केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस : इतिहास उद्देश्य महत्व | Central Board of Indirect Taxes and Customs-CBIC Day

 केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस : इतिहास उद्देश्य महत्व

केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस : इतिहास उद्देश्य महत्व | Central Board of Indirect Taxes and Customs-CBIC Day

 


केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस : इतिहास उद्देश्य महत्व


प्रतिवर्ष 24 फरवरी को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड (Central Board of Indirect Taxes and Customs-CBIC) द्वारा देश भर में केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस (Central Excise Day) मनाया जाता है। इस दिवस को देश के प्रति केंद्रीय उत्पाद व सीमा शुल्क बोर्ड की सेवा में योगदान देने के लिये मनाया जाता है। इस दिवस के माध्यम से केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड के अफसरों के प्रति उनकी सेवाओं के लिये सम्मान व्यक्त किया जाता है। इसके द्वारा अफसरों को इमानदारी व निष्ठा से सेवा का निर्वहन करने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है।


केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड वित्त मंत्रालय के अधीन राजस्व विभाग का एक अंग है। जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। यह बोर्ड सीमा शुल्ककेंद्रीय उत्पाद शुल्ककेंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर और IGST (Integrated Goods and Service Tax) संग्रह का कार्य करता है। सीमा शुल्ककेंद्रीय उत्पाद शुल्ककेंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर और IGST तथा नारकोटिक्स से जुड़े तस्करी तथा प्रशासन संबंधी मुद्दे CBIC के विस्तार क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। पूर्व में इसका नाम केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड था।


प्रत्यक्ष कर क्या होता है ?

प्रत्यक्ष कर एक ऐसा कर है जो एक व्यक्ति या संगठन द्वारा प्रत्यक्ष तौर पर उस संस्था को दिया जाता है जिसने इसे अधिरोपित किया है।

उदाहरण के लिये एक व्यक्तिगत करदाता, आयकर, वास्तविक संपत्ति कर, व्यक्तिगत संपत्ति कर सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिये सरकार को प्रत्यक्ष कर का भुगतान करता है।


निगम कर

निगम कर उस शुद्ध आय या लाभ पर लगाया जाने वाला प्रत्यक्ष कर है जो उद्यमी अपने व्यवसायों से कमाते हैं।

कंपनी अधिनियम 1956 के तहत भारत में सार्वजनिक और निजी तौर पर पंजीकृत दोनों प्रकार की कंपनियाँ, निगम कर का भुगतान करने के लिये उत्तरदायी हैं।

यह कर आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अनुसार एक विशिष्ट दर पर लगाया जाता है।

सितंबर 2019 में भारत ने मौजूदा कंपनियों के लिये निगम कर की दरों को 30% से घटाकर 22% और नई निर्माण कंपनियों के लिये 25% से 15% कर दिया था।

सरचार्ज और सेस को मिलाकर मौजूदा कंपनियों के लिये प्रभावी टैक्स दर अब 35% से कम होकर 25.17% हो गई है।


सिक्योरिटी लेनदेन कर (STT)

यह भारत में मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध प्रतिभूतियों की खरीद और बिक्री पर लगाया जाने वाला प्रत्यक्ष कर है।

खरीदार और विक्रेता दोनों को सिक्योरिटी लेनदेन (STT) कर के रूप में शेयर मूल्य के 0.1% भुगतान करना होता है।


अग्रिम कर संग्रह

अग्रिम कर का भुगतान उन लोगों द्वारा किया जाता है जिन पर एक वित्तीय वर्ष में 10,000 रुपए या उससे अधिक की कर देनदारी होती है। इसका भुगतान वेतनभोगी कर्मचारियों और व्यवसायों दोनों द्वारा किया जाता है, इस प्रकार इसमें कॉर्पोरेट कर और व्यक्तिगत आयकर से संग्रह राशि दोनों ही शामिल हैं।

अग्रिम कर का भुगतान तब किया जाता है जब धन वित्तीय वर्ष के अंत के बजाय चार किश्तों में अर्जित किया जाता है।

इसे बाज़ार में आर्थिक रुख का संकेतक माना जाता है।

पहली किस्त या वार्षिक कर का 15% 15 जून तक, दूसरी किस्त 15 सितंबर (30%), तीसरी किस्त 15 दिसंबर (30%) तक और शेष 15 मार्च तक चुकानी होती है।


लाभांश वितरण कर 

लाभांश एक कंपनी के शेयरधारकों को मुनाफे के वितरण को संदर्भित करता है।

इस प्रकार लाभांश वितरण कर भी एक प्रकार का कर है जो कंपनियों द्वारा अपने शेयरधारकों को दिये गए लाभांश पर देय होता है।

वित्तीय वर्ष 2020-2021 के केंद्रीय बजट में लाभांश भुगतानकर्त्ता द्वारा भुगतान किये गए कर से लाभांश वितरण करको वापस ले लिया गया था। इसके बजाय अप्रैल 2021 से लाभांश प्राप्तकर्त्ताओं यानी वितरण कंपनी के शेयरधारकों पर कर लगाया जाएगा।

प्रस्तावित दर भारत में निवासी शेयरधारकों को भुगतान किये गए लाभांश के लिये 10% और विदेशी निवेशकों को भुगतान किये जाने पर 20% है।


TDS/TCS 

स्रोत पर कर कटौती (TDS): 

एक व्यक्ति (कटौतीकर्त्ता) जो किसी अन्य व्यक्ति को निर्दिष्ट प्रकृति का भुगतान करने के लिये उत्तरदायी है, स्रोत पर कर की कटौती करता है और इसे केंद्र सरकार के खाते में भेजता है।


स्रोत पर कर संग्रह: 

यह एक अतिरिक्त राशि है जो बिक्री के समय खरीदार से निर्दिष्ट माल के विक्रेता द्वारा बिक्री राशि के अतिरिक्त कर के रूप में एकत्र की जाती है और सरकारी खाते में भेजी जाती है।

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