शून्य भेदभाव दिवस 2024 : इतिहास उद्देश्य महत्व | Zero discrimination day in Hindi

शून्य भेदभाव दिवस 2024 : इतिहास उद्देश्य महत्व

शून्य भेदभाव दिवस 2024 : इतिहास उद्देश्य महत्व | Zero discrimination day in Hindi



शून्य भेदभाव दिवस 2024 : इतिहास उद्देश्य महत्व

  • कानून के समक्ष और आम लोगों के व्यवहार में समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष विश्व स्तर पर 01 मार्च को शून्य भेदभाव दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस आयआयुलिंगस्वास्थ्य स्थितिरंगनस्लव्यवसाययौन अभिविन्यासधर्म और जातीयता आदि आधारों पर किसी भी प्रकार के भेदभाव को जल्द-से-जल्द खत्म करने के लिये तत्काल कार्यवाही की आवश्यकता पर ज़ोर देता है। 
  • शून्य भेदभाव दिवस की शुरुआत वर्ष 2013 में विश्व एड्स दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र एड्स कार्यक्रम (UNAIDS) द्वारा की गई थी और इसे पहली बार 01 मार्च, 2014 को मनाया गया था। 
  • UNAIDS के अनुसारकोरोना वायरस महामारी के साथ विश्व की कुल आबादी के 70 प्रतिशत से अधिक हिस्से को किसी-न-किसी रूप में असमानता और भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। शून्य भेदभाव दिवस का लक्ष्य बेहतर  राजनीतिकआर्थिक और सामाजिक नीतियों के माध्यम से लोगों के अधिकारों की रक्षा कर उनके सम्मान को बनाए रखना है।

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