत्व  |Exocytosis Details in Hindi



कोशिकावमन (Exocytosis) - 

उस विधि को कोशिकावमन कहते हैं जिसके द्वारा कोशिका के अंदर के वस्तुओं को बाहर निकाला जाता है। इस विधि से उत्सर्जी एवं प्रावी पदार्थ को कोशिका से बाहर निकाला जाता है। बाहर निकाले जाने से पहले इन पदार्थ के कर्णों के चारों ओर कोशिकाद्रव्य में एक आवरण बन जाता है फलस्वरूप यह एक का रूप ले लेता है। यह आशय प्लाज्मा झिल्ली से आकर चिपक जाता है। इनके स्पर्श स्थान पर प्लाज्मा झिल्ली में एक छिद्र बन जाता है। इससे होकर पदार्थ कोशिका से बाहर निकल आता है। इस क्रिया में ATP की ऊर्जा व्यय होती हैअतः यह एक सक्रिय क्रिया है।

 

सक्रिय अभिगमन (Active transport) – 

आपने ऊपर पढ़ा कि कोशिका के अन्दर एवं बाहर पदार्थ का अभिगमन विसरण द्वारा अधिक सान्द्रता से कम सान्द्रता की दिशा में होता है। परन्तु कोशिकाओं में विभिन्न प्रकार अणुओं का प्रवाह अथवा अभिगमन कम सान्द्रता से अधिक सान्द्रता की ओर होना सामान्य है। इस क्रिया में ऊर्जा को आवश्यकता होती है। इस क्रिया को सक्रिय अभिगमन कहते हैं। यह ऊर्जा ATP के विखण्डन से प्राप्त होती है। इसमें अणुओं का विसरण अपेक्षाकृत तीव्र गति से होता है सान्द्रता के अलावा यह क्रिया तापक्रमविषैले पदार्थ एवं ऑक्सीजन की उपस्थिति तथा अनुपस्थिति से भी नियंत्रित होता है। सक्रिय अभिगमन क्रिया प्लाज्मा झिल्ली में पाये जाने वाले कुछ विशेष अणुओं के कारण होती है। ये अणु वाहक (Carrier) कहलाते हैं। सामान्यतया प्रोटीन अथवा एन्जाइम वाहक की तरह कार्य करते हैं। ATPase एवं परमीएज (Permease) प्लाज्मा झिल्ली में पाये जाने वाले प्रमुख वाहक एन्जाइम हैं। वाहक के बाहरी सतह पर सक्रिय स्थल (Active site) पाये जाते हैं।

 

वाहक के अणु कोशिका के बाहर पाये जाने वाले अणु से जुड़कर यौगिक-वाहक अभिगमन कॉम्प्लेक्स (Compound-car- rier transportant complex) का निर्माण करते हैं । यह कॉम्प्लेक्स अभिगमन करने वाले पदार्थ को प्लाज्मा झिल्ली के आन्तरिक लिपिड सतह तक लाकर अन्त में कोशिकाद्रव्य में छोड़ देता है। इस क्रिया में पदार्थ के अणु में कोई संरचनात्मक परिवर्तन नहीं होता है। वाहक स्वयं प्लाज्मा झिल्ली में ही रह जाता हैं एवं अभिगमन करने वाले दूसरे पदार्थ के अणु को ढोने के लिये तैयार होता है। सोडियम आयन (Na) का अभिगमन सक्रिय अभिगमन का एक उदाहरण है। एक अस्थायी कॉम्प्लेक्स के रूप में यह झिल्ली द्वारा ग्रहण कर लिया जाता है। मिचेल (Mitchell, 1961) के अनुसार रक्त कोशिकाओं में Nah एवं Kh आयन्स के अभिगमन के लिए ATP की आवश्यकता होती है।

 

सक्रिय अभिगमन का महत्व (Importance of active transport) 

1. यह कोशिका के अन्दर एवं बाहर विभिन्न पदार्थ एवं आयत का संतुलन बनाये रखता है। 

2. इसके द्वारा आवश्यक पदार्थ का अभिगमन तेजी से संभव हो पाता है। 

3. अभिगमन के कारण झिल्ली विभव (Membrane potential) नियमित बना रहता है।

4. इसके फलस्वरूप झिल्ली का आन्तरिक स्तर हमेशा विद्युत्ऋऋणी (Electronegative) बना रहता है। 

5. हानिकारक पदार्थ कोशिका से बाहर निकल आते हैं।

 

परासरण एवं विसरण निष्क्रिय अभिगमन (Passive transport) कहलाते हैं, क्योंकि इस क्रिया में ऊर्जा खर्च नहीं होता है। दूसरी ओर परिग्रहण एवं कोशिकावमन की क्रिया में थोड़ी मात्रा में ऊर्जा खर्च होती हैं। अतः ये सक्रिय अभिगमन के अंतर्गत आते हैं।

 

सक्रिय अभिगमन व निष्क्रिय अभिगमन में अन्तर  

सक्रिय अभिगमन (Active transport) 

1. यह तेज गति से होने वाली प्रक्रिया है।

2. यह केवल एक दिशा में होती है।

3. इसके लिए किसी वाहक प्रोटीन (Carrier protein) की आवश्यकता होती है। 

4. इसके लिए ATP ऊर्जा का उपयोग होता है। 

5. इसके द्वारा कोशिका में पदार्थों का संचय होता है।

 

निष्क्रिय अभिगमन (Passive transport) 

1. यह एक मंद प्रक्रिया है। 

2. यह दोनों दिशाओं में होती है। 

3. इसके लिए किसी वाहक प्रोटीन की आवश्यकता नहीं होती है। 

4. इसमें ऊर्जा का प्रयोग नहीं होता है। 

5. इसके द्वारा कोशिका में पदार्थों का संचय नहीं होता है।

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