नौकरशाही का अर्थ परिभाषायें विशेषतायें आलोचनायें |Bureaucracy Meaning Definition Features in Hindi

नौकरशाही का अर्थ परिभाषायें विशेषतायें आलोचनायें

नौकरशाही का अर्थ परिभाषायें विशेषतायें आलोचनायें


नौकरशाही का अर्थ एवं इतिहास (Bureaucracy History in Hindi) 

18 वी सदी के अंतिम दशक से ही प्रशासन के नौकरशाही रूप ( Bureaucracy) की नीव पड़ चुकी थी । मोर्सटीन मार्क्स के अनुसार अंग्रेजी शब्द "ब्यूरोक्रेसी (Bureaucracy) " फ्रांसिसी शब्द "ब्यूरोक्रेटी (Bureaucratie ) " से आया है। इस फ्रांसिसी शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग फ्रांस के वाणिज्य मंत्री द्वारा 18 शताब्दी में उस समय की सरकार के लिये किया गया। 19 शताब्दी में इस शब्द का नया रूप Burokratie जर्मनी में अपनाया गया और वहीं से यह शब्द अंग्रेजी भाषा में आया । आज संगठन का प्रभुत्वशाली रूप नौकरशाही है। इस शब्द का प्रयोग कई अर्थों में किया जाता है। इसका प्रयोग कई बार एक प्रशासकीय वर्ग की पहचान के लिया किया जाता है तो कभी एक कार्य पद्धतिएक सिद्धांत या सामाजिक श्रेणी के रूप में किया जाता है।

 

नौकरशाही की परिभाषायें (Definitions of Bureaucracy):

 

मैक्स वेबर: 

नौकरशाही प्रबंध कार्य निष्पादन के लिये संबंधोंसत्ताउद्देश्योंभूमिकाओंक्रियाओंसम्प्रेषण आदि घटकों की संरचना है।

 

आर्थर डेविस: 

नौकरशाही व्यवस्थित नियमों द्वारा परिभाषित विशिष्ट पदों की एक एकीकृत श्रृंखला है यह एक अवैयक्तिक नित्यक्रमिक संरचना है जिसमें वैधानिक सत्ता पद से जुड़ी होती है किसी व्यक्ति से नहीं ।

 

हिक्स एवं गुलिटः 

नौकरशाही विशिष्ट पदों का एकीकृत सोपान होता है जिनको व्यवस्थित नियमों के द्वारा परिभाषित किया किया गया होता है यह एक अवैक्तिक नित्यचर्या पर चलने वाली संरचना है जिसमें सत्ता पद से जुड़ी होती हैन कि उस व्यक्ति के साथ जो उस पद ओर काम करता है।

 

नौकरशाही की विशेषतायें (Features of Bureaucracy):

 

नौकरशाही को अपने अध्ययन का विषय वस्तु बनाने वाले विचारकों में कार्ल मार्क्सरोबेर्टो मिकल्स आदि प्रमुख हैं। परन्तु नौकरशाही का सबसे व्यवस्थित अध्ययन जर्मनी के समाजशास्त्री मैक्स वेबर (1864-1920) ने किया है। यह प्रशासन का एक प्रतिष्ठित एवं परम्परागत रूप है। इसकी मुख्य विशेषताएं निम्नांकित हैं :

 

I) विशिष्टीकरण एवं कार्य विभाजन (Specialization & Division of labour): 

वेबेर के अनुसार नौकरशाही योग्यता का एक विशिष्ट क्षेत्र है। इसमें कार्यों का विभाजन करके पदधारक को उन कार्यों के सम्बन्ध में आवश्यक दायित्व एवं अधिकार सौंप दिए जाते हैं।

 

II) पदानुक्रम (Hierarchy):

 नौकरशाही के समस्त पदस्तरश्रेणियाँ एवं स्थितियाँ श्रिंखलाबद्ध होती हैं। प्रत्येक निम्न पद एक उच्च पद के नियंत्रण एवं मार्गदर्शन में होता है। इस प्रकार प्रत्येक कर्मचारी किसी न किसी के नियंत्रण में होता है।

 

III) निरपेक्ष नियमों की प्रणाली ( A System of abstracts rules): 

नौकरशाही प्रशासन में निरपेक्ष नियमोंविनियमों तथा कार्यविधियों की स्थिर व्यवस्था के आधार पर निर्णय लिए जाते हैं। संस्था के सदस्यों का व्यवहार अनुशासित एवं नियंत्रण के अधीन होता है।

 

IV) अवैयक्तिक संबंध (Impersonal relationship): 

नौकरशाही प्रशासन में कर्तव्यों का पालन अवैयक्तिक भावना के आधार पर किया जाता है। इसमें भावनात्मक संबंधों का कोई स्थान नहीं होता है। यह आदर्श बुद्धिवाद पर टिका रहता है यथार्थता पर नहीं

 

(V) योग्यता पर आधारित (Based on competency):

 इस प्रकार के प्रशासन में सदस्यों का चयन निष्पक्ष योग्यताओ के आधार पर किया जाता है। इन योग्यताओं की प्राप्ति प्रशिक्षणपरीक्षाओं के पास करनेडिप्लोमा अथवा इन सभी के माध्यम से होती है।

 

VI) कानूनी सत्ता एवं शक्ति (legal authority and power): 

नौकरशाही में सत्ता या शक्ति संस्था या पद में निहित होते हैं। एक व्यक्ति एक समय में एक पद पर कार्य करता है। जिस शक्ति का वह प्रयोग करता है। उसकी वैधता उसे पद से प्राप्त होती है।

 

VII) जीवनकालिक उन्नति दृष्टिकोण (Career aspects): 

रोजमर्रा ही साधारणतया आधिकारियों का एक मात्र पेशा होती है। यह कार्य जीवन कालिक उन्नति का होता है जिसमें कार्य काल की स्थिरता और पेंशन के अधिकार प्राप्त होते है। पदोन्नति वरिष्ठता तथा अथवा उपलब्धि पर आधारित होती है जिसका निर्णय उच्चाधिकारी करते हैं। किसी निपेक्ष या विशिष्ट कारण से ही किसी को नौकरी से हटाया जा सकता है।

 

VIII) लिखित अभिलेख (Written documents) : 

नौकरशाही व्यवस्था के अंतर्गत सभी प्रशासनिक नियमोंनिर्णयोंतथा कार्यवाहियों का लिखित अभिलेख रखा जाता हैं। ऐसा करने से दो लाभ होते हैं - 1 ) ये अभिलेख ही प्रशासन को जनता के प्रति उत्तरदायी बनाते हैं। 2) भविष्य के निर्णयों में इन अभिलेखों का इस्तेमाल सन्दर्भ के रूप में होता हैं।

 

नौकरशाही की आलोचनायें (Criticisms of Bureaucracy):

 

I) नौकरशाही सिद्धांत को मशीन सिद्धांत भी कहा जाता है क्योंकि यह संगठन एवं वातावरण के बीच अन्तः क्रिया की व्याख्या नहीं करता है। 

II) यह बंद प्रणाली का एक मॉडल प्रस्तुत करता है जिसमें परिवर्तन के साथ समायोजन की क्षमता नहीं होती है। 

III) नौकरशाही के संरचनात्मक घटक उन कार्यों के लिये असरदार नहीं होते हैं जिनमें नवीनता एवं सृजनात्मकता होती है। ये केवल रूटीन कार्यों के लिये लाभकारी होते हैं । 

IV) इससे संगठन में जड़तालोचहीनतासंकीर्णता तथा नियमों के बुद्धिहीन अनुगमन पर जोर देता है। 

V) इससे अधीनस्थों के व्यक्तित्व के विकास में बाधा पहुँचती है क्योंकि वे सिर्फ अपने अधिकारियों के हाथों की कठपुतली मात्र होते हैं । 

VI) इस व्यवस्था में प्रशासकों का अधिकांश समय कागजी कार्यवाही में व्यतीत होता है। प्रशासकों को " Glorified Clerk" की संज्ञा दी गयी है। 

VII) लाल फीताशाही एक ऐसी समस्या है जिसका उद्गम स्थल नौकरशाही ही रही है। 

VIII) यह व्यवस्था इस मान्यता पर आधारित है कि पद पर आसीन व्यक्ति तकनीकी रूप से योग्य ही होता है । परन्तु ऐसा कोई जरुरी नहीं है उसके आदेश हमेशा सही हों। ऐसे में अधीनस्थों के समक्ष विरोधाभास उत्पन्न हो जाता है कि वो किसकी आज्ञा का पालन करें - सही आदेश निर्गत करने वाला व्यक्ति या अत्यधिक योग्यता वाला व्यक्ति (the person with the right command or the man with the great expertise)

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