मुहम्मद कुली कुतुबशाह ऐतिहासिक व्यक्तित्व के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी | Muhmmad Kuli Kutubshah Important GK Fact in Hindi

मुहम्मद कुली कुतुबशाह ऐतिहासिक व्यक्तित्व के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी  
Muhmmad Kuli Kutubshah Important GK Fact in Hindi
मुहम्मद कुली कुतुबशाह ऐतिहासिक व्यक्तित्व के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी  | Muhmmad Kuli Kutubshah Important GK Fact in Hindi


मुहम्मद कुली कुतुबशाह ऐतिहासिक व्यक्तित्व के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी 

कुली कुतुबशाह ( 1518-1543 ई.) एक तुर्क सरदार थाजिसने गोलकुंडा में कुतुबशाही वंश की स्थापना की थी. वह बहमनी वंश के सुल्तान मुहम्मदशाह तृतीय (1463-1482) का नौकर थाकिन्तु अपनी सूझबूझ और स्वामीभक्ति के कारण उसने शीघ्र ही उच्च पद प्राप्त कर लिया था. 90 वर्ष की उम्र में कुली कुतुबशाह की हत्या उसके पुत्र जमशेद कुतुबशाह ने कर दी और सिंहासन पर अधिकार कर लिया.

 

कुली कुतुबशाह ( 1518-1543 ई.) प्रमुख तथ्य

 

  • कुली कुतुबशाह सुल्तान मुहम्मदशाह तृतीय के वजीर मुहम्मद गवाँ का विशेष कृपापात्र बन गया था. 
  • उसकी कृपा दृष्टि होने के कारण वह पदोन्नति करके बहमनी राज्य के पूर्वी भाग अर्थात् गोलकुंडा का हाकिम नियुक्त हो गया. 
  • 1481 ई. में अपने संरक्षक मुहम्मद गवाँ का वध कर दिए जाने पर कुली कुतुबशाह ने बीदर के दरबार से नाता तोड़ लिया. बाद के दिनों में उसने 1518 ई. में अपने को गोलकुंडा का स्वतंत्र शासक घोषित कर दिया. 
  • एक शासक के रूप में कुली कुतुबशाह ने 1543 ई. तक शासन किया. 
  • उस समय जब उसकी अवस्था 90 वर्ष की हो चुकी थीउसके पुत्र जमशेद ने उसकी हत्या कर दी और राजगद्दी पर अधिकार कर लिया. 
  • कुतुबशाही वंश के शासकों ने गोलकुंडा पर 1687 ई. तक राज किया. 
  • 1687 ई. में मुगल बादशाह औरंगजेब ने गोलकुंडा को जीत लिया और उसे मुगल साम्राज्य में मिला लिया.

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